"केरल की जलवायु": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
छो (श्रेणी:नया पन्ना (को हटा दिया गया हैं।)) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
[[केरल]] राज्य में गर्म मौसम है क्योंकि यह भूमध्यरेखा से मात्र 8 डिग्री के अंतराल पर स्थित है। केरल राज्य की जलवायु की मुख्य विशेषता है- शीतल मन्द हवा और भारी | *[[केरल]] राज्य में गर्म मौसम है क्योंकि यह भूमध्यरेखा से मात्र 8 डिग्री के अंतराल पर स्थित है। | ||
*केरल राज्य की जलवायु की मुख्य विशेषता है- शीतल मन्द हवा और भारी [[वर्षा]]। | |||
*पश्चिमी मानसून से प्रमुख वर्षा काल प्रारम्भ होता है। | |||
*दूसरा वर्षाकाल उत्तरी-पश्चिमी मानसून है। | |||
*प्रत्येक वर्ष लगभग 120 से लेकर 140 दिन तक वर्षा होती रहती है। | |||
*केरल की औसत वार्षिक वर्षा 3017 मिली मीटर मानी जाती है। | |||
*केरल में भारी वर्षा से बाढ़ भी आती हैं जिससे जन और धन की भी बहुत हानि होती है। | |||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} |
12:17, 16 सितम्बर 2011 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- केरल राज्य में गर्म मौसम है क्योंकि यह भूमध्यरेखा से मात्र 8 डिग्री के अंतराल पर स्थित है।
- केरल राज्य की जलवायु की मुख्य विशेषता है- शीतल मन्द हवा और भारी वर्षा।
- पश्चिमी मानसून से प्रमुख वर्षा काल प्रारम्भ होता है।
- दूसरा वर्षाकाल उत्तरी-पश्चिमी मानसून है।
- प्रत्येक वर्ष लगभग 120 से लेकर 140 दिन तक वर्षा होती रहती है।
- केरल की औसत वार्षिक वर्षा 3017 मिली मीटर मानी जाती है।
- केरल में भारी वर्षा से बाढ़ भी आती हैं जिससे जन और धन की भी बहुत हानि होती है।
|
|
|
|
|