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'''प्रकाशवीर शास्त्री''' (जन्म- 30 दिसम्बर, 1923 - मृत्यु- 23 नवम्बर, 1977) भारतीय संसद के लोकसभा सदस्य थे। ये [[संस्कृत]] के विद्वान और [[आर्यसमाज]] के नेता के रूप में भी प्रसिद्ध थे। इनका वास्तविक नाम 'ओमप्रकाश त्यागी' था।  
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* प्रकाशवीर शास्त्री का नाम भारतीय राजनीति में उच्चकोटि के भाषण देने वालों में लिया जाता है। प्रकाशवीर के भाषणों में तर्क बहुत शक्तिशाली होते थे। उनके विरोधी भी उनके प्रशंसक बन जाते थे।
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* ऐसा माना जाता है कि एक बार [[भारत]] के पूर्व [[प्रधानमंत्री]] और [[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता [[अटल बिहारी वाजपेयी]] ने कहा था कि प्रकाशवीर जी उनसे भी बेहतर वक्ता थे।
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'''प्रकाशवीर शास्त्री''' (जन्म- 30 दिसम्बर, 1923 - मृत्यु- 23 नवम्बर, 1977) भारतीय संसद के लोकसभा सदस्य थे। ये [[संस्कृत]] के विद्वान और [[आर्यसमाज]] के नेता के रूप में भी प्रसिद्ध थे। इनका वास्तविक नाम 'ओमप्रकाश त्यागी' था। प्रकाशवीर शास्त्री का नाम भारतीय राजनीति में उच्चकोटि के भाषण देने वालों में लिया जाता है। प्रकाशवीर के भाषणों में तर्क बहुत शक्तिशाली होते थे। उनके विरोधी भी उनके प्रशंसक बन जाते थे। ऐसा माना जाता है कि एक बार [[भारत]] के पूर्व [[प्रधानमंत्री]] और [[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता [[अटल बिहारी वाजपेयी]] ने कहा था कि प्रकाशवीर जी उनसे भी बेहतर वक्ता थे।
==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
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प्रकाशवीर शास्त्री का जन्म [[30 दिसम्बर]], [[1923]] को [[उत्तर प्रदेश]] के गाँव रेहड़ा में हुआ। वह किशोरावस्था से ही राजनीति में सक्रिय हो गये और इसी बीच आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए. (स्नातकोत्तर) की डिग्री प्राप्त की। बाद में प्रकाशवीर गुरुकुल वृन्दावन के कुलपति बने। उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय]] से प्राप्त हुई।  
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==कार्यक्षेत्र==
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प्रकाशवीर शास्त्री ने [[हिंदी]], धर्मांतरण, अराष्ट्रीय गतिविधियों तथा पांचवें और छठे दशक की अनेक ज्वलंत समस्याओं पर अपने बेबाक विचार व्यक्त किए। 1957 में आर्य समाज द्वारा संचालित हिंदी आंदोलन में उनके भाषणों ने जबर्दस्त जान फूंक दी थी। सारे देश से हजारों सत्याग्रही [[पंजाब]] आकर गिरफ्तारियाँ दे रहे थे। सन 1958 में स्वतंत्र रूप से लोकसभा सांसद बनकर [[संसद]] में गये। प्रकाशवीर शास्त्री संयुक्त राज्य संगठन में हिन्दी बोलने वाले पहले भारतीय थे जबकि दूसरे अटल बिहारी वाजपेयी।   
====लोकसभा सांसद====
ये तीन बार (दूसरी, तीसरी और चौथी) लोकसभा के सांसद रहे।
==निधन==
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13:11, 19 जून 2012 का अवतरण

प्रकाशवीर शास्त्री
पूरा नाम प्रकाशवीर शास्त्री
अन्य नाम ओमप्रकाश त्यागी
जन्म 30 दिसम्बर, 1923
जन्म भूमि गाँव रेहड़ा, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 23 नवम्बर, 1977
मृत्यु स्थान उत्तर प्रदेश
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि प्रकाशवीर शास्त्री का नाम भारतीय राजनीति में उच्चकोटि के भाषण देने वालों में लिया जाता है।
शिक्षा एम.ए.
विद्यालय आगरा विश्वविद्यालय
भाषा हिन्दी
अन्य जानकारी प्रकाशवीर शास्त्री संस्कृत के विद्वान और आर्यसमाज के नेता के रूप में भी प्रसिद्ध थे।

प्रकाशवीर शास्त्री (जन्म- 30 दिसम्बर, 1923 - मृत्यु- 23 नवम्बर, 1977) भारतीय संसद के लोकसभा सदस्य थे। ये संस्कृत के विद्वान और आर्यसमाज के नेता के रूप में भी प्रसिद्ध थे। इनका वास्तविक नाम 'ओमप्रकाश त्यागी' था। प्रकाशवीर शास्त्री का नाम भारतीय राजनीति में उच्चकोटि के भाषण देने वालों में लिया जाता है। प्रकाशवीर के भाषणों में तर्क बहुत शक्तिशाली होते थे। उनके विरोधी भी उनके प्रशंसक बन जाते थे। ऐसा माना जाता है कि एक बार भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि प्रकाशवीर जी उनसे भी बेहतर वक्ता थे।

जीवन परिचय

प्रकाशवीर शास्त्री का जन्म 30 दिसम्बर, 1923 को उत्तर प्रदेश के गाँव रेहड़ा में हुआ। वह किशोरावस्था से ही राजनीति में सक्रिय हो गये और इसी बीच आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए. (स्नातकोत्तर) की डिग्री प्राप्त की। बाद में प्रकाशवीर गुरुकुल वृन्दावन के कुलपति बने। उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राप्त हुई।

कार्यक्षेत्र

प्रकाशवीर शास्त्री ने हिंदी, धर्मांतरण, अराष्ट्रीय गतिविधियों तथा पांचवें और छठे दशक की अनेक ज्वलंत समस्याओं पर अपने बेबाक विचार व्यक्त किए। 1957 में आर्य समाज द्वारा संचालित हिंदी आंदोलन में उनके भाषणों ने जबर्दस्त जान फूंक दी थी। सारे देश से हजारों सत्याग्रही पंजाब आकर गिरफ्तारियाँ दे रहे थे। सन 1958 में स्वतंत्र रूप से लोकसभा सांसद बनकर संसद में गये। प्रकाशवीर शास्त्री संयुक्त राज्य संगठन में हिन्दी बोलने वाले पहले भारतीय थे जबकि दूसरे अटल बिहारी वाजपेयी।

लोकसभा सांसद

ये तीन बार (दूसरी, तीसरी और चौथी) लोकसभा के सांसद रहे।

निधन

संस्कृत भाषा के विद्वान और आर्यसमाज के इस नेता का निधन 23 नवम्बर 1977 को उत्तर प्रदेश में हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख