No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 20: | पंक्ति 20: | ||
+17 | +17 | ||
-13 | -13 | ||
||[[मध्य प्रदेश]] से बनाया गया [[छत्तीसगढ़]] राज्य भारतीय संघ के 26वें राज्य के रूप में 1 नवंबर, 2000 को पूर्ण अस्तित्व में आया। प्राचीन काल में इस क्षेत्र को 'दक्षिण कौशल' के नाम से जाना जाता था। छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी [[झारखण्ड]] और [[उड़ीसा]] से, पश्चिम में मध्य प्रदेश और [[महाराष्ट्र]] से, उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]] और पश्चिमी झारखण्ड और दक्षिण में [[आंध्र प्रदेश]] से घिरा है। छत्तीसगढ़ क्षेत्रफल के हिसाब से देश का नौवां बड़ा राज्य है, और जनसंख्या की दृष्टि से इसका 17वाँ स्थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|100px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[मध्य प्रदेश]] से बनाया गया [[छत्तीसगढ़]] राज्य भारतीय संघ के 26वें राज्य के रूप में 1 नवंबर, 2000 को पूर्ण अस्तित्व में आया। प्राचीन काल में इस क्षेत्र को 'दक्षिण कौशल' के नाम से जाना जाता था। छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी [[झारखण्ड]] और [[उड़ीसा]] से, पश्चिम में मध्य प्रदेश और [[महाराष्ट्र]] से, उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]] और पश्चिमी झारखण्ड और दक्षिण में [[आंध्र प्रदेश]] से घिरा है। छत्तीसगढ़ क्षेत्रफल के हिसाब से देश का नौवां बड़ा राज्य है, और जनसंख्या की दृष्टि से इसका 17वाँ स्थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' की स्थापना किस सन में हुई थी? | {'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' की स्थापना किस सन में हुई थी? | ||
पंक्ति 36: | पंक्ति 36: | ||
-सन 1942 ई. | -सन 1942 ई. | ||
-सन 1930 ई. | -सन 1930 ई. | ||
||शिक्षा के क्षेत्र में भी [[छत्तीसगढ़]] ने धीरे-धीरे विकास की गति को अपनाया है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो यहाँ की शिक्षा पद्धति में [[संस्कृत]] का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। महंत वैष्णवदास जी संस्कृत शिक्षा के बड़े प्रेमी थे। शिक्षा के प्रसार-प्रचार के लिए उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया। सन 1955 में [[रायपुर]] में 'श्री दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय' खुलवाने के लिए 3.5 लाख रूपये नगद और 100 एकड़ जमीन दान में दी। आगे चलकर अमरदीप टॉकिज को भी इस महाविद्यालय को दान कर दिया। इस कार्य में देश के प्रथम राष्ट्रपति [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] और प्रदेश के मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल का विशेष योगदान था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[चित्र:Chitrakote-Falls-Chhattisgarh.jpgचित्रकूट जलप्रपात, छत्तीसगढ़]]शिक्षा के क्षेत्र में भी [[छत्तीसगढ़]] ने धीरे-धीरे विकास की गति को अपनाया है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो यहाँ की शिक्षा पद्धति में [[संस्कृत]] का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। महंत वैष्णवदास जी संस्कृत शिक्षा के बड़े प्रेमी थे। शिक्षा के प्रसार-प्रचार के लिए उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया। सन 1955 में [[रायपुर]] में 'श्री दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय' खुलवाने के लिए 3.5 लाख रूपये नगद और 100 एकड़ जमीन दान में दी। आगे चलकर अमरदीप टॉकिज को भी इस महाविद्यालय को दान कर दिया। इस कार्य में देश के प्रथम राष्ट्रपति [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] और प्रदेश के मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल का विशेष योगदान था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{'राजीव गाँधी शिक्षा मिशन कार्यक्रम' के तहत राज्यस्तर पर कुल कितनी शिक्षा गारण्टी आश्रय का निर्माण किया गया है? | {'राजीव गाँधी शिक्षा मिशन कार्यक्रम' के तहत राज्यस्तर पर कुल कितनी शिक्षा गारण्टी आश्रय का निर्माण किया गया है? | ||
पंक्ति 109: | पंक्ति 109: | ||
-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | ||
-दंतेवाड़ा | -दंतेवाड़ा | ||
||[[भारत]] के हृदय में स्थित [[छत्तीसगढ़]] में समृद्ध सांस्कृतिक पंरपरा और आकर्षक प्राकृतिक विविधता हैं। राज्य में प्राचीन स्मारक, दुर्लभ वन्यजीव, नक़्क़ाशीदार मंदिर, [[बौद्ध]] स्थल, जल-प्रपात, पर्वतीय [[पठार]], रॉक पेंटिंग और गुफ़ाएँ आदि हैं। [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में रतनपुर का 'महामाया मंदिर', डूंगरगढ़ में 'बंबलेश्वरी देवी मंदिर', दंतेवाड़ा में 'दंतेश्वरी देवी मंदिर' और छठी से दसवीं शताब्दी में [[बौद्ध धर्म]] का प्रमुख केंद्र रहा सिरपुर भी महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[चित्र:Borandev-Temple-Chhattisgarh.jpg|right|100px|बोरानदेव मन्दिर, छत्तीसगढ़]][[भारत]] के हृदय में स्थित [[छत्तीसगढ़]] में समृद्ध सांस्कृतिक पंरपरा और आकर्षक प्राकृतिक विविधता हैं। राज्य में प्राचीन स्मारक, दुर्लभ वन्यजीव, नक़्क़ाशीदार मंदिर, [[बौद्ध]] स्थल, जल-प्रपात, पर्वतीय [[पठार]], रॉक पेंटिंग और गुफ़ाएँ आदि हैं। [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में रतनपुर का 'महामाया मंदिर', डूंगरगढ़ में 'बंबलेश्वरी देवी मंदिर', दंतेवाड़ा में 'दंतेश्वरी देवी मंदिर' और छठी से दसवीं शताब्दी में [[बौद्ध धर्म]] का प्रमुख केंद्र रहा सिरपुर भी महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा खनिज पदार्थ प्राप्त होता है? | {छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा खनिज पदार्थ प्राप्त होता है? |
08:22, 14 जनवरी 2012 का अवतरण
छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान
|