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'''दमदम''' [[पश्चिम बंगाल]] राज्य के [[उत्तरी चौबीस परगना ज़िला|उत्तरी चौबीस परगना ज़िले]] में [[कलकत्ता]] से 6 मील {{मील|मील=6}} उत्तर-पूर्व में स्थित प्रसिद्ध नगर तथा विख्यात हवाई अड्डा है।  
==इतिहास==
==इतिहास==
19 वीं शताब्दी में सर्वप्रथम यहाँ बंदूक की दमदम गोलियाँ बनाई गई थीं। इन विशेष प्रकार की गोलियों का उपयोग अंग्रेजी सेना ने सबसे पहले पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत के आदिवासियों के विरुद्ध किया था। [[1899]] ई. में हेग कॉनफरेंस में इस प्रकार की गोलियों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
19 वीं शताब्दी में सर्वप्रथम यहाँ बंदूक की दमदम गोलियाँ बनाई गई थीं। इन विशेष प्रकार की गोलियों का उपयोग अंग्रेजी सेना ने सबसे पहले पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत के आदिवासियों के विरुद्ध किया था। [[1899]] ई. में हेग कॉनफरेंस में इस प्रकार की गोलियों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
==उद्योग और व्यापार==
==उद्योग और व्यापार==
यहाँ पर [[जूट]], काँच, [[दियासलाई]], साबुन, [[लौह इस्पात उद्योग|लौह]] इस्पात की चादर बनाने के कारखानें हैं। यहाँ चमड़े की सफाई का भी कारखाना है।  यहाँ से 3 मील{{मील|मील=3}} पूर्व-उत्तर-पूर्व में नारायणपुर में [[रेशम उद्योग]] अनुसंधान केंद्र है।  
यहाँ पर [[जूट]], काँच, [[दियासलाई]], साबुन, [[लौह इस्पात उद्योग|लौह]] [[इस्पात]] की चादर बनाने के कारखानें हैं। यहाँ चमड़े की सफाई का भी कारखाना है।  यहाँ से 3 मील {{मील|मील=3}} पूर्व-उत्तर-पूर्व में नारायणपुर में [[रेशम उद्योग]] अनुसंधान केंद्र है।  


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12:11, 5 जून 2012 का अवतरण

दमदम पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तरी चौबीस परगना ज़िले में कलकत्ता से 6 मील (लगभग 9.6 कि.मी.) उत्तर-पूर्व में स्थित प्रसिद्ध नगर तथा विख्यात हवाई अड्डा है।

इतिहास

19 वीं शताब्दी में सर्वप्रथम यहाँ बंदूक की दमदम गोलियाँ बनाई गई थीं। इन विशेष प्रकार की गोलियों का उपयोग अंग्रेजी सेना ने सबसे पहले पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत के आदिवासियों के विरुद्ध किया था। 1899 ई. में हेग कॉनफरेंस में इस प्रकार की गोलियों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

उद्योग और व्यापार

यहाँ पर जूट, काँच, दियासलाई, साबुन, लौह इस्पात की चादर बनाने के कारखानें हैं। यहाँ चमड़े की सफाई का भी कारखाना है। यहाँ से 3 मील (लगभग 4.8 कि.मी.) पूर्व-उत्तर-पूर्व में नारायणपुर में रेशम उद्योग अनुसंधान केंद्र है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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