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'''देवल नगर''' [[उदयपुर ज़िला]], [[राजस्थान]] की एक छोटी-सी रियासत थी, जिसकी नींव [[जाट]] राजा [[सूरजमल]] ने डाली थी। सूरजमल [[चित्तौड़]] नरेश राणा रायमल का भाई था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=450|url=}}</ref>
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*सूरजमल की रायमल के पुत्रों [[राणा सांगा]] और पृथ्वीराज से अनबन थी, जिस कारण वह चित्तौड़ का शत्रु हो गया था।
*सूरजमल की रायमल के पुत्रों [[राणा सांगा]] और पृथ्वीराज से अनबन थी, जिस कारण वह चित्तौड़ का शत्रु हो गया था।
*पृथ्वीराज से पराजित होकर सूरजमल ने चित्तौड़ से दूर देवल नगर राज्य की स्थापना की।
*पृथ्वीराज से पराजित होकर सूरजमल ने चित्तौड़ से दूर देवल नगर राज्य की स्थापना की।

13:25, 15 दिसम्बर 2012 के समय का अवतरण

देवल नगर उदयपुर ज़िला, राजस्थान की एक छोटी-सी रियासत थी, जिसकी नींव राजा सूरजमल[1] ने डाली थी। सूरजमल चित्तौड़ नरेश राणा रायमल का भाई था।[2]

  • सूरजमल की रायमल के पुत्रों राणा सांगा और पृथ्वीराज से अनबन थी, जिस कारण वह चित्तौड़ का शत्रु हो गया था।
  • पृथ्वीराज से पराजित होकर सूरजमल ने चित्तौड़ से दूर देवल नगर राज्य की स्थापना की।
  • बाघ जी, जो कि सूरजमल के वंशज थे, ने चित्तौड़ की गुजरात के सुल्तान बहादुरशाह के विरुद्ध अपनी सेना भेजकर रक्षा की।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ये सूरजमल, भरतपुर के राजा सूरजमल से अलग है।
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 450 |

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