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||चोलों की स्थायी सेना में पैदल, गजारोही, अश्वारोही आदि सैनिक शामिल होते थे। इनके पास एक बड़ी शक्तिशाली नौसेना रहती थी, जो [[राजराज प्रथम]] एवं [[राजेन्द्र प्रथम]] के समय में चरमोत्कर्ष पर थी। [[बंगाल की खाड़ी]] [[चोल]] नौसेना के कारण ही 'चोलों की झील' बन गई। 'बड़पेर्र कैककोलस' राजा की व्यक्तिगत सुरक्षा में तैनात पैदल दल को कहते थे, जबकि 'कुंजिर-मल्लर' गजारोही दल को, 'कुदिरैच्चैवगर' अश्वारोही दल को, 'बिल्लिगल' धनुर्धारी | ||[[चित्र:Rajaraja mural-2.jpg|right|120px|राजा राजराजा चोल और गुरु (शिक्षक) करूवुरार]]चोलों की स्थायी सेना में पैदल, गजारोही, अश्वारोही आदि सैनिक शामिल होते थे। इनके पास एक बड़ी शक्तिशाली नौसेना रहती थी, जो [[राजराज प्रथम]] एवं [[राजेन्द्र प्रथम]] के समय में चरमोत्कर्ष पर थी। [[बंगाल की खाड़ी]] [[चोल]] नौसेना के कारण ही 'चोलों की झील' बन गई। 'बड़पेर्र कैककोलस' राजा की व्यक्तिगत सुरक्षा में तैनात पैदल दल को कहते थे, जबकि 'कुंजिर-मल्लर' गजारोही दल को, 'कुदिरैच्चैवगर' अश्वारोही दल को, 'बिल्लिगल' धनुर्धारी दल को कहा जाता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चोल]] | ||
{'[[तुग़लक़नामा]]' के रचनाकार का नाम है- | {'[[तुग़लक़नामा]]' के रचनाकार का नाम है- |
08:26, 3 अगस्त 2011 का अवतरण
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