"संत कबीर नगर ज़िला": अवतरणों में अंतर
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==संत कबीर नगर जिला एक नजर में== | |||
राज्य - उत्तर प्रदेश | |||
क्षेत्रफल - 1659.15 वर्ग किलोमीटर | |||
जनसंख्या - 1,152,110 (1991 जनगणना) | |||
साक्षरता - 33 % (1991) | |||
एस. टी. डी (STD) कोड - 05547 | |||
अक्षांश - उत्तर | |||
देशांतर - पूर्व | |||
घूमने का समय - नवम्बर से मार्च | |||
संत कबीर नगर | ==संत कबीर नगर जिले का परिचय== | ||
संत कबीर नगर जिला उत्तरी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के 70 जिलों में से एक है। जो पूर्वी उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। खलीलाबाद शहर, जिले का मुख्यालय है। संत कबीर नगर जिला बस्ती मंडल का एक हिस्सा है। | |||
जिले की सीमाएं उत्तर में सिद्धार्थनगर और महाराजगंज जिलों, पूर्व में गोरखपुर जिले, दक्षिण में अम्बेडकर नगर जिले और पश्चित में बस्ती जिले से मिलती हैं। | ==संत कबीर नगर जिले की भौगोलिक विवरण== | ||
संत कबीर नगर जिले की सीमाएं उत्तर में सिद्धार्थनगर और महाराजगंज जिलों से, पूर्व में गोरखपुर जिले से, दक्षिण में अम्बेडकर नगर जिले से और पश्चित में बस्ती जिले से मिलती हैं। इस जिले का क्षेत्रफल 1659.15 वर्ग किलोमीटर है। | |||
बखीरा, हैंसर, मगहर और तामा आदि यहां के प्रमुख स्थलों में से हैं। घाघरा और राप्ती यहां की प्रमुख नदियां है। जिला स्थालकृतिक रूप से कई सारे विशिष्ट भागों में विभाजित है। दक्षिण में घाघरा की निचली घाटी, केंद्रीय ऊँची जमीन, और ताप्ती और अन्य नदियों के बीच निम्न धान के इलाके। | |||
जिला | लगभग 21 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जातियों की है। मुसलमान जनसंख्या का लगभग 24 प्रतिशत हिस्सा हैं। | ||
==संत कबीर नगर जिले का नामकरण== | |||
संत कबीर नगर जिला का नाम 15वीं शताब्दी के रहस्यवादी कवि सूफी संत कबीर के नाम पर रखा गया है, जो जिले में मगहर शहर में रहते थे। कबीर एक प्रसिद्ध संत, दर्शनिक और विचारक थे। जिनके मौत की कथा लोकप्रिय है जो भारत में स्कूलों में पढ़ाया जाता है। | |||
==संत कबीर नगर जिला बनने का इतिहास== | |||
संत कबीर नगर जिला 5 सितंबर, 1997 को बनाया गया था। इस नए जिले में बस्ती जिले के तत्कालीन बस्ती तहसील के 131 गांवों और सिद्धार्थ नगर जिले के तत्कालीन बांसी तहसील के 161 गांवों शामिल थे। 5 सितंबर 1997 से पहले यह बस्ती जिले का तहसील था। | |||
==संत कबीर नगर जिले का क्षेत्र विभाजन== | |||
इस जिले में तीन तहसील खलीलाबाद, मेहदावल और धनघटा है। इस जिले में तीन विधान सभा क्षेत्र खलीलाबाद, मेहदावल और धनघटा है। ये सभी संत कबीर नगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा हैं। | |||
लगभग | ==संत कबीर नगर जिले के प्रमुख स्थान== | ||
;भगवान महादेव का तामेश्वरनाथ मंदिर | |||
खलीलाबाद से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तामा गांव में महादेव मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान तामेश्वर नाथ को समर्पित है। लोककथा के अनुसार मंदिर में स्थित मूर्ति तामा के समीप स्थित जंगल से प्राप्त हुई थी। राजा बंसी द्वारा इस प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया गया था। प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के अवसर पर यहां बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। काफी संख्या में भक्त इस मेले में सम्मिलित होते हैं। | |||
;संत कबीर का मगहर | |||
यह शहर जिला मुख्यालय के दक्षिण-पश्चिम से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह वही स्थान है जहां संत कवि कबीर की मृत्यु हुई थी। इस जगह पर संत कवि कबीर की एक मस्जिद स्थित है। इस मस्जिद में हिन्दू और मुसलमान दोनों ही पूरी श्रद्धा के साथ यहां आते हैं। 1567 में नवाब फिदाय खान ने इस मस्जिद का पुनर्निर्माण करवाया था। | |||
;बखीरा | |||
यह जगह खलीलाबाद से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विशेष रूप से यह जगह विशाल मोती झील के लिए जानी जाती है। माना जाता है कि इस झील का नाम नवाब सादत अली खान ने रखा था। सादत अली कभी-कभार इस जगह पर शिकार करने के लिए आया करते थे। बखीरा में लगने वाला बाजार भी काफी प्रसिद्ध है। इस बाजार में पीतल और कांसे से जुड़े काम की मांग सबसे अधिक रहती है। इसी कारण मिर्जापुर, वाराणसी और मुरादाबाद आदि जगहों से थोक विक्रेता इस जगह पर खरीददारी के लिए आते हैं। | |||
;खलीलाबाद | |||
खलीलाबाद, संत कबीर नगर जिले का मुख्यालय है। इस जगह की स्थापना काजी खलील-उर-रहमान ने की थी। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम खलीलाबाद रखा गया था। वर्तमान समय में यह जगह विशेष रूप से हाथ से बने कपड़ों के बाजार के लिए प्रसिद्ध है। इस बाजार को बरधाहिया बाजार के नाम से जाना जाता है। | |||
;हैंसर | |||
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय में हैंसर, सूर्यवंशी लाल जगत बहादुर से सम्बन्धित था। स्वतंत्रता संग्राम में लाल जगत बहादुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार के दिन यहां साप्ताहिक बाजार लगता है। इस जगह का क्षेत्रफल केवल 91.4 हैक्टेयर है। | |||
==संत कबीर नगर जिले का यातायात व्यवस्था== | |||
;वायु मार्ग:- | |||
सबसे निकटतम हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह गाजियाबाद से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। | |||
;रेल मार्ग:- | |||
रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से यहां पहुंचा जा सकता है। | |||
;सड़क मार्ग:- | |||
भारत के कई प्रमुख शहरों से सड़कमार्ग द्वारा संत कबीर नगर पहुंचा जा सकता है। | |||
==संकेतक और आँकडे़== | |||
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व्यक्ति = 1,420,226 <br> | व्यक्ति = 1,420,226 <br> | ||
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खलीलाबाद = 39,559 <br> | खलीलाबाद = 39,559 <br> | ||
मेहदावल = 24,662 <br> | मेहदावल = 24,662 <br> | ||
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* '''गाँवों में सुविधाएं''' | * '''गाँवों में सुविधाएं''' | ||
कुल आबाद गाँव = 1,576 <br> | कुल आबाद गाँव = 1,576 <br> |
21:12, 24 अक्टूबर 2011 का अवतरण
संत कबीर नगर ज़िला
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राज्य | उत्तर प्रदेश |
मुख्यालय | खलीलाबाद |
स्थापना | 5 सितंबर, 1997 ई. |
जनसंख्या | 1,152,110 (2001) |
क्षेत्रफल | 1659.15 वर्ग किलोमीटर |
मंडल | बस्ती |
कुल ग्राम | 292 |
मुख्य ऐतिहासिक स्थल | हैंसर |
मुख्य पर्यटन स्थल | मगहर |
साक्षरता | 33 % (1991) % |
दूरभाष कोड | 05547 |
वाहन पंजी. | U.P.- 54 |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 12:22, 8 अक्टूबर 2010 (IST)
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संत कबीर नगर जिला एक नजर में
राज्य - उत्तर प्रदेश क्षेत्रफल - 1659.15 वर्ग किलोमीटर जनसंख्या - 1,152,110 (1991 जनगणना) साक्षरता - 33 % (1991) एस. टी. डी (STD) कोड - 05547 अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व घूमने का समय - नवम्बर से मार्च
संत कबीर नगर जिले का परिचय
संत कबीर नगर जिला उत्तरी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के 70 जिलों में से एक है। जो पूर्वी उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। खलीलाबाद शहर, जिले का मुख्यालय है। संत कबीर नगर जिला बस्ती मंडल का एक हिस्सा है।
संत कबीर नगर जिले की भौगोलिक विवरण
संत कबीर नगर जिले की सीमाएं उत्तर में सिद्धार्थनगर और महाराजगंज जिलों से, पूर्व में गोरखपुर जिले से, दक्षिण में अम्बेडकर नगर जिले से और पश्चित में बस्ती जिले से मिलती हैं। इस जिले का क्षेत्रफल 1659.15 वर्ग किलोमीटर है।
बखीरा, हैंसर, मगहर और तामा आदि यहां के प्रमुख स्थलों में से हैं। घाघरा और राप्ती यहां की प्रमुख नदियां है। जिला स्थालकृतिक रूप से कई सारे विशिष्ट भागों में विभाजित है। दक्षिण में घाघरा की निचली घाटी, केंद्रीय ऊँची जमीन, और ताप्ती और अन्य नदियों के बीच निम्न धान के इलाके।
लगभग 21 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जातियों की है। मुसलमान जनसंख्या का लगभग 24 प्रतिशत हिस्सा हैं।
संत कबीर नगर जिले का नामकरण
संत कबीर नगर जिला का नाम 15वीं शताब्दी के रहस्यवादी कवि सूफी संत कबीर के नाम पर रखा गया है, जो जिले में मगहर शहर में रहते थे। कबीर एक प्रसिद्ध संत, दर्शनिक और विचारक थे। जिनके मौत की कथा लोकप्रिय है जो भारत में स्कूलों में पढ़ाया जाता है।
संत कबीर नगर जिला बनने का इतिहास
संत कबीर नगर जिला 5 सितंबर, 1997 को बनाया गया था। इस नए जिले में बस्ती जिले के तत्कालीन बस्ती तहसील के 131 गांवों और सिद्धार्थ नगर जिले के तत्कालीन बांसी तहसील के 161 गांवों शामिल थे। 5 सितंबर 1997 से पहले यह बस्ती जिले का तहसील था।
संत कबीर नगर जिले का क्षेत्र विभाजन
इस जिले में तीन तहसील खलीलाबाद, मेहदावल और धनघटा है। इस जिले में तीन विधान सभा क्षेत्र खलीलाबाद, मेहदावल और धनघटा है। ये सभी संत कबीर नगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा हैं।
संत कबीर नगर जिले के प्रमुख स्थान
- भगवान महादेव का तामेश्वरनाथ मंदिर
खलीलाबाद से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तामा गांव में महादेव मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान तामेश्वर नाथ को समर्पित है। लोककथा के अनुसार मंदिर में स्थित मूर्ति तामा के समीप स्थित जंगल से प्राप्त हुई थी। राजा बंसी द्वारा इस प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया गया था। प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के अवसर पर यहां बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। काफी संख्या में भक्त इस मेले में सम्मिलित होते हैं।
- संत कबीर का मगहर
यह शहर जिला मुख्यालय के दक्षिण-पश्चिम से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह वही स्थान है जहां संत कवि कबीर की मृत्यु हुई थी। इस जगह पर संत कवि कबीर की एक मस्जिद स्थित है। इस मस्जिद में हिन्दू और मुसलमान दोनों ही पूरी श्रद्धा के साथ यहां आते हैं। 1567 में नवाब फिदाय खान ने इस मस्जिद का पुनर्निर्माण करवाया था।
- बखीरा
यह जगह खलीलाबाद से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विशेष रूप से यह जगह विशाल मोती झील के लिए जानी जाती है। माना जाता है कि इस झील का नाम नवाब सादत अली खान ने रखा था। सादत अली कभी-कभार इस जगह पर शिकार करने के लिए आया करते थे। बखीरा में लगने वाला बाजार भी काफी प्रसिद्ध है। इस बाजार में पीतल और कांसे से जुड़े काम की मांग सबसे अधिक रहती है। इसी कारण मिर्जापुर, वाराणसी और मुरादाबाद आदि जगहों से थोक विक्रेता इस जगह पर खरीददारी के लिए आते हैं।
- खलीलाबाद
खलीलाबाद, संत कबीर नगर जिले का मुख्यालय है। इस जगह की स्थापना काजी खलील-उर-रहमान ने की थी। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम खलीलाबाद रखा गया था। वर्तमान समय में यह जगह विशेष रूप से हाथ से बने कपड़ों के बाजार के लिए प्रसिद्ध है। इस बाजार को बरधाहिया बाजार के नाम से जाना जाता है।
- हैंसर
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय में हैंसर, सूर्यवंशी लाल जगत बहादुर से सम्बन्धित था। स्वतंत्रता संग्राम में लाल जगत बहादुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार के दिन यहां साप्ताहिक बाजार लगता है। इस जगह का क्षेत्रफल केवल 91.4 हैक्टेयर है।
संत कबीर नगर जिले का यातायात व्यवस्था
- वायु मार्ग
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सबसे निकटतम हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह गाजियाबाद से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- रेल मार्ग
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रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से यहां पहुंचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग
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भारत के कई प्रमुख शहरों से सड़कमार्ग द्वारा संत कबीर नगर पहुंचा जा सकता है।
संकेतक और आँकडे़
- जनसंख्या
व्यक्ति = 1,420,226
पुरुष = 719,465
महिलाएँ = 700,761
बच्चे (0 से 4 वर्ष) = 192,455
दशकीय वृद्धि (1991-2001) = 23.64%
ग्रामीण = 1,319,675 (92.92%)
शहरी = 100,551 (7.08%)
लिंग अनुपात (प्रति 1000 महिलाएँ) = 974
परिवार का आकार (प्रति परिवार) = 7
अनु.जा. जनसंख्या = 300,902 (21.19%)
अनु.ज.जा. जनसंख्या = 307 (0.02%)
- सक्षरता दर
व्यक्ति = 50.88
पुरुष = 66.57
महिलाएँ = 34.92
- धार्मिक समूह (सबसे बड़े तीन)
हिन्दू = 1,073,646
मुसलमान = 341,154
बौद्ध = 3,775
- महत्वपूर्ण शहर (सबसे बड़े तीन)
खलीलाबाद = 39,559
मेहदावल = 24,662
मगहर (माघार) = 15,850
- गाँवों में सुविधाएं
कुल आबाद गाँव = 1,576
- निम्न सुविधाओं वाले गाँवः
सुरक्षित पीने का पानी = 1,551
बिजली (घरेलू) = 784
प्राथमिक स्कूल = 691
चिकित्सीय सुविधाएं = 262
पक्की सड़कें = 832
- स्वास्थ्य
गर्भवती महिलाएँ - जिन्हें कम से कम तीन या अधिक प्रसवपूर्व जाँच प्राप्त हुईं = 24.7%
गर्भवती महिलाएँ - जिन्हें कम से कम टी.टी. की एक सुई लगी = 83.7%
महिलाएँ - जिनका संस्थागत प्रसव हुआ = 26.0%
12-23 माह के बच्चे जिनका पूर्ण टीकाकरण हुआ = 46.0%
12-23 माह के बच्चे जिन्हें विटामिन ए की कम से कम एक खुराक मिली = 40.8%
- महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना
जॉब कार्ड प्राप्त परिवार = 132,567
पैदा किए गए सामूहिक व्यक्ति दिवस रोज़गार = 1,430,115
100 दिनों का रोज़गार पूरा करने वाले परिवार = 289
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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