"झारखण्ड का भूगोल": अवतरणों में अंतर

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*झारखण्ड के पूर्व में [[पश्चिम बंगाल]], पश्चिम में [[उत्तर प्रदेश]] और [[छत्तीसगढ़]], उत्तर में [[बिहार]] तथा दक्षिण में [[उड़ीसा]] से घिरा हुआ है।  
*झारखण्ड के पूर्व में [[पश्चिम बंगाल]], पश्चिम में [[उत्तर प्रदेश]] और [[छत्तीसगढ़]], उत्तर में [[बिहार]] तथा दक्षिण में [[उड़ीसा]] से घिरा हुआ है।  
;भू-आकृति
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झारखण्ड का प्रमुख भौतिक लक्षण छोटा नागपुर पठार है, जो पठारों, पहाड़ियों व घाटियों की श्रृंखला है। यह लगभग समूचे राज्य में फैला है और अधिकांशतः स्फटकीय (क्रिस्टल) चट्टनों से बना है। [[हज़ारीबाग़]] व [[राँची]], ये दो मुख्य पठार [[दामोदर नदी]] के भ्रंशित और कोयला युक्त अवसादी बेसिन से विभाजित हैं। इनकी ऊँचाई औसतन लगभग 610 मीटर है। पश्चिम में 300 से अधिक विच्छेदित, लेकिन सपाट शिखर वाले पठार हैं, जिनकी ऊँचाई लगभग 914 मीटर है और ये पाट कहलाते हैं। झारखण्ड में उच्चतम बिंदु हज़ारीबाग़ स्थित पारसनाथ की शंक्वाकार ग्रेनाइट चोटी है, जिसकी ऊँचाई 1,369 मीटर है। जैन मतावालंबी और संथाल जनजाति, दोनों ही इसे पवित्र मानते हैं। दामोदर घाटी में [[मिट्टी]] बलुई है, जबकि पठार की मिट्टी अधिकांशतः लाल है।
झारखण्ड का प्रमुख भौतिक लक्षण छोटा नागपुर पठार है, जो पठारों, पहाड़ियों व घाटियों की शृंखला है। यह लगभग समूचे राज्य में फैला है और अधिकांशतः स्फटकीय (क्रिस्टल) चट्टनों से बना है। [[हज़ारीबाग़]] व [[राँची]], ये दो मुख्य पठार [[दामोदर नदी]] के भ्रंशित और कोयला युक्त अवसादी बेसिन से विभाजित हैं। इनकी ऊँचाई औसतन लगभग 610 मीटर है। पश्चिम में 300 से अधिक विच्छेदित, लेकिन सपाट शिखर वाले पठार हैं, जिनकी ऊँचाई लगभग 914 मीटर है और ये पाट कहलाते हैं। झारखण्ड में उच्चतम बिंदु हज़ारीबाग़ स्थित पारसनाथ की शंक्वाकार ग्रेनाइट चोटी है, जिसकी ऊँचाई 1,369 मीटर है। जैन मतावालंबी और संथाल जनजाति, दोनों ही इसे पवित्र मानते हैं। दामोदर घाटी में [[मिट्टी]] बलुई है, जबकि पठार की मिट्टी अधिकांशतः लाल है।


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10:37, 29 जून 2013 का अवतरण

  • झारखण्ड 21°58'10" उत्तरी अक्षांश से 25°19'15" उत्तरी अक्षांश तथा 83°20'50" पूर्वी देशांतर 88°4'40" पूर्वी देशांतर के मध्य विस्तृत है।
  • झारखण्ड का कुल क्षेत्रफल 79,714 वर्ग किमी. जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है।
  • झारखण्ड के पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़, उत्तर में बिहार तथा दक्षिण में उड़ीसा से घिरा हुआ है।
भू-आकृति

झारखण्ड का प्रमुख भौतिक लक्षण छोटा नागपुर पठार है, जो पठारों, पहाड़ियों व घाटियों की शृंखला है। यह लगभग समूचे राज्य में फैला है और अधिकांशतः स्फटकीय (क्रिस्टल) चट्टनों से बना है। हज़ारीबाग़राँची, ये दो मुख्य पठार दामोदर नदी के भ्रंशित और कोयला युक्त अवसादी बेसिन से विभाजित हैं। इनकी ऊँचाई औसतन लगभग 610 मीटर है। पश्चिम में 300 से अधिक विच्छेदित, लेकिन सपाट शिखर वाले पठार हैं, जिनकी ऊँचाई लगभग 914 मीटर है और ये पाट कहलाते हैं। झारखण्ड में उच्चतम बिंदु हज़ारीबाग़ स्थित पारसनाथ की शंक्वाकार ग्रेनाइट चोटी है, जिसकी ऊँचाई 1,369 मीटर है। जैन मतावालंबी और संथाल जनजाति, दोनों ही इसे पवित्र मानते हैं। दामोदर घाटी में मिट्टी बलुई है, जबकि पठार की मिट्टी अधिकांशतः लाल है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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