श्रेणी:आधुनिक साहित्य
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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- अंजलि के फूल गिरे जाते हैं -माखन लाल चतुर्वेदी
- अंधा युग -धर्मवीर भारती
- अंधेर नगरी -भारतेन्दु
- अजनबी की आवाज़ -आरसी प्रसाद सिंह
- अजातशत्रु नाटक -प्रसाद
- अज्ञात देश से आना -भगवतीचरण वर्मा
- अट नहीं रही है -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- अनोखा दान -सुभद्रा कुमारी चौहान
- अपाहिज व्यथा -दुष्यंत कुमार
- अब तो पथ यही है -दुष्यंत कुमार
- अमर राष्ट्र -माखन लाल चतुर्वेदी
- अमृत मंथन -रामधारी सिंह दिनकर
- अर्जुन की प्रतिज्ञा -मैथिलीशरण गुप्त
- असग़र वजाहत
आ
- आँसू -जयशंकर प्रसाद
- आग जलती रहे -दुष्यंत कुमार
- आज नयन के बँगले में -माखन लाल चतुर्वेदी
- आज प्रथम गाई पिक -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- आज प्रथम गाई पिक पंचम -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- आज मानव का -भगवतीचरण वर्मा
- आज मानव का सुनहला प्रात है -भगवतीचरण वर्मा
- आज शाम है बहुत उदास -भगवतीचरण वर्मा
- आज सडकों पर -दुष्यंत कुमार
- आराधना -सुभद्रा कुमारी चौहान
- आर्य -मैथिलीशरण गुप्त
- आषाढ़ का एक दिन -मोहन राकेश
इ
उ
- उक्ति -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- उठ महान -माखन लाल चतुर्वेदी
- उत्तरा -सुमित्रानन्दन पंत
- उत्साह -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- उद्धवशतक
- उपालम्भ -माखन लाल चतुर्वेदी
- उपेक्षा -सुभद्रा कुमारी चौहान
- उर्वशी -रामधारी सिंह दिनकर
- उल्लास -सुभद्रा कुमारी चौहान
- उस प्रभात, तू बात न माने -माखन लाल चतुर्वेदी
- उसे क्या कहूँ -दुष्यंत कुमार
ए
क
- कंकाल (उपन्यास)
- कल सहसा यह सन्देश मिला -भगवतीचरण वर्मा
- कलह-कारण -सुभद्रा कुमारी चौहान
- कला और बूढ़ा चाँद -सुमित्रानन्दन पंत
- कवि और कविता -रामधारी सिंह दिनकर
- कवि-श्री -आरसी प्रसाद सिंह
- कविता और शुद्ध कविता -रामधारी सिंह दिनकर
- कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिये -दुष्यंत कुमार
- काठ का सपना -गजानन माधव मुक्तिबोध
- कानन कुसुम
- काव्य और कला -जयशंकर प्रसाद
- काव्य की भूमिका -रामधारी सिंह दिनकर
- कुंकुम -बालकृष्ण शर्मा नवीन
- कुंज कुटीरे यमुना तीरे -माखन लाल चतुर्वेदी
- कुछ दोहे नीरज के -गोपालदास नीरज
- कुछ सुन लें, कुछ अपनी कह लें -भगवतीचरण वर्मा
- कुण्ठा -दुष्यंत कुमार
- कुत्ता भौंकने लगा -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- कुरुक्षेत्र -रामधारी सिंह दिनकर
- कुशलगीत -मैथिलीशरण गुप्त
- केशर की कलि की पिचकारी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- कैदी और कोकिला -माखन लाल चतुर्वेदी
- कैसी है पहिचान तुम्हारी -माखन लाल चतुर्वेदी
- कोयल -सुभद्रा कुमारी चौहान
- कौन यहाँ आया था -दुष्यंत कुमार
- क्या आकाश उतर आया है -माखन लाल चतुर्वेदी
ख
ग
- गंगा की विदाई -माखन लाल चतुर्वेदी
- गर्म पकौड़ी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- गहन है यह अंधकार -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- गांधीजी के जन्मदिन पर -दुष्यंत कुमार
- गाली में गरिमा घोल-घोल -माखन लाल चतुर्वेदी
- गिरि पर चढ़ते, धीरे-धीर -माखन लाल चतुर्वेदी
- गीत का जन्म -दुष्यंत कुमार
- गीत गाने दो मुझे -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- गीत जो गाये नहीं -गोपालदास नीरज
- गीत-ग़ज़ल -आरसी प्रसाद सिंह
- गीता माता -महात्मा गाँधी
- गुंजन -सुमित्रानन्दन पंत
- गुणगान -मैथिलीशरण गुप्त
- ग्रंथि -सुमित्रानन्दन पंत
- ग्राम्या -सुमित्रानन्दन पंत
च
- चन्द्रगुप्त नाटक
- चलते समय -सुभद्रा कुमारी चौहान
- चलो छिया-छी हो अन्तर में -माखन लाल चतुर्वेदी
- चाँद को देखो -आरसी प्रसाद सिंह
- चारु चंद्र की चंचल किरणें -मैथिलीशरण गुप्त
- चिंतन के आयाम -रामधारी सिंह दिनकर
- चिंता -सुभद्रा कुमारी चौहान
- चिड़िया -आरसी प्रसाद सिंह
- चिदंबरा -सुमित्रानन्दन पंत
- चीथड़े में हिन्दुस्तान -दुष्यंत कुमार
- चुम्बन -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
ज
- जब पानी सर से बहता है -आरसी प्रसाद सिंह
- जय अखंड भारत -आरसी प्रसाद सिंह
- जलियाँवाला बाग में बसंत -सुभद्रा कुमारी चौहान
- जवानी -माखन लाल चतुर्वेदी
- जागना अपराध -माखन लाल चतुर्वेदी
- जाड़े की साँझ -माखन लाल चतुर्वेदी
- जीवन -आरसी प्रसाद सिंह
- जीवन का झरना -आरसी प्रसाद सिंह
- जीवन, यह मौलिक महमानी -माखन लाल चतुर्वेदी
- जीवन-फूल -सुभद्रा कुमारी चौहान
झ
त
- तान की मरोर -माखन लाल चतुर्वेदी
- तारापथ -सुमित्रानन्दन पंत
- तितली (उपन्यास)
- तीन दोस्त -दुष्यंत कुमार
- तुम -सुभद्रा कुमारी चौहान
- तुम अपनी हो, जग अपना है -भगवतीचरण वर्मा
- तुम और मैं -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- तुम मन्द चलो -माखन लाल चतुर्वेदी
- तुम मिले -माखन लाल चतुर्वेदी
- तुम मृगनयनी -भगवतीचरण वर्मा
- तुम सुधि बन-बनकर बार-बार -भगवतीचरण वर्मा
- तुम हमारे हो -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- तुम्हारा चित्र -माखन लाल चतुर्वेदी
- तुम्हारी प्रेम-वीणा का अछूता तार -आरसी प्रसाद सिंह
- तुलना -दुष्यंत कुमार
- तोड़ती पत्थर -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
द
- दलित जन पर करो करुणा -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- दिल ही तो है -आरसी प्रसाद सिंह
- दीन -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- दीप से दीप जले -माखन लाल चतुर्वेदी
- दूबों के दरबार में -माखन लाल चतुर्वेदी
- देखो-सोचो-समझो -भगवतीचरण वर्मा
- दो पोज़ -दुष्यंत कुमार
- दोनों ओर प्रेम पलता है -मैथिलीशरण गुप्त
- दोहराता हूँ सुनो रक्त से -नरेंद्र मिश्र
ध
न
- नए जीवन का गीत -आरसी प्रसाद सिंह
- नयनों के डोरे लाल-गुलाल भरे -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- नयी-नयी कोपलें -माखन लाल चतुर्वेदी
- नये सुभाषित -रामधारी सिंह दिनकर
- नर हो, न निराश करो मन को -मैथिलीशरण गुप्त
- नहुष का पतन -मैथिलीशरण गुप्त
- निरख सखी ये खंजन आए -मैथिलीशरण गुप्त
- निर्वचन -आरसी प्रसाद सिंह
- निर्वास -आरसी प्रसाद सिंह
- निशा निमंत्रण -हरिवंशराय बच्चन
- नीम -सुभद्रा कुमारी चौहान
- नीम का पेड़ -राही मासूम रज़ा
- नीरज की पाती -गोपालदास नीरज
- नीरज दोहावली -गोपालदास नीरज
- नील कुसुम -रामधारी सिंह दिनकर
प
- पंडित नेहरू और अन्य महापुरुष -रामधारी सिंह दिनकर
- पतझड़ के पीले पत्तों ने -भगवतीचरण वर्मा
- पत्रोत्कंठित जीवन का विष -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- पथ आंगन पर रखकर आई -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- पथ के साथी -महादेवी वर्मा
- पथिक (खण्डकाव्य)
- परती परिकथा -फणीश्वरनाथ रेणु
- परशुराम की प्रतीक्षा -रामधारी सिंह दिनकर
- परिचय -सुभद्रा कुमारी चौहान
- परिमल -सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
- पल्लव -सुमित्रानन्दन पंत
- पानी और धूप -सुभद्रा कुमारी चौहान
- पुनर्नवा -हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
- पुष्प की अभिलाषा -माखन लाल चतुर्वेदी
- पुष्प परिजात के -गोपालदास नीरज
- पूछो -सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्यारे भारत देश -माखन लाल चतुर्वेदी
- प्रतिशोध -मैथिलीशरण गुप्त
- प्रतीक्षा -सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्रथम दर्शन -सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्रपात के प्रति -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- प्रभु तुम मेरे मन की जानो -सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्राप्ति -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- प्रिय यामिनी जागी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- प्रियतम -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- प्रियतम से -सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्रेरणा के नाम -दुष्यंत कुमार