"गोपाल भार्गव": अवतरणों में अंतर
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{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ | |||
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'''गोपाल भार्गव''' (जन्म- [[1 जुलाई]], [[1952]], [[सागर ज़िला|सागर]], [[मध्य प्रदेश]]) किसानों, मजदूरों और कामगारों के नेता माने जाते हैं। वे [[मध्य प्रदेश]] सरकार में 'पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री' हैं। सन [[1985]] के बाद से गोपाल भार्गव विधानसभा के निरंतर सदस्य रहे हैं। उन्हें [[20 दिसम्बर]], [[2008]] को मध्य प्रदेश के [[मुख्यमंत्री]] [[शिवराज सिंह चौहान]] के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। | '''गोपाल भार्गव''' (जन्म- [[1 जुलाई]], [[1952]], [[सागर ज़िला|सागर]], [[मध्य प्रदेश]]) किसानों, मजदूरों और कामगारों के नेता माने जाते हैं। वे [[मध्य प्रदेश]] सरकार में 'पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री' हैं। सन [[1985]] के बाद से गोपाल भार्गव विधानसभा के निरंतर सदस्य रहे हैं। उन्हें [[20 दिसम्बर]], [[2008]] को मध्य प्रदेश के [[मुख्यमंत्री]] [[शिवराज सिंह चौहान]] के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। | ||
==जन्म तथा शिक्षा== | ==जन्म तथा शिक्षा== |
14:09, 25 सितम्बर 2012 का अवतरण
गोपाल भार्गव
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जन्म | 1 जुलाई, 1952 |
जन्म भूमि | सागर, मध्य प्रदेश |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | 'भारतीय जनता पार्टी' |
शिक्षा | बी.एस.सी. और एल.एल.बी. |
जेल यात्रा | भार्गव जी को राजनैतिक आंदोलनों के फलस्वरूप कई बार जेल भी जाना पड़ा। |
अन्य जानकारी | आप 1982 से 1984 तक नगर पालिका गढ़ाकोटा के अध्यक्ष रहे, और अगले ही वर्ष 1985 में विधानसभा सदस्य चुने गये। |
अद्यतन | 7:40, 25 सितम्बर-2012 (IST) |
गोपाल भार्गव (जन्म- 1 जुलाई, 1952, सागर, मध्य प्रदेश) किसानों, मजदूरों और कामगारों के नेता माने जाते हैं। वे मध्य प्रदेश सरकार में 'पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री' हैं। सन 1985 के बाद से गोपाल भार्गव विधानसभा के निरंतर सदस्य रहे हैं। उन्हें 20 दिसम्बर, 2008 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
जन्म तथा शिक्षा
गोपाल भार्गव का जन्म 1 जुलाई, 1952 को रहली, सागर ज़िला (मध्य प्रदेश) में हुआ था। उन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री विज्ञान विषय के साथ बी.एस.सी करके प्राप्त की और इसके बाद एल.एल.बी. तक की शिक्षा पाई।
संघर्षशील व्यक्तित्व
अपनी युवावस्था से ही गोपाल भार्गव सामाजिक गतिविधियों से जुड़ गए थे। उन्होंने मजदूरों, किसानों और बीड़ी कामगारों के लिये विभिन्न गतिविधियों और आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई थी। उनका प्रारम्भ से ही कृषि व्यवसाय से जुड़ाव रहा है। एक संघर्षशील व्यक्ति और हमेशा मेहनत में विश्वास रखने वाले गोपाल भार्गव का व्यक्तित्व वास्तव में अद्भुत है। कई बार उन्हें राजनैतिक आंदोलनों के फलस्वरूप जेल भी जाना पड़ा। किंतु इन सब परिस्थितियों में भी वे अडिग रहे।
राजनीतिक गतिविधियाँ
गोपाल भार्गव राजनीतिक गतिविधियों में भी अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करते रहे हैं। वे वर्ष 1982 से 1984 तक नगर पालिका गढ़ाकोटा के अध्यक्ष रहे। श्री भार्गव 1985 में विधानसभा सदस्य चुने गये थे। उन्होंने विधायक के रूप में अपने क्षेत्र के विकास में गहन रूचि ली। 1985 के बाद से वे निरंतर विधानसभा के सदस्य रहे हैं, और अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री
8 दिसंबर, 2003 को गोपाल भार्गव को सुश्री उमा भारती के मंत्रिमंडल में केबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया और उन्हें कृषि, राजस्व, धार्मिक न्यास और धर्मस्व, पुनर्वास व सहकारिता विभाग का दायित्व सौंपा गया। 28 जून, 2004 को हुए मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के बाद 1 जुलाई, 2004 को उन्हें कृषि एवं सहकारिता विभाग का उत्तरदायित्व सौंपा गया। श्री भार्गव को 27 अगस्त, 2004 को मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल किया गया।
मंत्री पद की शपथ
4 दिसम्बर को उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल कर मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। गोपाल भार्गव को कृषि और सहकारिता विभाग का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया। दिसम्बर, 2008 में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में छ्ठी बार रहली विधानसभा से वे विधायक निर्वाचित हुये। 20 दिसम्बर, 2008 को उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल कर मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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