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{'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' की स्थापना किस सन में हुई थी? | {'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' की स्थापना किस सन में हुई थी? | ||
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-1975 | -सन 1975 | ||
+1987 | +सन 1987 | ||
-1988 | -सन 1988 | ||
-1980 | -सन 1980 | ||
||[[छत्तीसगढ़]] में धान का सर्वाधिक भंडार है। लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बागवानी फ़सलें उगाई जाती हैं। राज्य में 'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' प्रमुख [[कृषि]] कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक शोध करता है। विश्वविद्यालय की स्थापना 20 जनवरी, सन 1987 को की गई थी। यह कृषि विश्वविद्यालय कृषि-शिक्षा प्रदान करता है। यह विश्वविद्यालय 9 महाविद्यालयों, 8 अनुसंधान केन्द्रों तथा 4 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से काम कर रहा है। इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य है- 'कृषि शिक्षा अनुसंधान और प्रसार'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{रायपुर के प्रथम दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना कब की गई थी? | {[[रायपुर]] के प्रथम 'दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय' की स्थापना कब की गई थी? | ||
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-सन 1960 ई. | -सन 1960 ई. | ||
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-सन 1942 ई. | -सन 1942 ई. | ||
-सन 1930 ई. | -सन 1930 ई. | ||
||शिक्षा के क्षेत्र में भी [[छत्तीसगढ़]] ने धीरे-धीरे विकास की गति को अपनाया है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो यहाँ की शिक्षा पद्धति में [[संस्कृत]] का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। महंत वैष्णवदास जी संस्कृत शिक्षा के बड़े प्रेमी थे। शिक्षा के प्रसार-प्रचार के लिए उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया। सन 1955 में [[रायपुर]] में 'श्री दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय' खुलवाने के लिए 3.5 लाख रूपये नगद और 100 एकड़ जमीन दान में दी। आगे चलकर अमरदीप टॉकिज को भी इस महाविद्यालय को दान कर दिया। इस कार्य में देश के प्रथम राष्ट्रपति [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] और प्रदेश के मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल का विशेष योगदान था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{राजीव गाँधी शिक्षा मिशन कार्यक्रम के तहत | {'राजीव गाँधी शिक्षा मिशन कार्यक्रम' के तहत राज्यस्तर पर कुल कितनी शिक्षा गारण्टी आश्रय का निर्माण किया गया है? | ||
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-2,025 | -2,025 | ||
{जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र कहाँ स्थित है? | {'जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र' कहाँ स्थित है? | ||
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-रायपुर | -[[रायपुर]] | ||
+भिलाई | +भिलाई | ||
-बिलासपुर | -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
-धमतरी | -[[धमतरी]] | ||
{छत्तीसगढ़ में बाल गंगाधर तिलक मेडिकल इंस्टीट्यूट की स्थापना कहाँ की गई है? | {[[छत्तीसगढ़]] में 'बाल गंगाधर तिलक मेडिकल इंस्टीट्यूट' की स्थापना कहाँ की गई है? | ||
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+जगदलपुर | +जगदलपुर | ||
-बिलासपुर | -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
-रायपुर | -[[रायपुर]] | ||
-रायगढ़ | -रायगढ़ | ||
{छत्तीसगढ़ में निमोनिया रोग को क्या | {[[छत्तीसगढ़]] में निमोनिया रोग को क्या कहा जाता है? | ||
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-डब्बा रोग | -डब्बा रोग | ||
-नैमोरी रोग | -नैमोरी रोग | ||
+इब्बा रोग | +इब्बा रोग | ||
-सत्तु रोग | -सत्तु रोग | ||
{छत्तीसगढ़ राज्य में कुल सरकारी विश्वविद्यालय | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में कुल सरकारी विश्वविद्यालय कितने हैं? | ||
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{छत्तीसगढ़ में साक्षरता की दृष्टि से सर्वाधिक पिछड़ा ज़िला है? | {[[छत्तीसगढ़]] में साक्षरता की दृष्टि से सर्वाधिक पिछड़ा ज़िला कौन-सा है? | ||
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+बस्तर | +[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | ||
-रायपुर | -[[रायपुर]] | ||
-दुर्ग | -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | ||
-बिलासपुर | -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
||[[छत्तीसगढ़]] पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष बताते हैं कि यहाँ [[वैष्णव]], [[शैव]], [[शाक्त]] और [[बौद्ध]] के साथ ही साथ अनेक [[आर्य]] तथा [[अनार्य]] संस्कृतियों का समय-समय पर प्रभाव रहा है। छत्तीसगढ़ ने धीरे-धीरे विकास की गति को अपनाया है। हालांकि इस राज्य का [[बस्तर ज़िला]] अन्य ज़िलों की अपेक्षा साक्षरता की निम्न दर रखता है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो छत्तीसगढ़ की शिक्षा पद्धति में [[संस्कृत]] का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{छत्तीसगढ़ के प्रथम विश्वविद्यालय का गौरव प्राप्त है | {[[छत्तीसगढ़]] के प्रथम विश्वविद्यालय का गौरव प्राप्त है- | ||
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+गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को | +गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को | ||
-पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय को | -पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय को | ||
-इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय को | -इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय को | ||
-इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ को | -इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ को | ||
||[[छत्तीसगढ़]] में शिक्षा के स्तर को और ऊँचा उठाने के लिए विश्वविद्यालयों की भी स्थापना हुई हैं। 'गुरु घासीदास विश्वविद्यालल' को राज्य का पहला विश्वविधालय बनने का गौरव प्राप्त हुआ, जिसकी स्थापना 16 जून, सन 1983 को [[मध्य प्रदेश]] के [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में हुई थी। बाद में मध्य प्रदेश का विभाजन हो गया और यह विश्वविद्याल्य छत्तीसगढ़ में शामिल हो गया। जनवरी 2009 में केंद्र सरकार द्वारा [[संसद]] में पेश 'केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम' 2009 के माध्यम से इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हो गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{छत्तीसगढ़ राज्य का पहला बायोटेक पार्क किस मुख्यालय में स्थापित किया जा रहा है? | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य का पहला 'बायोटेक पार्क' किस मुख्यालय में स्थापित किया जा रहा है? | ||
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-जगदलपुर | -जगदलपुर | ||
+सरगुजा | +[[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]] | ||
-दुर्ग | -दुर्ग | ||
-भिलाई | -भिलाई | ||
{छत्तीसगढ़ का एकमात्र दुग्ध महाविद्यालय कहाँ स्थित है? | {[[छत्तीसगढ़]] का एकमात्र [[दूध|दुग्ध]] महाविद्यालय कहाँ स्थित है? | ||
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-रायपुर | -[[रायपुर]] | ||
+बिलासपुर | +[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
-दुर्ग | -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | ||
-भिलाई | -भिलाई | ||
{छत्तीसगढ़ राज्य | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य के प्रथम निजी विश्वविद्यालय का उद्घाटन किस कॉलेज में किया गया? | ||
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+रविशंकर विश्वविद्यालय | +रविशंकर विश्वविद्यालय | ||
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+साइंस कॉलेज | +साइंस कॉलेज | ||
{ | {रतनपुर का महामाया मन्दिर [[छत्तीसगढ़]] के किस ज़िले में स्थित है? | ||
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-बिलासपुर | -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
+रायपुर | +[[रायपुर]] | ||
-दुर्ग | -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | ||
- | -दंतेवाड़ा | ||
||[[भारत]] के हृदय में स्थित [[छत्तीसगढ़]] में समृद्ध सांस्कृतिक पंरपरा और आकर्षक प्राकृतिक विविधता हैं। राज्य में प्राचीन स्मारक, दुर्लभ वन्यजीव, नक़्क़ाशीदार मंदिर, [[बौद्ध]] स्थल, जल-प्रपात, पर्वतीय [[पठार]], रॉक पेंटिंग और गुफ़ाएँ आदि हैं। [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में रतनपुर का 'महामाया मंदिर', डूंगरगढ़ में 'बंबलेश्वरी देवी मंदिर', दंतेवाड़ा में 'दंतेश्वरी देवी मंदिर' और छठी से दसवीं शताब्दी में [[बौद्ध धर्म]] का प्रमुख केंद्र रहा सिरपुर भी महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{छत्तीसगढ़ | {छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा खनिज पदार्थ प्राप्त होता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -[[ताँबा]] | ||
+ | -[[मैंगनीज़]] | ||
- | +[[डोलोमाइट]] | ||
- | -[[सल्फ़र]] | ||
||[[छत्तीसगढ़]] [[भारत]] के [[खनिज]] समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ पर चूना-पत्थर, लौह अयस्क, [[तांबा]], फ़ॉस्फेट, [[मैंगनीज़]], बॉक्साइट, कोयला, एसबेस्टॅस और अभ्रक के उल्लेखनीय भंडार हैं। छ्त्तीसगढ़ में लगभग 52.5 करोड़ टन का 'डोलोमाइट' का भंडार है, जो पूरे देश के कुल भंडार का 24 प्रतिशत है। यहाँ बॉक्साइट का अनुमानित 7.3 करोड़ टन का समृद्ध भंडार है और टिन अयस्क का 2,700 करोड़ से भी ज़्यादा का उल्लेखनीय भंडार है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
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08:11, 14 जनवरी 2012 का अवतरण
छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान
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