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-लक्ष्मी नारायण लाल  
-लक्ष्मी नारायण लाल  
-गोविन्द वल्लभ पंत  
-गोविन्द वल्लभ पंत  
||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|100px|right|जयशंकर प्रसाद]]जयशंकर प्रसाद की शिक्षा घर पर ही आरम्भ हुई। संस्कृत, हिन्दी, फ़ारसी, उर्दू के लिए शिक्षक नियुक्त थे। इनमें रसमय सिद्ध प्रमुख थे। प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों के लिए दीनबन्धु ब्रह्मचारी शिक्षक थे। कुछ समय के बाद स्थानीय क्वीन्स कॉलेज में प्रसाद का नाम लिख दिया गया, पर यहाँ पर वे आठवीं कक्षा तक ही पढ़ सके। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जयशंकर प्रसाद]]  
||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|100px|right|जयशंकर प्रसाद]]जयशंकर प्रसाद की शिक्षा घर पर ही आरम्भ हुई। संस्कृत, हिन्दी, फ़ारसी, उर्दू के लिए शिक्षक नियुक्त थे। इनमें रसमय सिद्ध प्रमुख थे। प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों के लिए दीनबन्धु ब्रह्मचारी शिक्षक थे। कुछ समय के बाद स्थानीय क्वीन्स कॉलेज में प्रसाद का नाम लिख दिया गया, पर यहाँ पर वे आठवीं कक्षा तक ही पढ़ सके।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जयशंकर प्रसाद]]  


{'श्रद्धा' किस कृति की नायिका है?
{'श्रद्धा' किस कृति की नायिका है?
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-[[तमिल भाषा]]
-[[तमिल भाषा]]
-[[उर्दू भाषा]]
-[[उर्दू भाषा]]
||[[चित्र:Mahatma Gandhi International Hindi University.jpg|thumb|100px|right|महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय ]]भारत में सर्वाधिक प्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में जैन ग्रंथों में मिलता है। 'नागरी' नाम के संबंध में मतैक्य नहीं है। कुछ लोग इसका कारण नगरों में प्रयोग को बताते हैं। यह अपने आरंभिक रूप में ब्राह्मी लिपि के नाम से जानी जाती थी। इसका वर्तमान रूप नवी-दसवीं शताब्दी से मिलने लगता है।  
||[[चित्र:Mahatma Gandhi International Hindi University.jpg|thumb|100px|right|महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय ]]भारत में सर्वाधिक प्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में जैन ग्रंथों में मिलता है। 'नागरी' नाम के संबंध में मतैक्य नहीं है। कुछ लोग इसका कारण नगरों में प्रयोग को बताते हैं। यह अपने आरंभिक रूप में ब्राह्मी लिपि के नाम से जानी जाती थी। इसका वर्तमान रूप नवी-दसवीं शताब्दी से मिलने लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिन्दी भाषा]]  
{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिन्दी भाषा]]  




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-कुटिल लिपि
-कुटिल लिपि
+[[ब्राह्मी लिपि]]
+[[ब्राह्मी लिपि]]
||[[चित्र:Brahmi Lipi-1.jpg|thumb|100px|right|]]एरण (सागर ज़िला, म.प्र.) से तांबे के कुछ सिक्के मिले हैं, जिनमें से एक पर 'धमपालस' शब्द के अक्षर दाईं ओर से बाईं ओर को लिखे हुए मिलते हैं। चूंकि, सेमेटिक लिपियां भी दाईं ओर से बाईं ओर को लिखी जाती थीं, इसलिए ब्यूह्लर ने इस अकेले सिक्के के आधार पर यह कल्पना कर ली कि आरंभ में ब्राह्मी लिपि भी सेमेटिक लिपियों की तरह दाईं ओर से बाईं ओर को लिखी जाती थी।
||[[चित्र:Brahmi Lipi-1.jpg|thumb|100px|right|]]एरण (सागर ज़िला, म.प्र.) से तांबे के कुछ सिक्के मिले हैं, जिनमें से एक पर 'धमपालस' शब्द के अक्षर दाईं ओर से बाईं ओर को लिखे हुए मिलते हैं। चूंकि, सेमेटिक लिपियां भी दाईं ओर से बाईं ओर को लिखी जाती थीं, इसलिए ब्यूह्लर ने इस अकेले सिक्के के आधार पर यह कल्पना कर ली कि आरंभ में ब्राह्मी लिपि भी सेमेटिक लिपियों की तरह दाईं ओर से बाईं ओर को लिखी जाती थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्राह्मी लिपि]]  
{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्राह्मी लिपि]]  




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# इसे मध्यदेश भी कहते थे।
# इसे मध्यदेश भी कहते थे।
# यहाँ बोली जानेवाली भाषा शौरसेनी कहलाती थी।
# यहाँ बोली जानेवाली भाषा शौरसेनी कहलाती थी।
# अन्य क्षेत्रीय रूप थे- पूर्वदेश की मागधी अथवा अर्धमागधी और पश्चिमौत्तर प्रदेश की पैशाची।
# अन्य क्षेत्रीय रूप थे- पूर्वदेश की मागधी अथवा अर्धमागधी और पश्चिमौत्तर प्रदेश की पैशाची।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शौरसेनी भाषा]]  
{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शौरसेनी भाषा]]  


{श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है?
{श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है?
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-रामदास
-रामदास
+[[बल्लभाचार्य]]  
+[[बल्लभाचार्य]]  
||श्री लक्ष्मण भट्ट अपने संगी-साथियों के साथ यात्रा के कष्टों को सहन करते हुए जब वर्तमान मध्य प्रदेश में रायपुर ज़िले के चंपारण्य नामक वन में होकर जा रहे थे, तब उनकी पत्नी को अकस्मात प्रसव-पीड़ा होने लगी। सांयकाल का समय था। सब लोग पास के चौड़ा नगर में रात्रि को विश्राम करना चाहते थे; किन्तु इल्लमा जी वहाँ तक पहुँचने में भी असमर्थ थीं।  
||श्री लक्ष्मण भट्ट अपने संगी-साथियों के साथ यात्रा के कष्टों को सहन करते हुए जब वर्तमान मध्य प्रदेश में रायपुर ज़िले के चंपारण्य नामक वन में होकर जा रहे थे, तब उनकी पत्नी को अकस्मात प्रसव-पीड़ा होने लगी। सांयकाल का समय था। सब लोग पास के चौड़ा नगर में रात्रि को विश्राम करना चाहते थे; किन्तु इल्लमा जी वहाँ तक पहुँचने में भी असमर्थ थीं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बल्लभाचार्य]]   
{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बल्लभाचार्य]]   
   
   
{'[[कामायनी]]' किस प्रकार का ग्रंथ है?
{'[[कामायनी]]' किस प्रकार का ग्रंथ है?
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+[[महाकाव्य]]
+[[महाकाव्य]]
-चम्पू काव्य
-चम्पू काव्य
||महाकाव्य के पात्रों के संबंध में अरस्तू ने केवल इतना कहा है कि 'महाकाव्य और त्रासदी में यह समानता है कि उसमें भी उच्चतर कोटि के पात्रों की पद्यबद्ध अनुकृति रहती है।' त्रासदी के पात्रों से समानता के आधार पर यह निष्कर्ष निकालना कठिन नहीं कि महाकाव्य के पात्र भी प्राय: त्रासदी के समान भद्र, वैभवशाली, कुलीन और यशस्वी होने चाहिए।
||महाकाव्य के पात्रों के संबंध में अरस्तू ने केवल इतना कहा है कि 'महाकाव्य और त्रासदी में यह समानता है कि उसमें भी उच्चतर कोटि के पात्रों की पद्यबद्ध अनुकृति रहती है।' त्रासदी के पात्रों से समानता के आधार पर यह निष्कर्ष निकालना कठिन नहीं कि महाकाव्य के पात्र भी प्राय: त्रासदी के समान भद्र, वैभवशाली, कुलीन और यशस्वी होने चाहिए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाकाव्य]]  
{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाकाव्य]]  


{[[बिहारी]] किस राजा के दरबारी कवि थे?
{[[बिहारी]] किस राजा के दरबारी कवि थे?
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+[[राम]]  
+[[राम]]  
-[[विष्णु]]
-[[विष्णु]]
||[[चित्र:Rama-Sita-Lakshmana-In-The-Forest.jpg|right|100px|जंगल में राम, सीता और लक्ष्मण]]माना जाता है कि राम का जन्म प्राचीन भारत में हुआ था। उनके जन्म के समय का अनुमान सही से नहीं लगाया जा सका है। आज के युग में राम का जन्म, रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। राम चार भाईयो में से सबसे बड़े थे, इनके भाइयो के नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। राम बचपन से ही शान्त स्वभाव के वीर पुरुष थे।  
||[[चित्र:Rama-Sita-Lakshmana-In-The-Forest.jpg|right|100px|जंगल में राम, सीता और लक्ष्मण]]माना जाता है कि राम का जन्म प्राचीन भारत में हुआ था। उनके जन्म के समय का अनुमान सही से नहीं लगाया जा सका है। आज के युग में राम का जन्म, रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। राम चार भाईयो में से सबसे बड़े थे, इनके भाइयो के नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। राम बचपन से ही शान्त स्वभाव के वीर पुरुष थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राम]]  
{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राम]]  


{[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] पानेवाले हिन्दी के प्रथम साहित्यकार हैं-
{[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] पानेवाले हिन्दी के प्रथम साहित्यकार हैं-
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-[[अज्ञेय]]  
-[[अज्ञेय]]  
-[[महादेवी वर्मा]]
-[[महादेवी वर्मा]]
||[[चित्र:Sumitranandan-Pant.jpg|right|100px|सुमित्रानंदन पंत]]सुमित्रानंदन पंत को अन्य पुरस्कारों के अलावा पद्म भूषण (1961) और ज्ञानपीठ पुरस्कार (1968) से सम्मानित किया गया। कला और बूढ़ा चाँद के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, लोकायतन पर सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार एवं चिदंबार पर इन्हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ।  
||[[चित्र:Sumitranandan-Pant.jpg|right|100px|सुमित्रानंदन पंत]]सुमित्रानंदन पंत को अन्य पुरस्कारों के अलावा पद्म भूषण (1961) और ज्ञानपीठ पुरस्कार (1968) से सम्मानित किया गया। कला और बूढ़ा चाँद के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, लोकायतन पर सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार एवं चिदंबार पर इन्हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुमित्रानन्दन पंत]]  
{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुमित्रानन्दन पंत]]  
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06:48, 12 अगस्त 2011 का अवतरण

हिन्दी

1 कबीरदास की भाषा थी-

ब्रज भाषा
कन्नौजी बोली
सधुक्कड़ी बोली
खड़ी बोली

2 'जनमेजय का नागयज्ञ' किसकी कृति हैं?

सेठ गोविन्द दास
जयशंकर प्रसाद
लक्ष्मी नारायण लाल
गोविन्द वल्लभ पंत

3 'श्रद्धा' किस कृति की नायिका है?

कामायनी
कुरुक्षेत्र
रामायण
साकेत

4 'आकाशदीप' कहानी के लेखक हैं-

भगवतीचरण शर्मा
जैनेन्द्र कुमार
जयशंकर प्रसाद
अमृत राय

5 आचार्य रामचन्द्र शुल्क के निबन्ध संग्रह का नाम है-

चिंतामणि
झरना
आँसू
कामायनी

6 भारत में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा कौन-सी है?

हिन्दी भाषा
संस्कृत भाषा
तमिल भाषा
उर्दू भाषा

7 अधिकतर भारतीय भाषाओं का विकास किस लिपि से हुआ?

शारदा लिपि
खरोष्ठी लिपि
कुटिल लिपि
ब्राह्मी लिपि

8 हिन्दी खड़ी बोली किस अपभ्रंश से विकसित हुई है?

मागधी
अर्द्धमागधी
शौरसेनी
ब्राचड़

9 श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है?

उत्साह
शांत
अद्भुत
बीभत्स

10 माधुर्य गुण का किस रस में प्रयोग होता है?

शांत
श्रृंगार
भयानक
रौद्र

11 'भारत के सम भारत है' में कौन-सा अलंकार है?

रूपक
अनंवय
उपमा
यमक

12 सुरदास के गुरू कौन थे?

रामानंद
मध्वाचार्य
रामदास
बल्लभाचार्य

13 'कामायनी' किस प्रकार का ग्रंथ है?

खण्ड काव्य
मुक्तक काव्य
महाकाव्य
चम्पू काव्य

14 बिहारी किस राजा के दरबारी कवि थे?

महाराणा प्रताप
शिवाजी
जय सिंह
तेज सिंह

15 तुलसीदास ने अपनी रचनाओं में किसका वर्णन किया है?

शिव
कृष्ण
राम
विष्णु