कृष्णकान्त
कृष्णकान्त
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पूरा नाम | कृष्णकान्त |
जन्म | 28 फ़रवरी, 1927 |
मृत्यु | 27 जुलाई, 2002 |
अभिभावक | पिता- लाला अचिन्त राम |
पति/पत्नी | सुमन कृष्णकान्त |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | भारत के उपराष्ट्रपति |
पार्टी | जनता दल |
कार्य काल | राज्य सभा सभापति-21 अगस्त, 1997 से 27 जुलाई, 2002 तक राज्यपाल, आन्ध्र प्रदेश-7 फ़रवरी, 1990 से 21 अगस्त, 1997 तक |
शिक्षा | एम.एससी. (प्रौद्योगिकी) |
विद्यालय | बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय |
संबंधित लेख | भारत के उपराष्ट्रपति, राज्य सभा के सभापति, राज्य सभा के उपसभापति |
अन्य जानकारी | कृष्णकान्त जी "साइंस इन पार्लियामेंट" नामक त्रैमासिक पत्रिका के संपादक भी थे। |
कृष्णकान्त (अंग्रेज़ी: Krishnakant, जन्म- 28 फ़रवरी, 1927; मृत्यु- 27 जुलाई, 2002) भारत के भूतपूर्व उपराष्ट्रपति थे। वह 21 अगस्त, 1997 से 27 जुलाई, 2002 तक राज्य सभा के सभापति रहे।
परिचय
कृष्णकान्त जी का जन्म 28 फ़रवरी सन 1927 को हुआ था। पिता का नाम लाला अचिन्त राम था। कृष्णकान्त जी की पत्नी का नाम था सुमन कृष्णकान्त। अपनी शैक्षिक योग्यता के अंतर्गत कृष्णकान्त जी ने एम.एससी. की डिग्री (प्रौद्योगिकी) बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी। उन्होंने वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के साथ वैज्ञानिक के रूप में भी कार्य किया।[1]
सचिव
कृष्णकान्त भारतीय संसदीय और वैज्ञानिक समिति के सचिव थे, जिसके अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा चेयरमैन लालबहादुर शास्त्री थे। कृष्णकान्त जी "साइंस इन पार्लियामेंट" नामक त्रैमासिक पत्रिका के संपादक भी थे।
अध्यक्ष
- रेल आरक्षण एवं बुकिंग संबंधी समिति, 1972-1976
- निर्णायक मंडल, जवाहरलाल नेहरू अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार
- अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक मंडल, इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार सलाहकार समिति, राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार
- निर्णायक मंडल, इंटरनेशनल गांधी अवार्ड फ़ॉर लेप्रसी
- निर्णायक मंडल, इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार
- निर्णायक मंडल, सामाजिक सद्भावना और वंचित वर्गों के उन्नयन हेतु डॉ. बी.आर. अम्बेडकर पुरस्कार
राज्यपाल
- कृष्णकान्त जी 7 फ़रवरी, 1990 से 21 अगस्त, 1997 तक आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे।
- वह 22 दिसंबर, 1996 से 25 जनवरी, 1997 तक तमिलनाडु के राज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार) रहे।[1]
कुलाधिपति
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- पंजाब विश्वविद्यालय
- पांडिचेरी विश्वविद्यालय
- असम विश्वविद्यालय
- पूर्वोत्तर पहाड़ी विश्वविद्यालय (नार्थ ईस्टर्न हिल युनिवर्सिटी)
- गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान (सम-विश्वविद्यालय)
संस्थापक महासचिव
- दि पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ एंड डिमोक्रेटिक राइट्स, 1976
- कृष्णकान्त जी ने पहले कांग्रेस तथा बाद में जनता पार्टी और जनता दल के संसदीय एवं संगठनात्मक स्कंधों में प्रमुख पद धारण किये।
- वह कई वर्षों तक रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान की कार्यकारी परिषद के सदस्य रहे।
सदस्य
- वह 1966-1977 में राज्य सभा के सदस्य रहे।
- सन 1977-1980 में लोक सभा के सदस्य रहे।
- कृष्णकान्त जी 21 अगस्त, 1997 से 27 जुलाई, 2002 तक भारत के उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति रहे।[1]
मृत्यु
अपने कार्यकाल के दौरान ही 27 जुलाई, 2002 को कृष्णकान्त जी का निधन हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 कृष्णकान्त (हिंदी) vicepresidentofindia.nic.in। अभिगमन तिथि: 06 अप्रॅल, 2020।