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'''भैरोसिंह शेखावत''' (जन्म- [[23 अक्टूबर]], [[1923]], [[सीकर]], ब्रिटिश भारत; मृत्यु- [[15 मई]], [[2010]], [[जयपुर]], [[राजस्थान]]) [[भारत]] के ग्यारहवें [[उपराष्ट्रपति]] और राजस्थान के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] थे। वे राजस्थान के राजनीतिक क्षितिज पर काफ़ी लम्बे समय तक छाये रहे। राजस्थान की राजनीति में उनका जबर्दस्त प्रभाव था। उनके कार्यकर्ताओं ने उन पर एक जोरदार नारा भी दिया, जो इस प्रकार था- "राजस्थान का एक ही सिंह, भेंरोसिंह....., भेंरोसिंह.....। यह नारा बहुत लम्बे समय तक गूँजता रहा था। राजस्थान में जब वर्ष [[1952]] में विधानसभा की स्थापना हुई थी, तब भैरोसिंह शेखावत ने अपना भाग्य आजमाया और विधायक बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलताएँ अर्जित करते हुए विपक्ष के नेता, फिर मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति के पद तक पहुँच गए।
'''भैरोसिंह शेखावत''' (जन्म- [[23 अक्टूबर]], [[1923]], [[सीकर]], ब्रिटिश भारत; मृत्यु- [[15 मई]], [[2010]], [[जयपुर]], [[राजस्थान]]) [[भारत]] के ग्यारहवें [[उपराष्ट्रपति]] और राजस्थान के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] थे। वे राजस्थान के राजनीतिक क्षितिज पर काफ़ी लम्बे समय तक छाये रहे। राजस्थान की राजनीति में उनका जबर्दस्त प्रभाव था। उनके कार्यकर्ताओं ने उन पर एक जोरदार नारा भी दिया, जो इस प्रकार था- "राजस्थान का एक ही सिंह, भेंरोसिंह....., भेंरोसिंह.....। यह नारा बहुत लम्बे समय तक गूँजता रहा था। राजस्थान में जब वर्ष [[1952]] में विधानसभा की स्थापना हुई थी, तब भैरोसिंह शेखावत ने अपना भाग्य आजमाया और विधायक बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलताएँ अर्जित करते हुए विपक्ष के नेता, फिर मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति के पद तक पहुँच गए। '[[भारतीय जनता पार्टी]]' के सम्माननीय नेताओं में से वे एक थे।
==जन्म तथा परिवार==
भैरोसिंह शेखावत का जन्म 23 अक्टूबर, 1923 को [[धनतेरस]] के दिन ब्रिटिश कालीन [[सीकर]] ([[राजस्थान]]) में हुआ था। ये एक मध्यम वर्गीय राजपूत<ref>शेखावत, जो कि सूर्यवंशी कछवाहा राजपूत होते हैं</ref> परिवार से सम्बन्ध रखते थे। इनके [[पिता]] का नाम देवीसिंह और [[माता]] बन्ने कँवर थीं। शेखावत जी के पिता एक स्कूल में अध्यापक पद पर कार्यरत थे। भैरोसिंह शेखावत के तीन भाई थे, जिनके नाम थे- विशन सिंह, गोवर्धन सिंह और लक्ष्मण सिंह।<ref>{{cite web |url=http://arvindsisodiakota.blogspot.in/2010/05/blog-post_16.html|title=शेखावत- एक जीवन परिचय|accessmonthday= 1 मई|accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>





10:58, 1 मई 2013 का अवतरण

भैरोसिंह शेखावत (जन्म- 23 अक्टूबर, 1923, सीकर, ब्रिटिश भारत; मृत्यु- 15 मई, 2010, जयपुर, राजस्थान) भारत के ग्यारहवें उपराष्ट्रपति और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री थे। वे राजस्थान के राजनीतिक क्षितिज पर काफ़ी लम्बे समय तक छाये रहे। राजस्थान की राजनीति में उनका जबर्दस्त प्रभाव था। उनके कार्यकर्ताओं ने उन पर एक जोरदार नारा भी दिया, जो इस प्रकार था- "राजस्थान का एक ही सिंह, भेंरोसिंह....., भेंरोसिंह.....। यह नारा बहुत लम्बे समय तक गूँजता रहा था। राजस्थान में जब वर्ष 1952 में विधानसभा की स्थापना हुई थी, तब भैरोसिंह शेखावत ने अपना भाग्य आजमाया और विधायक बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलताएँ अर्जित करते हुए विपक्ष के नेता, फिर मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति के पद तक पहुँच गए। 'भारतीय जनता पार्टी' के सम्माननीय नेताओं में से वे एक थे।

जन्म तथा परिवार

भैरोसिंह शेखावत का जन्म 23 अक्टूबर, 1923 को धनतेरस के दिन ब्रिटिश कालीन सीकर (राजस्थान) में हुआ था। ये एक मध्यम वर्गीय राजपूत[1] परिवार से सम्बन्ध रखते थे। इनके पिता का नाम देवीसिंह और माता बन्ने कँवर थीं। शेखावत जी के पिता एक स्कूल में अध्यापक पद पर कार्यरत थे। भैरोसिंह शेखावत के तीन भाई थे, जिनके नाम थे- विशन सिंह, गोवर्धन सिंह और लक्ष्मण सिंह।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. शेखावत, जो कि सूर्यवंशी कछवाहा राजपूत होते हैं
  2. शेखावत- एक जीवन परिचय (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 1 मई, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

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