No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
-[[हैदराबाद]] | -[[हैदराबाद]] | ||
-[[विजयवाड़ा]] | -[[विजयवाड़ा]] | ||
||[[चित्र:Sabarmati-River-Ahmedabad.jpg|साबरमती नदी, अहमदाबाद|100px|right]]अहमदाबाद शहर, [[अहमदाबाद ज़िला|अहमदाबाद ज़िले]] का प्रशासनिक मुख्यालय, [[गुजरात]] राज्य, पश्चिम-मध्य [[भारत]] में | ||[[चित्र:Sabarmati-River-Ahmedabad.jpg|साबरमती नदी, अहमदाबाद|100px|right]]अहमदाबाद शहर, [[अहमदाबाद ज़िला|अहमदाबाद ज़िले]] का प्रशासनिक मुख्यालय, [[गुजरात]] राज्य, पश्चिम-मध्य [[भारत]] में [[साबरमती नदी]] के तट पर [[मुम्बई]] के उत्तर में स्थित है। अहमदाबाद शहर का नाम सुल्तान [[अहमदशाह बहमनी|अहमदशाह]] के नाम पर रखा गया है। सन् 1411 ई. में गुजरात के तत्कालीन शासक सुल्तान अहमदशाह ने प्राचीन [[हिन्दू]] शहर [[असावल]] के निकट अहमदाबाद की स्थापना की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अहमदाबाद]] | ||
{[[भारत]] और [[पाकिस्तान]] के बीच सीमा निर्धारण किसने किया था? | {[[भारत]] और [[पाकिस्तान]] के बीच सीमा निर्धारण किसने किया था? | ||
पंक्ति 28: | पंक्ति 28: | ||
-[[मालाबार तट]] | -[[मालाबार तट]] | ||
{निम्नलिखित में किसे 'पूर्व का मोती' के नाम से जाना जाता है? | {निम्नलिखित में से किसे 'पूर्व का मोती' के नाम से जाना जाता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[जापान]] | -[[जापान]] | ||
- | -[[नेपाल]] | ||
+[[श्रीलंका]] | +[[श्रीलंका]] | ||
-[[ताइवान]] | -[[ताइवान]] | ||
पंक्ति 43: | पंक्ति 43: | ||
-सूती-वस्त्र उद्योग | -सूती-वस्त्र उद्योग | ||
{किस देश ने सर्वप्रथम [[काग़ज़]] बनाना प्रारम्भ किया? | {किस देश ने सर्वप्रथम [[काग़ज़]] बनाना प्रारम्भ किया था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[चीन]] | +[[चीन]] | ||
पंक्ति 49: | पंक्ति 49: | ||
-[[जर्मनी]] | -[[जर्मनी]] | ||
-[[भारत]] | -[[भारत]] | ||
||चीन में काग़ज़ ईसा की आरम्भिक सदियों में उपलब्ध हुआ था। [[काग़ज़]] के आविष्कार का श्रेय वहाँ के 'त्साइ-लुन' नामक व्यक्ति को दिया जाता है। वह प्राचीन [[चीन]] के पूर्वी 'हान वंश' (20-220 ई.) के राजदरबार में वस्तुओं के उत्पादन का अधिकारी था। पता चलता है कि 'त्साइ-लुन' ने पेड़ों की छाल, सन के चिथड़ों और मछली पकड़ने के जालों से काग़ज़ बनाने के तरीक़े की 105 ई. में राजदरबार को जानकारी दी थी। | ||[[चित्र:Paper-Cupboard.jpg|right|120px|रंगीन काग़ज़]]चीन में काग़ज़ ईसा की आरम्भिक सदियों में उपलब्ध हुआ था। [[काग़ज़]] के आविष्कार का श्रेय वहाँ के 'त्साइ-लुन' नामक व्यक्ति को दिया जाता है। वह प्राचीन [[चीन]] के पूर्वी 'हान वंश' (20-220 ई.) के राजदरबार में वस्तुओं के उत्पादन का अधिकारी था। पता चलता है कि 'त्साइ-लुन' ने पेड़ों की छाल, सन के चिथड़ों और मछली पकड़ने के जालों से काग़ज़ बनाने के तरीक़े की 105 ई. में राजदरबार को जानकारी दी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[चीन]] | ||
{विश्व का सबसे लम्बा रेलमार्ग कौन-सा है? | {विश्व का सबसे लम्बा रेलमार्ग कौन-सा है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | +ट्रान्स साइबेरियन रेलमार्ग | ||
-कैनेडियन पैसेफ़िक रेलमार्ग | -कैनेडियन पैसेफ़िक रेलमार्ग | ||
-ऑस्ट्रेलियन अंतर्महाद्वीपीय रेलमार्ग | -ऑस्ट्रेलियन अंतर्महाद्वीपीय रेलमार्ग | ||
-काहिरा-केपटाउन अंतर्महाद्वीपीय रेलमार्ग | -काहिरा-केपटाउन अंतर्महाद्वीपीय रेलमार्ग | ||
{[[भारत]] का सर्वोच्च पर्वत शिखर कौन-सा है? | {[[भारत]] का सर्वोच्च पर्वत शिखर कौन-सा है? | ||
पंक्ति 65: | पंक्ति 64: | ||
-[[नंगा पर्वत]] | -[[नंगा पर्वत]] | ||
-[[नंदा देवी पर्वत|नंदा देवी]] | -[[नंदा देवी पर्वत|नंदा देवी]] | ||
||[[चित्र:K2 hight.jpg|right|120px|गाडविन आस्टिन]] | ||[[चित्र:K2 hight.jpg|right|120px|गाडविन आस्टिन]]गाडविन आस्टिन, जिसे 'माउंट के-2' के नाम से भी जाना जाता है, [[हिमालय]] की नहीं, बल्कि पीओके में [[कश्मीर]] के [[कराकोरम पर्वत श्रेणी]] की सबसे ऊँची चोटी है। यह संसार में [[एवरेस्ट]] के बाद दूसरी सबसे ऊँची चोटी है, जो 28,250 फ़ुट यानी 8611 मीटर ऊँची है। यह चोटी प्राय: हिमाच्छादित तथा बादलों में छिपी रहती है। चोटी के सदा हिमाच्छादित रहने के कारण इस पर्वतमाला को 'हिमालय' कहना अधिक उचित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[गाडविन आस्टिन (के 2)|गाडविन आस्टिन]] | ||
{भूकम्पीय तरंगों का मापन निम्नलिखित में से किस [[यंत्र]] द्वारा किया जाता है? | {भूकम्पीय तरंगों का मापन निम्नलिखित में से किस [[यंत्र]] द्वारा किया जाता है? | ||
पंक्ति 87: | पंक्ति 86: | ||
-[[चन्दन]] | -[[चन्दन]] | ||
-[[नीम]] | -[[नीम]] | ||
||[[चित्र:Coconut-1.jpg|right|100px|नारियल से भरा ट्रक]]नारियल [[खजूर]] जाति का पेड़ है। | ||[[चित्र:Coconut-1.jpg|right|100px|नारियल से भरा ट्रक]]नारियल [[खजूर]] जाति का पेड़ है। इसके उत्पादन में [[भारत]] का संसार में दूसरा स्थान है। नारियल के पेड़ का लगभग हर हिस्सा किसी न किसी काम में आता है। इससे प्राप्त तेल खाने, साबुन बनाने, [[घी]] तैयार करने और अंगराग में प्रयुक्त होता है। नारियल की जटा से रस्से, चटाइयाँ, ब्रश, जाल, थैले आदि अनेक वस्तुएँ बनती हैं। यह गद्दों में भी भरा जाता है। नारियल की खोपड़ी से [[जल]] या तेल रखने के पात्र और हुक्के बनते हैं। इन पात्रों पर सुंदर नक़्क़ाशी के काम भी किए जा सकते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[नारियल]] | ||
{क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा कौन-सा है? | {क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा कौन-सा है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-नील नदी का डेल्टा | -[[नील नदी]] का डेल्टा | ||
+ | +[[सुन्दरवन]] का डेल्टा | ||
-अमेजन नदी का डेल्टा | -अमेजन नदी का डेल्टा | ||
-मिसीसिपी नदी का डेल्टा | -मिसीसिपी नदी का डेल्टा | ||
||'सुन्दरवन' या 'सुन्दरबोन' [[भारत]] तथा [[बांग्लादेश]] में स्थित विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा है। यह बहुत-सी प्रसिद्ध वनस्पतियों और प्रसिद्ध बंगाल टाईगर का निवास स्थान है। यह डेल्टा धीरे-धीरे [[सागर]] की ओर बढ़ रहा है। कुछ समय पहले तक यह [[कोलकाता]] सागर तट पर ही स्थित था और सागर का विस्तार [[राजमहल]] तथा सिलहट तक था, परन्तु अब यह तट से 15-20 मील (24-32 किलोमीटर) दूर स्थित लगभग 1,80,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सुन्दरवन]] | |||
{निम्नलिखित में से किस देश को 'हज़ार झीलों की भूमि' कहा जाता है? | |||
{निम्नलिखित में से किस देश को ' | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | +फ़िनलैण्ड | ||
-[[ | -[[थाईलैण्ड]] | ||
- | -नीदरलैण्ड | ||
- | -आयरलैण्ड | ||
{संसार का सबसे बड़ा मरुस्थल है? | {संसार का सबसे बड़ा मरुस्थल कौन-सा है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+सहारा | +सहारा | ||
पंक्ति 123: | पंक्ति 116: | ||
-कांगो | -कांगो | ||
-लीना | -लीना | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
06:23, 1 दिसम्बर 2011 का अवतरण
भूगोल
|