"राजुबुल": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Kambojika-1.jpg|महाक्षत्रप राजुल की अग्रमहिषी महाराज्ञी [[कम्बोजिका]]<br /> Female Statue Probably Representing Kambojika Chief Queen of Mahakshatrapa Rajula |thumb|250px]] | [[चित्र:Kambojika-1.jpg|महाक्षत्रप राजुल की अग्रमहिषी महाराज्ञी [[कम्बोजिका]]<br /> Female Statue Probably Representing Kambojika Chief Queen of Mahakshatrapa Rajula |thumb|250px]] | ||
राजबुल अथवा राजवुल (प्रथम शताब्दी) [[मथुरा]] का इन्डो सीथियन शासक। 1869 ई. में मथुरा से पत्थर का यह 'सिंह-शीर्ष' मिला जो लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम में रखा हुआ है। इस पर [[खरोष्ठी|खरोष्ठी लिपि]] और [[प्राकृत]] भाषा में कई लेख हैं। इनमें [[क्षत्रप]] शासकों के नाम मिलते हैं। एक शिलालेख में [[महाक्षत्रप]] राजुबुल की पटरानी [[कंबोजिका|कमुइअ]] (कंबोजिका) के द्वारा [[बुद्ध]] के अवशेषों पर एक [[स्तूप]] तथा एक 'गुहा विहार' नामक मठ बनवाने का उल्लेख मिलता है। संभवत: यह मठ [[मथुरा]] में [[यमुना नदी|यमुना]]-तट पर वर्तमान सप्तर्षि टीला पर रहा होगा। यहीं से ऊपर उल्लेखित 'सिंह-शीर्ष' मिला था। इसके नाम रजुबुल, रंजुबुल और राजुल भी मिलते हैं। यह पहले शाकल का शासक था। हगान और हगामष से इसका क्या संबंध था, यह स्पष्ट नहीं। | राजबुल अथवा राजवुल (प्रथम शताब्दी) [[मथुरा]] का इन्डो सीथियन शासक। 1869 ई. में मथुरा से पत्थर का यह 'सिंह-शीर्ष' मिला जो लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम में रखा हुआ है। इस पर [[खरोष्ठी|खरोष्ठी लिपि]] और [[प्राकृत]] भाषा में कई लेख हैं। इनमें [[क्षत्रप]] शासकों के नाम मिलते हैं। एक शिलालेख में [[महाक्षत्रप]] राजुबुल की पटरानी [[कंबोजिका|कमुइअ]] (कंबोजिका) के द्वारा [[बुद्ध]] के अवशेषों पर एक [[स्तूप]] तथा एक 'गुहा विहार' नामक मठ बनवाने का उल्लेख मिलता है। संभवत: यह मठ [[मथुरा]] में [[यमुना नदी|यमुना]]-तट पर वर्तमान सप्तर्षि टीला पर रहा होगा। यहीं से ऊपर उल्लेखित 'सिंह-शीर्ष' मिला था। इसके नाम रजुबुल, रंजुबुल और राजुल भी मिलते हैं। यह पहले शाकल का शासक था। हगान और हगामष से इसका क्या संबंध था, यह स्पष्ट नहीं। | ||
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12:28, 20 अगस्त 2010 का अवतरण
राजबुल अथवा राजवुल
राजबुल अथवा राजवुल (प्रथम शताब्दी) मथुरा का इन्डो सीथियन शासक। 1869 ई. में मथुरा से पत्थर का यह 'सिंह-शीर्ष' मिला जो लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम में रखा हुआ है। इस पर खरोष्ठी लिपि और प्राकृत भाषा में कई लेख हैं। इनमें क्षत्रप शासकों के नाम मिलते हैं। एक शिलालेख में महाक्षत्रप राजुबुल की पटरानी कमुइअ (कंबोजिका) के द्वारा बुद्ध के अवशेषों पर एक स्तूप तथा एक 'गुहा विहार' नामक मठ बनवाने का उल्लेख मिलता है। संभवत: यह मठ मथुरा में यमुना-तट पर वर्तमान सप्तर्षि टीला पर रहा होगा। यहीं से ऊपर उल्लेखित 'सिंह-शीर्ष' मिला था। इसके नाम रजुबुल, रंजुबुल और राजुल भी मिलते हैं। यह पहले शाकल का शासक था। हगान और हगामष से इसका क्या संबंध था, यह स्पष्ट नहीं।
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