"चूड़ा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "श्रृंगार" to "शृंगार")
छो (Text replacement - "शृंगार" to "श्रृंगार")
 
पंक्ति 14: पंक्ति 14:


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{शृंगार सामग्री}}
{{श्रृंगार सामग्री}}
[[Category:संस्कृति_कोश]]
[[Category:संस्कृति_कोश]]
[[Category:शृंगार सामग्री]]
[[Category:श्रृंगार सामग्री]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

07:55, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

चूड़ा

चूड़ा चूड़ी की तरहा हाथों को सजाने के लिए पहने जाने वाला आभूषण है। शादियों में दुल्हन के जोड़े और आभूषण के बाद अगर कोई चीज़ उसकी ख़ूबसूरती में चार चांद लगाती है तो वह है दुल्हन के मेहंदी लगे हुए हाथों में चमकता हुआ 'चूड़ा'। दुल्हन की कलाइयों में खिला हुआ यह लाल चूड़ा बरबस ही सबका ध्यान आकर्षित करता है।

रीति-रिवाज

चूड़ा

दुल्हन के लिए इस चूड़े के ख़ास होने की वजह यह सुहाग की निशानी होने के साथ-साथ इसके साथ जुड़े हुए रीति-रिवाज भी हैं, जो समाज में अलग-अलग तरह से प्रचलित हैं। पंजाबियों में शादी के समय दुल्हन का मामा चूड़े को कच्चे दूध से शुद्ध करके दुल्हन के हाथों में पहनाता है। कहीं-कहीं पर यह चूड़ा शादी के सवा महीने या सवा साल तक पहनने का शगुन भी होता है।

चूड़ा उतारना

जब चूड़े को उतारा जाता है तो यह रस्म दुल्हन की सास के द्वारा की जाती है। इसके बाद इसे बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दिया जाता है। ये चूड़े, हाथी दांत, लाख, सीप और कांच के बने होते है। इनमें सीप के चूड़े पंजाब से और लाख के चूड़े जयपुर से आते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख