"लोहड़ी की लोककथा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{main|लोककथा संग्रहालय, भारतकोश}} <poem style="background:#fbf8df; padding:15px; font-size:1...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{main|लोककथा संग्रहालय, भारतकोश}}
{{main|लोककथा संग्रहालय, भारतकोश}}
<poem style="background:#fbf8df; padding:15px; font-size:14px; border:1px solid #003333; border-radius:5px">[[चित्र:Lohri.jpg|thumb|250px|लोहड़ी का त्योहार मनाते लोग]]
<poem style="background:#fbf8df; padding:15px; font-size:14px; border:1px solid #003333; border-radius:5px">[[चित्र:Lohri.jpg|thumb|250px|लोहड़ी का त्योहार मनाते लोग]]
 
*लोहड़ी को दुल्ला भट्टी की एक कहानी से भी जोड़ा जाता हैं। दुल्ला भट्टी एक विद्रोही था और जिसकी वंशवली भट्टी राजपूत थे। उसके पूर्वज पिंडी भट्टियों के शासक थे जो की संदल बार में था अब संदल बार पकिस्तान में स्थित हैं। वह सभी पंजाबियों का नायक था। दुल्ला भट्टी मुग़ल शासक अकबर के समय में [[पंजाब]] में रहता था। उसे पंजाब के नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया था! उस समय संदल बार के जगह पर लड़कियों को गुलामी के लिए बल पूर्वक अमीर लोगों को बेच जाता था जिसे दुल्ला भट्टी ने एक योजना के तहत लड़कियों को न की मुक्त ही करवाया बल्कि उनकी शादी की हिन्दू लडको से करवाई और उनके शादी के सभी व्यवस्था भी करवाई।
#लोहड़ी को दुल्ला भट्टी की एक कहानी से भी जोड़ा जाता हैं। दुल्ला भट्टी एक विद्रोही था और जिसकी वंशवली भट्टी राजपूत थे। उसके पूर्वज पिंडी भट्टियों के शासक थे जो की संदल बार में था अब संदल बार[[ पकिस्तान]] में स्थित हैं। वह सभी पंजाबियों का नायक था। दुल्ला भट्टी मुग़ल शासक अकबर के समय में पंजाब में रहता था। उसे पंजाब के नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया था! उस समय संदल बार के जगह पर लड़कियों को [[गुलामी]] के लिए बल पूर्वक अमीर लोगों को बेच जाता था जिसे दुल्ला भट्टी ने एक योजना के तहत लड़कियों को न की मुक्त ही करवाया बल्कि उनकी शादी की हिन्दू लडको से करवाई और उनके शादी के सभी व्यवस्था भी करवाई।
*प्रागैतिहासिक गाथाएँ भी लोहड़ी से संबद्ध परंपराओं एवं रीति-रिवाजों से जुड़ गई हैं। [[जनश्रुति]] है कि [[दक्ष]] [[प्रजापति]] की पुत्री [[सती]] के योगाग्नि-दहन की याद में ही यह लोहड़ी अग्नि जलाई जाती है।
 
#प्रागैतिहासिक गाथाएँ भी लोहड़ी से संबद्ध परंपराओं एवं रीति-रिवाजों से जुड़ गई हैं। [[जनश्रुति]] है कि [[दक्ष प्रजापति]] की पुत्री [[सती]] के योगाग्नि-दहन की याद में ही यह लोहड़ी अग्नि जलाई जाती है।
</poem>
</poem>
{{seealso|लोककथा संग्रहालय, मैसूर}}
{{seealso|लोककथा संग्रहालय, मैसूर}}

03:01, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण

लोहड़ी का त्योहार मनाते लोग

  • लोहड़ी को दुल्ला भट्टी की एक कहानी से भी जोड़ा जाता हैं। दुल्ला भट्टी एक विद्रोही था और जिसकी वंशवली भट्टी राजपूत थे। उसके पूर्वज पिंडी भट्टियों के शासक थे जो की संदल बार में था अब संदल बार पकिस्तान में स्थित हैं। वह सभी पंजाबियों का नायक था। दुल्ला भट्टी मुग़ल शासक अकबर के समय में पंजाब में रहता था। उसे पंजाब के नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया था! उस समय संदल बार के जगह पर लड़कियों को गुलामी के लिए बल पूर्वक अमीर लोगों को बेच जाता था जिसे दुल्ला भट्टी ने एक योजना के तहत लड़कियों को न की मुक्त ही करवाया बल्कि उनकी शादी की हिन्दू लडको से करवाई और उनके शादी के सभी व्यवस्था भी करवाई।
  • प्रागैतिहासिक गाथाएँ भी लोहड़ी से संबद्ध परंपराओं एवं रीति-रिवाजों से जुड़ गई हैं। जनश्रुति है कि दक्ष प्रजापति की पुत्री सती के योगाग्नि-दहन की याद में ही यह लोहड़ी अग्नि जलाई जाती है।

इन्हें भी देखें: लोककथा संग्रहालय, मैसूर

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख