"मनसब": अवतरणों में अंतर
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'''मनसब''' [[मुग़ल]] शासनकाल में बादशाह [[अकबर]] के समय दिया जाने वाला एक 'पद' या 'ओहदा' होता था। राज्य के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को उनके मनसब के अनुसार ही वेतन दिया जाता था। मनसब प्रणाली [[मुग़ल साम्राज्य]] की रीढ़ समझी जाती थी। | '''मनसब''' [[मुग़ल]] शासनकाल में बादशाह [[अकबर]] के समय दिया जाने वाला एक 'पद' या 'ओहदा' होता था। राज्य के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को उनके मनसब के अनुसार ही वेतन दिया जाता था। मनसब प्रणाली [[मुग़ल साम्राज्य]] की रीढ़ समझी जाती थी। | ||
* | *जिस व्यक्ति को मनसब दिया जाता था, उसे [[मनसबदार]] कहते थे। | ||
*मनसब की व्यवस्था को बादशाह अकबर ने ही एक व्यवस्थित रूप प्रदान किया था। | *मनसब की व्यवस्था को बादशाह अकबर ने ही एक व्यवस्थित रूप प्रदान किया था। | ||
*अकबर ने सभी मुल्कों तथा फ़ौजी पदाधिकारियों को 33 मनसबों में बाँटा। | *अकबर ने सभी मुल्कों तथा फ़ौजी पदाधिकारियों को 33 मनसबों में बाँटा। | ||
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*कर्मचारियों को अपने-अपने मनसब के अनुसार ही वेतन का आवंटन किया जाता था। | *कर्मचारियों को अपने-अपने मनसब के अनुसार ही वेतन का आवंटन किया जाता था। | ||
*सबसे ऊँचे मनसब राज्य के शाही परिवार के शहज़ादों के लिए सुरक्षित थे। | *सबसे ऊँचे मनसब राज्य के शाही परिवार के शहज़ादों के लिए सुरक्षित थे। | ||
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05:06, 11 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण
मनसब मुग़ल शासनकाल में बादशाह अकबर के समय दिया जाने वाला एक 'पद' या 'ओहदा' होता था। राज्य के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को उनके मनसब के अनुसार ही वेतन दिया जाता था। मनसब प्रणाली मुग़ल साम्राज्य की रीढ़ समझी जाती थी।
- जिस व्यक्ति को मनसब दिया जाता था, उसे मनसबदार कहते थे।
- मनसब की व्यवस्था को बादशाह अकबर ने ही एक व्यवस्थित रूप प्रदान किया था।
- अकबर ने सभी मुल्कों तथा फ़ौजी पदाधिकारियों को 33 मनसबों में बाँटा।
- सबसे छोटा मनसब 10 सवारों का और सबसे बड़ा 10 हज़ार सवारों का होता था।
- कर्मचारियों को अपने-अपने मनसब के अनुसार ही वेतन का आवंटन किया जाता था।
- सबसे ऊँचे मनसब राज्य के शाही परिवार के शहज़ादों के लिए सुरक्षित थे।
- भारत के कई हिन्दू राजा, जिन्होंने मुग़ल अधीनता स्वीकार कर ली थी, उन्हें भी मनसब प्रदान कर मनसबदार बनाया गया था।
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