"मेरा सजल मुख देख लेते! -महादेवी वर्मा": अवतरणों में अंतर
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<poem>मेरा सजल मुख देख लेते! | <poem> | ||
यह करुण मुख देख | मेरा सजल | ||
मुख देख लेते! | |||
यह करुण | |||
मुख देख लेते! | |||
सेतु शूलों का बना बाँधा विरह- | सेतु शूलों का बना बाँधा विरह-बारिश का जल | ||
फूल की पलकें बनाकर प्यालियाँ बाँटा हलाहल! | फूल की पलकें बनाकर प्यालियाँ बाँटा हलाहल! | ||
पंक्ति 57: | पंक्ति 60: | ||
हँस हार आज अनेक देते! | हँस हार आज अनेक देते! | ||
घुल गई इन आँसुओं में देव | घुल गई इन आँसुओं में देव जाने कौन हाला, | ||
झूमता है विश्व पी-पी घूमती नक्षत्र-माला; | झूमता है विश्व पी-पी घूमती नक्षत्र-माला; | ||
पंक्ति 65: | पंक्ति 68: | ||
गिन आँसुओं की रख लेते! | गिन आँसुओं की रख लेते! | ||
शिथिल चरणों के थकित इन नूपुरों की करुण | शिथिल चरणों के थकित इन नूपुरों की करुण रुनझुन | ||
विरह की इतिहास कहती, जो कभी पाते सुभग सुन; | विरह की इतिहास कहती, जो कभी पाते सुभग सुन; | ||
पंक्ति 71: | पंक्ति 74: | ||
आ अचल उर! | आ अचल उर! | ||
वार देते मुक्ति, खो | वार देते मुक्ति, खो | ||
निर्वाण का सन्देश देते! | |||
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10:54, 20 अगस्त 2011 का अवतरण
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मेरा सजल |
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