"क्या पूजन -महादेवी वर्मा": अवतरणों में अंतर
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<poem>क्या पूजन | <poem> | ||
क्या पूजन, | |||
क्या पूजन क्या अर्चन रे! | क्या पूजन क्या अर्चन रे! | ||
उस असीम का सुंदर मंदिर | उस असीम का सुंदर मंदिर, | ||
मेरा लघुतम जीवन रे | मेरा लघुतम जीवन रे, | ||
मेरी श्वासें करती रहतीं | मेरी श्वासें करती रहतीं, | ||
नित प्रिय का अभिनंदन रे | नित प्रिय का अभिनंदन रे! | ||
पद रज को धोने उमड़े | पद रज को धोने उमड़े, | ||
आते लोचन में जल कण रे | आते लोचन में जल कण रे, | ||
अक्षत पुलकित रोम मधुर | अक्षत पुलकित रोम मधुर, | ||
मेरी पीड़ा का चंदन रे | मेरी पीड़ा का चंदन रे! | ||
स्नेह भरा जलता है झिलमिल | स्नेह भरा जलता है झिलमिल, | ||
मेरा यह दीपक मन रे | मेरा यह दीपक मन रे, | ||
मेरे दृग के तारक में | मेरे दृग के तारक में, | ||
नव उत्पल का उन्मीलन रे | नव उत्पल का उन्मीलन रे! | ||
धूप बने उड़ते जाते हैं | धूप बने उड़ते जाते हैं, | ||
प्रतिपल मेरे स्पंदन रे | प्रतिपल मेरे स्पंदन रे, | ||
प्रिय प्रिय जपते अधर ताल | प्रिय प्रिय जपते अधर ताल, | ||
देता पलकों का नर्तन रे </poem> | देता पलकों का नर्तन रे! | ||
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07:45, 24 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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क्या पूजन, |