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सभी अंकों का अपना महत्व है किन्तु "7" अंक की महत्ता प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण है। अंक 7 को एक भाग्यशाली अंक के रूप में जाना जाता है। यदि आपसे 1 से 10 के बीच का एक नंबर चुनने को कहा जाए तो किसे चुनेंगे? मनोवैज्ञानिक शोध कहते हैं कि ज्यादातर लोगों का जवाब 7 होता है। आम समाज में कोई न बहुत नीचे रहना चाहता है, न सबसे ऊपर। परीक्षा में सौ फीसदी अंक कम आते हैं, जबकि 70-80 फीसदी सर्वाधिक। इसका अर्थ है आप औसत से कुछ ऊपर की योग्यता रखते हैं। यह है मनोविज्ञान की बात, लेकिन अंक सात कई वजहों से ख़ास है, जानिए क्यों।
==अंक 7 की महत्ता==
==इन्द्रधनुष के सात रंग==
वैसे देखा जाए तो सभी अंकों का अपना महत्व है किन्तु "सात" अंक की महत्ता प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण है। अंक 7 को एक भाग्यशाली अंक के रूप में जाना जाता है।  
[[बारिश]] के बाद [[सूर्य]] का [[प्रकाश]] (धूप) आने पर कई बार आसमान में [[रंग|रंगों]] का प्रतिबिंब दिखाई देता है। इसके बाहरी हिस्से में [[लाल रंग|लाल]], भीतरी हिस्से में [[बैगनी रंग]] दिखता है। कभी-कभी एक इंद्रधनुष के पीछे दूसरा भी नज़र आता है, जिसमें रंगों का क्रम उलट जाता है। लाल-बैगनी के अलावा इंद्रधनुष के अन्य रंग हैं, [[नारंगी रंग|नारंगी]], [[पीला रंग|पीला]], [[हरा रंग|हरा]], [[नीला रंग|नीला]] और इंडिगो। थॉमस यंग ने 1804 में इंद्रधनुष को सबसे पहले परिभाषित किया था।
==संगीत के सात स्वर==
सात [[स्वर (संगीत)|स्वरों]] यानी [[संगीत]] से कौन परिचित नहीं होगा और 7 स्वरों में प्रत्येक ध्वनि तथा ब्रम्हाण्ड का संगीत समाया हुआ है।
;संगीत के सात स्वर (सुर) हैं :- सा, रे, ग, म, प, ध, नी।


यदि आपसे 1 से 10 के बीच का एक नंबर चुनने को कहा जाए तो किसे चुनेंगे? मनोवैज्ञानिक शोध कहते हैं कि ज्यादातर लोगों का जवाब 7 होता है। आम समाज में कोई न बहुत नीचे रहना चाहता है, न सबसे ऊपर। परीक्षा में सौ फीसदी अंक कम आते हैं, जबकि 70-80 फीसदी सर्वाधिक। इसका अर्थ है आप औसत से कुछ ऊपर की योग्यता रखते हैं। यह है मनोविज्ञान की बात, लेकिन अंक सात कई वजहों से ख़ास है, जानिए क्यों।
सा - षड्ज, रे - रिषभ, ग - गांधार, म - मध्यम, प - पंचम, ध - धेवत, नी - निषाद।  
 
इन्हें पशु-पक्षियों के सुर के आधार पर बांटा गया है। जैसे, षड्ज - [[मोर]], रिषभ - वृषभ/स्काईलार्क, गांधार - बकरी, मध्यम - फाख्ता/बगुला, पंचम - [[कोयल]] / पपीहा, धेवत - घोड़ा, निषाद - हाथ[[ी।]]
===इन्द्रधनुष के सात रंग===
बारिश के बाद सूर्य का प्रकाश (धूप) आने पर कई बार आसमान में रंगों का प्रतिबिंब दिखाई देता है। इसके बाहरी हिस्से में लाल, भीतरी हिस्से में बैगनी रंग दिखता है। कभी-कभी एक इंद्रधनुष के पीछे दूसरा भी नजर आता है, जिसमें रंगों का क्रम उलट जाता है। लाल-बैगनी के अलावा इंद्रधनुष के अन्य रंग हैं, नारंगी, पीला, हरा, नीला और इंडिगो। थॉमस यंग ने 1804 में इंद्रधनुष को सबसे पहले परिभाषित किया था।
 
===संगीत के सात स्वर===
सात स्वरों यानी संगीत से कौन परिचित नहीं होगा और 7 स्वरों में प्रत्येक ध्वनि तथा ब्रम्हाण्ड का संगीत समाया हुआ है।
 
संगीत के सात स्वर (सुर) हैं :- सा, रे, ग, म, प, ध, नी।
 
सा - षड्ज, रे - रिषभ, ग - गांधार, म - मध्यम, प - पंचम, ध - धेवत, नी - निषाद। इन्हें पशु-पक्षियों के सुर के आधार पर बांटा गया है। जैसे, षड्ज - मोर, रिषभ - वृषभ/स्काईलार्क, गांधार - बकरी, मध्यम - फाख्ता/बगुला, पंचम - कोयल/पपीहा, धेवत - घोडा, निषाद - हाथी।
 
===विश्व के सात आश्चर्य (सात अजूबे इस दुनिया के)===
प्राचीन आश्चर्यो में मिस्त्र में गिजा के विशाल पिरामिड, बेबीलोन के हैंगिंग गार्डन, ओलंपिया में ज्यूइस की मूर्ति, आर्टिमिस का मंदिर, रोडस का कॅलसस, एलेक्जेंड्रिया का लाइट हाउस और हलीकार्नसस का मॉसोलियम है। यूनेस्को की नई लिस्ट में मैक्सिको का चेचेन इत्जा, रियो डि जेनेरियो (ब्राजील) का क्राइस्ट दि रीडीमर, रोम (इटली) जोर्डन का पेट्रा, आगरा का ताजमहल इसमें शामिल किया गया है।


===विश्व के सात आश्चर्य===
प्राचीन आश्चर्यो में [[मिस्र]] में गिजा के विशाल पिरामिड, बेबीलोन के हैंगिंग गार्डन, ओलंपिया में ज्यूइस की मूर्ति, आर्टिमिस का मंदिर, रोडस का कॅलसस, एलेक्जेंड्रिया का लाइट हाउस और हलीकार्नसस का मॉसोलियम है। [[यूनेस्को]] की नई सूची में मैक्सिको का चेचेन इत्जा, रियो डि जेनेरियो (ब्राजील) का क्राइस्ट दि रीडीमर, [[रोम]] (इटली) जोर्डन का पेट्रा, [[आगरा]] का ताजमहल इसमें शामिल किया गया है।
{{विश्व के सात आश्चर्य}}
===सात समुद्र (महासागर)===
===सात समुद्र (महासागर)===
फिल्म तकदीर का गीत सात समंदर पार से, गुडियों के बाजार से अच्छी-सी गुडिया लाना.. पापा जल्दी आ जाना.. सुपरहिट हुआ। रुडयार्ड किपलिंग ने 1896 में दि सेवन सीज नामक कविताओं की श्रृंखला रची थी, जिसे उन्होंने मुंबई को समर्पित किया। ये 7 समुद्र हैं : उत्तरी प्रशांत महासागर, दक्षिणी प्रशांत महासागर, उत्तरी अटलांटिक महासागर, दक्षिणी अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, दक्षिणी महासागर और आर्कटिक महासागर।
फ़िल्म 'तकदीर' का गीत सात समंदर पार से, गुडियों के बाजार से अच्छी-सी गुडिया लाना.. पापा जल्दी आ जाना.. सुपरहिट हुआ। रुडयार्ड किपलिंग ने [[1896]] में 'दि सेवन सीज' नामक कविताओं की श्रृंखला रची थी, जिसे उन्होंने [[मुंबई]] को समर्पित किया। ये 7 [[समुद्र]] हैं : उत्तरी प्रशांत महासागर, दक्षिणी प्रशांत महासागर, उत्तरी अटलांटिक महासागर, दक्षिणी अटलांटिक महासागर, [[हिंद महासागर]], दक्षिणी महासागर और [[आर्कटिक महासागर]]।
 
===सप्ताह के सात दिन===
===सप्ताह के सात दिन===
आधुनिक काल में सप्ताह को 7 दिन में बांटा गया है, जबकि प्राचीन समय में 3 से 8 दिन का हफ्ता माना जाता था। इसमें बाजार के समीकरण फिट नहीं बैठते थे। रोम में पहली बार 7 दिन का सप्ताह बनाया गया। 7 दिन के नाम सूर्य, चंद्रमा सहित पांच अन्य ग्रहों मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि के नाम पर रखे गए।
आधुनिक काल में [[सप्ताह]] को 7 दिन में बांटा गया है, जबकि प्राचीन समय में 3 से 8 दिन का हफ्ता माना जाता था। इसमें बाजार के समीकरण फिट नहीं बैठते थे। रोम में पहली बार 7 दिन का सप्ताह बनाया गया। 7 दिन के नाम [[सूर्य]], [[चंद्रमा]] सहित पांच अन्य ग्रहों [[मंगल ग्रह|मंगल]], [[बुध ग्रह|बुध]], [[बृहस्पति ग्रह|बृहस्पति]], [[शुक्र ग्रह|शुक्र]], [[शनि ग्रह|शनि]] के नाम पर रखे गए।


भारतीय काल गणना में सप्ताह को सात वारों (दिनों) में बाँटा गया है। सप्ताह सात दिन - सोम, मंगल, बुध, वीर, शुक्र, शनि, रवि।
भारतीय काल गणना में सप्ताह को सात वारों (दिनों) में बाँटा गया है। सप्ताह सात दिन - [[सोमवार]]], [[मंगलवार]], [[बुधवार]], [[गुरुवार]], [[शुक्रवार]], [[शनिवार]], [[रविवार]]।


===सात सद्गुण और सात दुर्गुण===
===सात सद्गुण और सात दुर्गुण===
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विनम्रता, उदारता (प्रशंसा), क्षमाशीलता, परिश्रम, दयालुता, संयम, पवित्रता
विनम्रता, उदारता (प्रशंसा), क्षमाशीलता, परिश्रम, दयालुता, संयम, पवित्रता
;सात दुर्गुण
;सात दुर्गुण
ईष्र्या, क्रोध, आलस्य, लालच, भोग, आसक्ति कामुकता
ईष्र्या, क्रोध, आलस्य, लालच, भोग, आसक्ति, कामुकता
 
===सेवन इयर इच===
===सेवन इयर इच===
इस मुहावरे को 1899 में गढा गया था। माना गया कि विवाह के सात वर्ष के उपरांत दांपत्य में नीरसता आ जाती है। मशहूर एक्ट्रैस मर्लिन मुनरो की फिल्म सेवन इयर इच काफी चर्चित रही। हालांकि दांपत्य में नीरसता का यह समय अब दस वर्ष कर दिया गया है।
इस मुहावरे को 1899 में गढ़ा गया था। माना गया कि [[विवाह]] के सात वर्ष के उपरांत दांपत्य में नीरसता आ जाती है। मशहूर एक्ट्रैस मर्लिन मुनरो की फिल्म सेवन इयर इच काफ़ी चर्चित रही। हालांकि दांपत्य में नीरसता का यह समय अब दस वर्ष कर दिया गया है।
 
===क्या आप जानते हैं===
===क्या आप जानते हैं===
* ह्वयू.एस. वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार मनुष्य के सोने की अवधि आम तौर पर 7 घंटा है।  
* ह्वयू.एस. वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार मनुष्य के सोने की अवधि आम तौर पर 7 घंटा है।  
* ह्वचैलेंजर एवं कोलंबिया नासा अंतरिक्ष यान दुर्घटना में 7 अंतरिक्ष यात्री मारे गए।
* नेटबॉल, हैंडबॉल और वाटर पोलो में हमेशा 7 खिलाडी होते हैं।
* नेटबॉल, हैंडबॉल और वाटर पोलो में हमेशा 7 खिलाडी होते हैं।
* जेम्स बॉन्ड का सीक्रेट नंबर है 007।
* जेम्स बॉन्ड का सीक्रेट नंबर है 007।
* जे.के. रॉलिंग की विश्वविख्यात रचना हैरी पॉटर के 7 खंड प्रकाशित हुए हैं। इसका अंतिम एवं सातवां खंड 2007 में प्रकाशित हुआ। कहा जाता है कि पहले ही दिन यू.एस. में इसकी 7 मिलियन प्रतियां बिकीं। हैरी का जन्म माह जुलाई यानी वर्ष का सातवां माह है।
===सात अंक के कुछ जाने माने महत्व===
===सात अंक के कुछ जाने माने महत्व===
* 7 ग्रह (9 ग्रहों में राहु और केतु का अस्तित्व नहीं हैं) - क़रीब 1800 ईसा पूर्व के इतिहास में भी अंक सात को वर्णन मिलता है। जिसमें सौर मण्डल में सात ग्रहों का जिक्र किया गया है।
* 7 ग्रह (9 ग्रहों में राहु और केतु का अस्तित्व नहीं हैं) - क़रीब 1800 ईसा पूर्व के इतिहास में भी अंक सात को वर्णन मिलता है। जिसमें [[सौर मण्डल]] में सात ग्रहों का जिक्र किया गया है।
* 7 जन्म (सातों जन्म मैं तेरे साथ रहूंगा यार -फिल्मी गाना)
* 7 जन्म (सातों जन्म मैं तेरे साथ रहूंगा यार -फिल्मी गाना)
* 7 घोडे सूर्य के रथ के  
* 7 घोड़े सूर्य के रथ के  
* 7 दिनों में संसार की रचना - सभी धर्मों में अंक सात को जड़ अंक माना जाता है। क्योंकि ईश्वर ने संसार की रचना सात दिनों के भीतर की थी।  
* 7 दिनों में संसार की रचना - सभी धर्मों में अंक सात को जड़ अंक माना जाता है। क्योंकि ईश्वर ने संसार की रचना सात दिनों के भीतर की थी।  
* 7 परिक्रमा
* 7 परिक्रमा
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* 7 तंत्र-मंत्र
* 7 तंत्र-मंत्र
* 7 ताल (नैनीताल, भीमताल, नौकुचियां ताल, राम ताल, सीता ताल, लक्ष्मण ताल और सात ताल)
* 7 ताल (नैनीताल, भीमताल, नौकुचियां ताल, राम ताल, सीता ताल, लक्ष्मण ताल और सात ताल)
* (सात समन्दर पार मैं तेरे पीछे-पीछे आ गई – फिल्मी गाना)
* स्नान के भी सात प्रकार - मन्त्र स्नान, मौन स्नान, अग्नि स्नान, वायव्य स्नान, दिव्य स्नान, मसग स्नान और मानसिक स्नान।
* स्नान के भी सात प्रकार - मन्त्र स्नान, मौन स्नान, अग्नि स्नान, वायव्य स्नान, दिव्य स्नान, मसग स्नान और मानसिक स्नान।
* सात लोक अर्थात - भू:, भुव:, स्व:, मह:, जन, जप और तप।
* सात लोक अर्थात - भू:, भुव:, स्व:, मह:, जन, जप और तप।
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* जीवन की सात क्रियाएँ अर्थात- शौच, दंत धावन, स्नान, ध्यान, भोजन, भजन और शयन।
* जीवन की सात क्रियाएँ अर्थात- शौच, दंत धावन, स्नान, ध्यान, भोजन, भजन और शयन।
* सात का अभिवादन अर्थात- माता, पिता, गुरु, ईश्वर, सूर्य, अग्नि और अतिथि।
* सात का अभिवादन अर्थात- माता, पिता, गुरु, ईश्वर, सूर्य, अग्नि और अतिथि।
* शरीर में 7 धातुएं हैं - रस, रक्त, वसा, अस्थि, मज्जा एवं शुक्र।  
* शरीर में 7 धातुएं हैं - रस, रक्त, वसा, अस्थि, मज्जा एवं शुक्र।  
* अयोध्या, मथुरा, माया (हरिद्वार), काशी, का´ची, अवन्तिका एवं द्वारिका को 7 पवित्रतम पुरियों की संज्ञा दी गयी है।  
* [[अयोध्या]], [[मथुरा]], माया ([[हरिद्वार]]), [[काशी]], [[कांचीपुरम]], [[अवन्तिका]] ([[उज्जैन]]) एवं [[द्वारिका]] को 7 पवित्रतम पुरियों की संज्ञा दी गयी है।  
* शिव पुराण की रचनाओं को 7 खण्डों में बाँटा गया है तथा वेद ज्ञान के प्रथम प्रवक्ता के रूप में भी व्यास, भेल, कण्व, विशश्ठ, सुश्रुत, ऋतुपर्ण और जैमिनी इन 7 ऋशियों का नाम आता है। ऋशियों को 7 श्रेणियों में बाँटा गया है ब्रम्हर्शि, देवर्शि, महर्शि, परमर्शि, काण्डर्शि, ऋतुिर्ण तथा राजर्शि।
* [[शिव पुराण]] की रचनाओं को 7 खण्डों में बाँटा गया है तथा वेद ज्ञान के प्रथम प्रवक्ता के रूप में भी व्यास, भेल, कण्व, विशश्ठ, सुश्रुत, ऋतुपर्ण और जैमिनी इन 7 ऋषियों का नाम आता है। ऋषियों को 7 श्रेणियों में बाँटा गया है ब्रम्हर्षि, देवर्षि, महर्षि, परमर्षि, काण्डर्षि, ऋतुर्षि तथा राजर्षि।
* आकाश में जो सप्तर्शि मण्डल नज़र आता है वे सप्तर्शि ब्रम्हा के मानस पुत्र कहलाते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - मरीचि, अंगिरा, अत्रि, पुलद, केतु, पोलस्तय और वशिष्ठ।
* [[आकाश]] में जो सप्तर्षि मण्डल नज़र आता है वे सप्तर्षि ब्रम्हा के मानस पुत्र कहलाते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - [[मरीचि]], [[अंगिरा]], [[अत्रि]], पुलद, केतु, [[पुलस्त्य]] और [[वसिष्ठ]]।
* हमारे पृथ्वी को भी पुराणों में जम्बू, शाक, कुश, क्रोग्य, शाल्मलि, गोमेद एवं पुश्कर इन 7 दीपों में बाँटा गया है।  
* [[पृथ्वी]] को भी [[पुराण|पुराणों]] में जम्बू, शाक, कुश, क्रोग्य, शाल्मलि, गोमेद एवं पुष्कर इन 7 दीपों में बाँटा गया है।  
* तंत्र ग्रन्थों में भी वेद, वैश्णव, शैव, अक्षिण, बाम, सिद्धान्त एवं कुल ये 7 आचार बताये गये हैं।  
* तंत्र ग्रन्थों में भी [[वेद]], [[वैष्णव]], [[शैव]], अक्षिण, बाम, सिद्धान्त एवं कुल ये 7 आचार बताये गये हैं।  
* तुलसी कृत राम चरित मानस को भी 7 खण्डों में बाँटा गया है - बालकाण्ड, अयोध्या काण्ड, अरण्य काण्ड, कििश्कन्धा काण्ड, सुन्दर काण्ड, लंका काण्ड उत्तर काण्ड में भारतीय धर्म एवं दशन का प्रतिपादन किया गया है।  
* [[तुलसीदास]] कृत [[रामचरितमानस]] को भी 7 खण्डों में बाँटा गया है - बालकाण्ड, अयोध्या काण्ड, अरण्य काण्ड, किष्किन्धा काण्ड, सुन्दर काण्ड, लंका काण्ड उत्तर काण्ड में भारतीय धर्म एवं दशन का प्रतिपादन किया गया है।  
* हमारे भारतीय संस्कृति एवं परम्परा में विवाह में अग्नि के 7 फेरे और सात वचन लेने की परम्परा है, और पति-पत्नी कम से कम 7 जन्मों तक एक दूसरे का साथ निभाएंगें ऐसी कल्याणोक्ति हर कोई देता है।  
* [[भारतीय संस्कृति]] एवं परम्परा में [[विवाह]] में [[अग्नि]] के 7 फेरे और सात वचन लेने की परम्परा है, और पति-पत्नी कम से कम 7 जन्मों तक एक दूसरे का साथ निभाएंगें ऐसी कल्याणोक्ति हर कोई देता है।  
* भारत एक आस्था का देश है। यहाँ प्राचीन काल से ही प्रकृति को विशेश महत्व प्राप्त है और देश में प्रवाहित विपाशा (व्यास), शतद्रु (सतलज), चन्द्रभागा (चिनाव), सरस्वती, इरावती (रावी), विस्तार (झेलम), तथा सिन्धु को 7 देव नदियों में गिना जाता है।  
* [[भारत]] एक आस्था का देश है। यहाँ प्राचीन काल से ही प्रकृति को विशेश महत्व प्राप्त है और देश में प्रवाहित विपाशा (व्यास), शतद्रु (सतलज), चन्द्रभागा (चिनाव), सरस्वती, इरावती (रावी), विस्तार (झेलम), तथा सिन्धु को 7 देव नदियों में गिना जाता है।  
* गीता में 700 लोक हैं तथा कृश्ण की बाँसुरी में 7 स्वर हैं।  
* [[गीता]] में 700 लोक हैं तथा [[कृष्ण]] की [[बाँसुरी]] में 7 [[स्वर (संगीत)|स्वर]] हैं।  
* हम पुराणों की बात करें तो सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड को 7 उपरी तथा 7 निचले लोकों में विभाजित किया गया है। जिसमें सबसे उपर सत्यलोक या बम्हलोक है।  
* हम पुराणों की बात करें तो सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड को 7 उपरी तथा 7 निचले लोकों में विभाजित किया गया है। जिसमें सबसे उपर सत्यलोक या ब्रह्मलोक है।  
* सागरों में इच्छु सागर, क्षीर सागर, घृत सागर, जल सागर, दधि सागर, लवण सागर, एवं सुरा सागरों को सप्त सागरों की श्रेणी में रखा गया है।  
* [[सागर|सागरों]] में इच्छु सागर, [[क्षीर सागर]], घृत सागर, जल सागर, [[दधि सागर]], लवण सागर, एवं सुरा सागरों को सप्त सागरों की श्रेणी में रखा गया है।  
* विश्व के महाद्वीपों की बात करे तो इनको भी 7 महाद्वीपों में बाँटा गया है जिनमें अफ्रीका, अमेरिका उत्तर, अमेरिका दक्षिण, आस्ट्रेलिया, एिशया, दक्षिण ध्रव महाद्वीप एवं यूरोप।
* विश्व के महाद्वीपों की बात करे तो इनको भी 7 महाद्वीपों में बाँटा गया है जिनमें अफ़्रीका, अमेरिका उत्तर, अमेरिका दक्षिण, आस्ट्रेलिया, एशिया, दक्षिण ध्रव महाद्वीप एवं [[यूरोप]]।
* हमारे भारतीय शास्त्रीय नृत्य को भी 7 श्रेणियों में रखा गया है ओडिसी, कत्थक, कथकली, कुचीपुड़ी, भरत नाट्यम, मणिपुरी एवं मोहिनी अट्टम ये सात नृत्य हैं।  
* भारतीय शास्त्रीय नृत्य को भी 7 श्रेणियों में रखा गया है ओडिसी, कत्थक, कथकली, कुचीपुड़ी, भरत नाट्यम, मणिपुरी एवं मोहिनी अट्टम ये सात नृत्य हैं।  
 
इस तरह से हम देखते हैं कि अंकों का मानव जीवन से क्या सम्बन्ध है और मानव जीवन में कितना महत्वपूर्ण है, विशेशकर अंक 7 और मानव संस्कृति के विभिन्न पहलुओं/शैलियों में अंक 7 का विशेश महत्व/प्रतिश्ठा है।
 
 




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12:05, 12 अप्रैल 2013 का अवतरण

सभी अंकों का अपना महत्व है किन्तु "7" अंक की महत्ता प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण है। अंक 7 को एक भाग्यशाली अंक के रूप में जाना जाता है। यदि आपसे 1 से 10 के बीच का एक नंबर चुनने को कहा जाए तो किसे चुनेंगे? मनोवैज्ञानिक शोध कहते हैं कि ज्यादातर लोगों का जवाब 7 होता है। आम समाज में कोई न बहुत नीचे रहना चाहता है, न सबसे ऊपर। परीक्षा में सौ फीसदी अंक कम आते हैं, जबकि 70-80 फीसदी सर्वाधिक। इसका अर्थ है आप औसत से कुछ ऊपर की योग्यता रखते हैं। यह है मनोविज्ञान की बात, लेकिन अंक सात कई वजहों से ख़ास है, जानिए क्यों।

इन्द्रधनुष के सात रंग

बारिश के बाद सूर्य का प्रकाश (धूप) आने पर कई बार आसमान में रंगों का प्रतिबिंब दिखाई देता है। इसके बाहरी हिस्से में लाल, भीतरी हिस्से में बैगनी रंग दिखता है। कभी-कभी एक इंद्रधनुष के पीछे दूसरा भी नज़र आता है, जिसमें रंगों का क्रम उलट जाता है। लाल-बैगनी के अलावा इंद्रधनुष के अन्य रंग हैं, नारंगी, पीला, हरा, नीला और इंडिगो। थॉमस यंग ने 1804 में इंद्रधनुष को सबसे पहले परिभाषित किया था।

संगीत के सात स्वर

सात स्वरों यानी संगीत से कौन परिचित नहीं होगा और 7 स्वरों में प्रत्येक ध्वनि तथा ब्रम्हाण्ड का संगीत समाया हुआ है।

संगीत के सात स्वर (सुर) हैं
- सा, रे, ग, म, प, ध, नी।

सा - षड्ज, रे - रिषभ, ग - गांधार, म - मध्यम, प - पंचम, ध - धेवत, नी - निषाद। इन्हें पशु-पक्षियों के सुर के आधार पर बांटा गया है। जैसे, षड्ज - मोर, रिषभ - वृषभ/स्काईलार्क, गांधार - बकरी, मध्यम - फाख्ता/बगुला, पंचम - कोयल / पपीहा, धेवत - घोड़ा, निषाद - हाथी।

विश्व के सात आश्चर्य

प्राचीन आश्चर्यो में मिस्र में गिजा के विशाल पिरामिड, बेबीलोन के हैंगिंग गार्डन, ओलंपिया में ज्यूइस की मूर्ति, आर्टिमिस का मंदिर, रोडस का कॅलसस, एलेक्जेंड्रिया का लाइट हाउस और हलीकार्नसस का मॉसोलियम है। यूनेस्को की नई सूची में मैक्सिको का चेचेन इत्जा, रियो डि जेनेरियो (ब्राजील) का क्राइस्ट दि रीडीमर, रोम (इटली) जोर्डन का पेट्रा, आगरा का ताजमहल इसमें शामिल किया गया है।

सात समुद्र (महासागर)

फ़िल्म 'तकदीर' का गीत सात समंदर पार से, गुडियों के बाजार से अच्छी-सी गुडिया लाना.. पापा जल्दी आ जाना.. सुपरहिट हुआ। रुडयार्ड किपलिंग ने 1896 में 'दि सेवन सीज' नामक कविताओं की श्रृंखला रची थी, जिसे उन्होंने मुंबई को समर्पित किया। ये 7 समुद्र हैं : उत्तरी प्रशांत महासागर, दक्षिणी प्रशांत महासागर, उत्तरी अटलांटिक महासागर, दक्षिणी अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, दक्षिणी महासागर और आर्कटिक महासागर

सप्ताह के सात दिन

आधुनिक काल में सप्ताह को 7 दिन में बांटा गया है, जबकि प्राचीन समय में 3 से 8 दिन का हफ्ता माना जाता था। इसमें बाजार के समीकरण फिट नहीं बैठते थे। रोम में पहली बार 7 दिन का सप्ताह बनाया गया। 7 दिन के नाम सूर्य, चंद्रमा सहित पांच अन्य ग्रहों मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि के नाम पर रखे गए।

भारतीय काल गणना में सप्ताह को सात वारों (दिनों) में बाँटा गया है। सप्ताह सात दिन - सोमवार], मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार

सात सद्गुण और सात दुर्गुण

मनुष्य के 7 सद्गुणों को दो भागों में बांटा गया है। पहले चार ग्रीक समाज के हैं, जिन्हें हम हर समाज पर लागू कर सकते हैं-विवेक, न्याय, संयम, साहस, जबकि 3 धार्मिक सद्गुण ईसाई धर्म से लिए गए हैं - दयालुता, विश्वास, आशा।

  • महान दार्शनिक दांते की रचना दि डिवाइन कॉमेडी के अनुसार ये सद्गुण-दुर्गुण हैं :
सात सद्गुण

विनम्रता, उदारता (प्रशंसा), क्षमाशीलता, परिश्रम, दयालुता, संयम, पवित्रता

सात दुर्गुण

ईष्र्या, क्रोध, आलस्य, लालच, भोग, आसक्ति, कामुकता

सेवन इयर इच

इस मुहावरे को 1899 में गढ़ा गया था। माना गया कि विवाह के सात वर्ष के उपरांत दांपत्य में नीरसता आ जाती है। मशहूर एक्ट्रैस मर्लिन मुनरो की फिल्म सेवन इयर इच काफ़ी चर्चित रही। हालांकि दांपत्य में नीरसता का यह समय अब दस वर्ष कर दिया गया है।

क्या आप जानते हैं

  • ह्वयू.एस. वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार मनुष्य के सोने की अवधि आम तौर पर 7 घंटा है।
  • नेटबॉल, हैंडबॉल और वाटर पोलो में हमेशा 7 खिलाडी होते हैं।
  • जेम्स बॉन्ड का सीक्रेट नंबर है 007।

सात अंक के कुछ जाने माने महत्व

  • 7 ग्रह (9 ग्रहों में राहु और केतु का अस्तित्व नहीं हैं) - क़रीब 1800 ईसा पूर्व के इतिहास में भी अंक सात को वर्णन मिलता है। जिसमें सौर मण्डल में सात ग्रहों का जिक्र किया गया है।
  • 7 जन्म (सातों जन्म मैं तेरे साथ रहूंगा यार -फिल्मी गाना)
  • 7 घोड़े सूर्य के रथ के
  • 7 दिनों में संसार की रचना - सभी धर्मों में अंक सात को जड़ अंक माना जाता है। क्योंकि ईश्वर ने संसार की रचना सात दिनों के भीतर की थी।
  • 7 परिक्रमा
  • 7 गुण (विश्वास, आशा, दान, निग्रह, धैर्य, न्याय, त्याग)
  • 7 पाप (अभिमान, लोभ, क्रोध, वासना, ईर्ष्या, आलस्य, अति भोजन)
  • 7 उपहार आत्मा के (विवेक, प्रज्ञा, उपदेश, भक्ति, ज्ञान, शक्ति, ईश्वर का भय)
  • 7 तंत्र-मंत्र
  • 7 ताल (नैनीताल, भीमताल, नौकुचियां ताल, राम ताल, सीता ताल, लक्ष्मण ताल और सात ताल)
  • स्नान के भी सात प्रकार - मन्त्र स्नान, मौन स्नान, अग्नि स्नान, वायव्य स्नान, दिव्य स्नान, मसग स्नान और मानसिक स्नान।
  • सात लोक अर्थात - भू:, भुव:, स्व:, मह:, जन, जप और तप।
  • सुबह सवेरे सात पदार्थों के दर्शन।
  • जीवन की सात क्रियाएँ अर्थात- शौच, दंत धावन, स्नान, ध्यान, भोजन, भजन और शयन।
  • सात का अभिवादन अर्थात- माता, पिता, गुरु, ईश्वर, सूर्य, अग्नि और अतिथि।
  • शरीर में 7 धातुएं हैं - रस, रक्त, वसा, अस्थि, मज्जा एवं शुक्र।
  • अयोध्या, मथुरा, माया (हरिद्वार), काशी, कांचीपुरम, अवन्तिका (उज्जैन) एवं द्वारिका को 7 पवित्रतम पुरियों की संज्ञा दी गयी है।
  • शिव पुराण की रचनाओं को 7 खण्डों में बाँटा गया है तथा वेद ज्ञान के प्रथम प्रवक्ता के रूप में भी व्यास, भेल, कण्व, विशश्ठ, सुश्रुत, ऋतुपर्ण और जैमिनी इन 7 ऋषियों का नाम आता है। ऋषियों को 7 श्रेणियों में बाँटा गया है ब्रम्हर्षि, देवर्षि, महर्षि, परमर्षि, काण्डर्षि, ऋतुर्षि तथा राजर्षि।
  • आकाश में जो सप्तर्षि मण्डल नज़र आता है वे सप्तर्षि ब्रम्हा के मानस पुत्र कहलाते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - मरीचि, अंगिरा, अत्रि, पुलद, केतु, पुलस्त्य और वसिष्ठ
  • पृथ्वी को भी पुराणों में जम्बू, शाक, कुश, क्रोग्य, शाल्मलि, गोमेद एवं पुष्कर इन 7 दीपों में बाँटा गया है।
  • तंत्र ग्रन्थों में भी वेद, वैष्णव, शैव, अक्षिण, बाम, सिद्धान्त एवं कुल ये 7 आचार बताये गये हैं।
  • तुलसीदास कृत रामचरितमानस को भी 7 खण्डों में बाँटा गया है - बालकाण्ड, अयोध्या काण्ड, अरण्य काण्ड, किष्किन्धा काण्ड, सुन्दर काण्ड, लंका काण्ड उत्तर काण्ड में भारतीय धर्म एवं दशन का प्रतिपादन किया गया है।
  • भारतीय संस्कृति एवं परम्परा में विवाह में अग्नि के 7 फेरे और सात वचन लेने की परम्परा है, और पति-पत्नी कम से कम 7 जन्मों तक एक दूसरे का साथ निभाएंगें ऐसी कल्याणोक्ति हर कोई देता है।
  • भारत एक आस्था का देश है। यहाँ प्राचीन काल से ही प्रकृति को विशेश महत्व प्राप्त है और देश में प्रवाहित विपाशा (व्यास), शतद्रु (सतलज), चन्द्रभागा (चिनाव), सरस्वती, इरावती (रावी), विस्तार (झेलम), तथा सिन्धु को 7 देव नदियों में गिना जाता है।
  • गीता में 700 लोक हैं तथा कृष्ण की बाँसुरी में 7 स्वर हैं।
  • हम पुराणों की बात करें तो सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड को 7 उपरी तथा 7 निचले लोकों में विभाजित किया गया है। जिसमें सबसे उपर सत्यलोक या ब्रह्मलोक है।
  • सागरों में इच्छु सागर, क्षीर सागर, घृत सागर, जल सागर, दधि सागर, लवण सागर, एवं सुरा सागरों को सप्त सागरों की श्रेणी में रखा गया है।
  • विश्व के महाद्वीपों की बात करे तो इनको भी 7 महाद्वीपों में बाँटा गया है जिनमें अफ़्रीका, अमेरिका उत्तर, अमेरिका दक्षिण, आस्ट्रेलिया, एशिया, दक्षिण ध्रव महाद्वीप एवं यूरोप
  • भारतीय शास्त्रीय नृत्य को भी 7 श्रेणियों में रखा गया है ओडिसी, कत्थक, कथकली, कुचीपुड़ी, भरत नाट्यम, मणिपुरी एवं मोहिनी अट्टम ये सात नृत्य हैं।


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