"दशरथ मौर्य": अवतरणों में अंतर
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'''दशरथ मौर्य''' [[भारतीय इतिहास]] में प्रसिद्ध [[मौर्य वंश]] के सम्राट [[अशोक]] का पौत्र था। यह लगभग 232 ई.पू. गद्दी पर बैठा। अपने पितामह अशोक के समान ही उसने भी अनेकों गुहाओं का निर्माण करवाया था। | '''दशरथ मौर्य''' (232 ई.पू. से 224 ई.पू.) [[भारतीय इतिहास]] में प्रसिद्ध [[मौर्य वंश]] के सम्राट [[अशोक]] का पौत्र था। यह लगभग 232 ई.पू. गद्दी पर बैठा। अपने पितामह अशोक के समान ही उसने भी अनेकों गुहाओं का निर्माण करवाया था। | ||
*दशरथ मौर्य ने [[बिहार]] की [[नागार्जुन पहाड़ी|नागार्जुनी पहाड़ियों]] की कुछ गुहाएँ [[आजीविक|आजीविकों]] को निवास के लिए दान कर दी थीं। | *दशरथ मौर्य ने [[बिहार]] की [[नागार्जुन पहाड़ी|नागार्जुनी पहाड़ियों]] की कुछ गुहाएँ [[आजीविक|आजीविकों]] को निवास के लिए दान कर दी थीं। |
10:29, 4 मई 2016 के समय का अवतरण
दशरथ मौर्य (232 ई.पू. से 224 ई.पू.) भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध मौर्य वंश के सम्राट अशोक का पौत्र था। यह लगभग 232 ई.पू. गद्दी पर बैठा। अपने पितामह अशोक के समान ही उसने भी अनेकों गुहाओं का निर्माण करवाया था।
- दशरथ मौर्य ने बिहार की नागार्जुनी पहाड़ियों की कुछ गुहाएँ आजीविकों को निवास के लिए दान कर दी थीं।
- इन गुहाओं की दीवारों पर अंकित अभिलेखों से प्रकट होता है कि, दशरथ भी अशोक की भाँति 'देवानाम्प्रिय' की उपाधि से विभूषित था।
- यह कहना कठिन है कि, वह भी बौद्ध धर्म का अनुयायी था या नहीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 199 |