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||[[छत्तीसगढ़]] [[भारत]] के [[खनिज]] समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ पर चूना-पत्थर, लौह अयस्क, [[तांबा]], फ़ॉस्फेट, [[मैंगनीज़]], बॉक्साइट, कोयला, एसबेस्टॅस और अभ्रक के उल्लेखनीय भंडार हैं। छ्त्तीसगढ़ में लगभग 52.5 करोड़ टन का 'डोलोमाइट' का भंडार है, जो पूरे देश के कुल भंडार का 24 प्रतिशत है। यहाँ बॉक्साइट का अनुमानित 7.3 करोड़ टन का समृद्ध भंडार है और टिन अयस्क का 2,700 करोड़ से भी ज़्यादा का उल्लेखनीय भंडार है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[छत्तीसगढ़]] [[भारत]] के [[खनिज]] समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ पर चूना-पत्थर, लौह अयस्क, [[तांबा]], फ़ॉस्फेट, [[मैंगनीज़]], बॉक्साइट, कोयला, एसबेस्टॅस और अभ्रक के उल्लेखनीय भंडार हैं। छ्त्तीसगढ़ में लगभग 52.5 करोड़ टन का 'डोलोमाइट' का भंडार है, जो पूरे देश के कुल भंडार का 24 प्रतिशत है। यहाँ बॉक्साइट का अनुमानित 7.3 करोड़ टन का समृद्ध भंडार है और टिन अयस्क का 2,700 करोड़ से भी ज़्यादा का उल्लेखनीय भंडार है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{'छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान' की स्थापना किस विश्वविद्यालय द्वारा की गई है? | {'छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान' की स्थापना किस [[विश्वविद्यालय]] द्वारा की गई है? | ||
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-रविशंकर विश्वविद्यालय | -रविशंकर विश्वविद्यालय | ||
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||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|100px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[मध्य प्रदेश]] से बनाया गया [[छत्तीसगढ़]] राज्य भारतीय संघ के 26वें राज्य के रूप में 1 नवंबर, 2000 को पूर्ण अस्तित्व में आया। प्राचीन काल में इस क्षेत्र को 'दक्षिण | ||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|100px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[मध्य प्रदेश]] से बनाया गया [[छत्तीसगढ़]] राज्य भारतीय संघ के 26वें राज्य के रूप में 1 नवंबर, 2000 को पूर्ण अस्तित्व में आया। प्राचीन काल में इस क्षेत्र को 'दक्षिण कोशल' के नाम से जाना जाता था। छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी [[झारखण्ड]] और [[उड़ीसा]] से, पश्चिम में मध्य प्रदेश और [[महाराष्ट्र]] से, उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]] और पश्चिमी झारखण्ड और दक्षिण में [[आंध्र प्रदेश]] से घिरा है। छत्तीसगढ़ क्षेत्रफल के हिसाब से देश का नौवां बड़ा राज्य है, और जनसंख्या की दृष्टि से इसका 17वाँ स्थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{ | {[[छत्तीसगढ़]] में [[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] का वह कौन-सा क्षेत्र है, जहाँ [[हीरा|हीरे]] के भंडार का पता लगा है? | ||
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- | +देवभोग | ||
-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | |||
- | -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | ||
-2, | -बैलाडीला | ||
||[[चित्र:Diamond.jpg|right|120px|हीरा]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में 75 से भी ज़्यादा बड़े और मध्यम [[इस्पात]] उद्योग हैं, जो गर्म [[धातु]], कच्चा [[लोहा]], भुरभुरा लोहा, रेल-पटरियों, लोहे की सिल्लियों और पट्टीयों का उत्पादन करते हैं। [[खनिज]] संपदा से ही छ्त्तीसगढ़ को सालाना 600 करोड़ रुपये से ज़्यादा का राजस्व प्राप्त होता है। [[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] के 'देवभोग' में [[हीरा|हीरे]] के भंडार हैं। लगभग 2 वर्षों में इसका खनन आरंभ हो जाने पर राज्य को 2,000 करोड़ रुपये सालाना का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{'जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र' कहाँ स्थित है? | {'जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र' कहाँ स्थित है? | ||
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-सन 1988 | -सन 1988 | ||
-सन 1980 | -सन 1980 | ||
||[[चित्र:Bharat-map-3.jpg|right|120px|मानचित्र में छत्तीसगढ़ की स्थिति]][[छत्तीसगढ़]] में धान का सर्वाधिक भंडार है। लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बागवानी फ़सलें उगाई जाती हैं। राज्य में 'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' प्रमुख [[कृषि]] कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक शोध करता है। विश्वविद्यालय की स्थापना 20 जनवरी, सन 1987 को की गई थी। यह कृषि विश्वविद्यालय कृषि-शिक्षा प्रदान करता है। यह विश्वविद्यालय 9 महाविद्यालयों, 8 अनुसंधान केन्द्रों तथा 4 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से काम कर रहा है। इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य है- 'कृषि शिक्षा अनुसंधान और प्रसार'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[चित्र:Bharat-map-3.jpg|right|120px|मानचित्र में छत्तीसगढ़ की स्थिति]][[छत्तीसगढ़]] में धान का सर्वाधिक भंडार है। लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बागवानी फ़सलें उगाई जाती हैं। राज्य में 'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' प्रमुख [[कृषि]] कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक शोध करता है। [[विश्वविद्यालय]] की स्थापना 20 जनवरी, सन 1987 को की गई थी। यह कृषि विश्वविद्यालय कृषि-शिक्षा प्रदान करता है। यह विश्वविद्यालय 9 महाविद्यालयों, 8 अनुसंधान केन्द्रों तथा 4 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से काम कर रहा है। इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य है- 'कृषि शिक्षा अनुसंधान और प्रसार'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] राज्य में कुल सरकारी विश्वविद्यालय कितने हैं? | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में कुल सरकारी [[विश्वविद्यालय]] कितने हैं? | ||
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{[[छत्तीसगढ़]] के प्रथम विश्वविद्यालय का गौरव प्राप्त है- | {[[छत्तीसगढ़]] के प्रथम [[विश्वविद्यालय]] का गौरव प्राप्त है- | ||
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+गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को | +गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को | ||
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-इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय को | -इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय को | ||
-इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ को | -इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ को | ||
||[[छत्तीसगढ़]] में शिक्षा के स्तर को और ऊँचा उठाने के लिए विश्वविद्यालयों की भी स्थापना हुई हैं। 'गुरु घासीदास विश्वविद्यालल' को राज्य का पहला विश्वविधालय बनने का गौरव प्राप्त हुआ, जिसकी स्थापना 16 जून, सन 1983 को [[मध्य प्रदेश]] के [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में हुई थी। बाद में मध्य प्रदेश का विभाजन हो गया और यह विश्वविद्याल्य छत्तीसगढ़ में शामिल हो गया। जनवरी 2009 में केंद्र सरकार द्वारा [[संसद]] में पेश 'केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम' 2009 के माध्यम से इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हो गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[छत्तीसगढ़]] में शिक्षा के स्तर को और ऊँचा उठाने के लिए [[विश्वविद्यालय|विश्वविद्यालयों]] की भी स्थापना हुई हैं। 'गुरु घासीदास विश्वविद्यालल' को राज्य का पहला विश्वविधालय बनने का गौरव प्राप्त हुआ, जिसकी स्थापना 16 जून, सन 1983 को [[मध्य प्रदेश]] के [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में हुई थी। बाद में मध्य प्रदेश का विभाजन हो गया और यह विश्वविद्याल्य छत्तीसगढ़ में शामिल हो गया। जनवरी 2009 में केंद्र सरकार द्वारा [[संसद]] में पेश 'केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम' 2009 के माध्यम से इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हो गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] का एकमात्र [[दूध|दुग्ध]] महाविद्यालय कहाँ स्थित है? | {[[छत्तीसगढ़]] का एकमात्र [[दूध|दुग्ध]] महाविद्यालय कहाँ स्थित है? |
06:55, 15 जनवरी 2012 का अवतरण
छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान
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