"अब तेरी सरन आयो राम -मलूकदास": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replace - " सन " to " सन् ")
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
|चित्र का नाम=मलूकदास
|चित्र का नाम=मलूकदास
|कवि =[[मलूकदास]]  
|कवि =[[मलूकदास]]  
|जन्म=1574 सन (1631 [[संवत]])  
|जन्म=1574 सन् (1631 [[संवत]])  
|जन्म भूमि=[[कड़ा]], [[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]]
|जन्म भूमि=[[कड़ा]], [[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]]
|मृत्यु=1682 सन (1739 [[संवत]])  
|मृत्यु=1682 सन् (1739 [[संवत]])  
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु स्थान=
|मुख्य रचनाएँ= रत्नखान, ज्ञानबोध, भक्ति विवेक
|मुख्य रचनाएँ= रत्नखान, ज्ञानबोध, भक्ति विवेक

14:00, 6 मार्च 2012 का अवतरण

इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
अब तेरी सरन आयो राम -मलूकदास
मलूकदास
मलूकदास
कवि मलूकदास
जन्म 1574 सन् (1631 संवत)
मृत्यु 1682 सन् (1739 संवत)
मुख्य रचनाएँ रत्नखान, ज्ञानबोध, भक्ति विवेक
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मलूकदास की रचनाएँ

अब तेरी सरन आयो राम॥1॥
जबै सुनियो साधके मुख, पतित पावन नाम॥2॥
यही जान पुकार कीन्ही अति सतायो काम॥3॥
बिषयसेती भयो आजिज कह मलूक गुलाम॥4॥

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख