"प्रतिशोध -मैथिलीशरण गुप्त": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "Category:जीवनी साहित्य" to "Category:काव्य कोश") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "नही " to "नहीं ") |
||
पंक्ति 35: | पंक्ति 35: | ||
नबी के पास वह अभियोग लाया। | नबी के पास वह अभियोग लाया। | ||
मुझे आज्ञा मिले प्रतिशोध लूँ मैं। | मुझे आज्ञा मिले प्रतिशोध लूँ मैं। | ||
नहीं निःशक्त वा निर्बोध हूँ मैं। | |||
उन्होंने शांत कर उसको कहा यों | उन्होंने शांत कर उसको कहा यों | ||
स्वजन मेरे न आतुर हो अहा यों। | स्वजन मेरे न आतुर हो अहा यों। |
13:24, 21 जनवरी 2012 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
| ||||||||||||||||||
|
किसी जन ने किसी से क्लेश पाया |
संबंधित लेख |