"मिटने का अधिकार -महादेवी वर्मा": अवतरणों में अंतर

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<poem>वे मुस्काते फूल, नहीं
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वे मुस्काते फूल, नहीं
जिनको आता है मुरझाना,
जिनको आता है मुरझाना,
वे तारों के दीप, नहीं
वे तारों के दीप, नहीं
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वे नीलम के मेघ, नहीं
वे नीलम के मेघ, नहीं
जिनको है घुल जाने की चाह
जिनको है घुल जाने की चाह
वह अनन्त रितुराज, नहीं
वह अनन्त ऋतुराज, नहीं
जिसने देखी जाने की राह
जिसने देखी जाने की राह


ऎसा तेरा लोक, वेदना
ऐसा तेरा लोक, वेदना
नहीं,नहीं जिसमें अवसाद,
नहीं,नहीं जिसमें अवसाद,
जलना जाना नहीं, नहीं
जलना जाना नहीं, नहीं
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तेरी करुणा का उपहार
तेरी करुणा का उपहार
रहने दो हे देव! अरे
रहने दो हे देव! अरे
यह मेरे मिटने अधिकार!</poem>
यह मेरे मिटने का अधिकार!
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10:58, 20 अगस्त 2011 का अवतरण

मिटने का अधिकार -महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा
कवि महादेवी वर्मा
जन्म 26 मार्च, 1907
जन्म स्थान फ़र्रुख़ाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 22 सितम्बर, 1987
मृत्यु स्थान प्रयाग, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ 'मेरा परिवार', 'स्मृति की रेखाएँ', 'पथ के साथी', 'शृंखला की कड़ियाँ', 'अतीत के चलचित्र', नीरजा, नीहार
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
महादेवी वर्मा की रचनाएँ

वे मुस्काते फूल, नहीं
जिनको आता है मुरझाना,
वे तारों के दीप, नहीं
जिनको भाता है बुझ जाना

वे सूने से नयन, नहीं
जिनमें बनते आँसू मोती,
वह प्राणों की सेज, नही
जिसमें बेसुध पीड़ा, सोती

वे नीलम के मेघ, नहीं
जिनको है घुल जाने की चाह
वह अनन्त ऋतुराज, नहीं
जिसने देखी जाने की राह

ऐसा तेरा लोक, वेदना
नहीं,नहीं जिसमें अवसाद,
जलना जाना नहीं, नहीं
जिसने जाना मिटने का स्वाद!

क्या अमरों का लोक मिलेगा
तेरी करुणा का उपहार
रहने दो हे देव! अरे
यह मेरे मिटने का अधिकार!

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