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'''लोधी क़िला''' [[पंजाब]] राज्य के [[लुधियाना]] शहर में स्थित है। इस क़िले का वास्तुशिल्प कुछ इस तरह का था कि अंग्रेज़ इसे कभी जीत नहीं पाए। | '''लोधी क़िला''' [[पंजाब]] राज्य के [[लुधियाना]] शहर में स्थित है। इस क़िले का वास्तुशिल्प कुछ इस तरह का था कि [[अंग्रेज़]] इसे कभी जीत नहीं पाए। | ||
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इस क़िले का निर्माण मुस्लिम शासक | इस क़िले का निर्माण मुस्लिम शासक [[सिकन्दर लोदी]] ने क़रीब 500 साल पहले [[सतलुज नदी]] के तट पर करवाया था। क़िले का निर्माण सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया था। बाद में सुल्तान लोधी ने अपने दो जनरलों को यहाँ ठहराया। इस क़िले ने लोधी और अन्य मुस्लिम शासकों की ताकत को बढ़ाया। इसके महत्व को स्वीकार करते हुए सबसे शक्तिशाली सिक्ख शासक [[रणजीत सिंह|महाराजा रणजीत सिंह]] ने सतलुज नदी के दूसरी ओर इससे भी अधिक मजबूत क़िले का निर्माण करवाया। [[दिल्ली]] के मुस्लिम शासन के कमज़ोर होने पर महाराजा रणजीत सिंह ने इसपर कब्ज़ा कर लिया। रणजीत सिंह के साम्राज्य का पतन होने पर यह क़िला अंग्रेजी नियंत्रण में आ गया। | ||
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14:35, 10 अक्टूबर 2014 का अवतरण
लोधी क़िला पंजाब राज्य के लुधियाना शहर में स्थित है। इस क़िले का वास्तुशिल्प कुछ इस तरह का था कि अंग्रेज़ इसे कभी जीत नहीं पाए।
निर्माण
इस क़िले का निर्माण मुस्लिम शासक सिकन्दर लोदी ने क़रीब 500 साल पहले सतलुज नदी के तट पर करवाया था। क़िले का निर्माण सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया था। बाद में सुल्तान लोधी ने अपने दो जनरलों को यहाँ ठहराया। इस क़िले ने लोधी और अन्य मुस्लिम शासकों की ताकत को बढ़ाया। इसके महत्व को स्वीकार करते हुए सबसे शक्तिशाली सिक्ख शासक महाराजा रणजीत सिंह ने सतलुज नदी के दूसरी ओर इससे भी अधिक मजबूत क़िले का निर्माण करवाया। दिल्ली के मुस्लिम शासन के कमज़ोर होने पर महाराजा रणजीत सिंह ने इसपर कब्ज़ा कर लिया। रणजीत सिंह के साम्राज्य का पतन होने पर यह क़िला अंग्रेजी नियंत्रण में आ गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख