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पंचगंगा घाट वाराणसी में स्थित [[गंगा]] नदी का एक घाट है। | पंचगंगा घाट वाराणसी में स्थित [[गंगा]] नदी का एक घाट है। | ||
*इस घाट का निर्माण '''नगर निगम''' ने करवाया है। | *इस घाट का निर्माण '''नगर निगम''' ने करवाया है। | ||
*पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पंचगंगा घाट से [[गंगा]], [[यमुना]], [[सरस्वती नदी|सरस्वती]], किरण व धूतपापा नदियाँ गुप्त रूप से मिलती हैं। | |||
*इसी घाट की सीढि़यों पर गुरु [[रामानंद]] से [[संत कबीरदास]] ने दीक्षा ली थी। | |||
*[[वाराणसी]] ([[काशी]]) में गंगा [[तट]] पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं। | *[[वाराणसी]] ([[काशी]]) में गंगा [[तट]] पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं। | ||
*वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं। ये घाट लगभग 4 मील लम्बे तट पर बने हुए हैं। | *वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं। ये घाट लगभग 4 मील लम्बे तट पर बने हुए हैं। |
04:34, 3 नवम्बर 2011 का अवतरण
पंचगंगा घाट वाराणसी में स्थित गंगा नदी का एक घाट है।
- इस घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया है।
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पंचगंगा घाट से गंगा, यमुना, सरस्वती, किरण व धूतपापा नदियाँ गुप्त रूप से मिलती हैं।
- इसी घाट की सीढि़यों पर गुरु रामानंद से संत कबीरदास ने दीक्षा ली थी।
- वाराणसी (काशी) में गंगा तट पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं।
- वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं। ये घाट लगभग 4 मील लम्बे तट पर बने हुए हैं।
- वाराणसी के 84 घाटों में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से 'पंचतीर्थ' कहा जाता है। ये हैं असी घाट, दशाश्वमेध घाट, आदिकेशव घाट, पंचगंगा घाट तथा मणिकार्णिका घाट।
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