"कू कू करती काली कोयल -दिनेश सिंह": अवतरणों में अंतर

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कू कू करती काली कोयल  
कू कू करती काली कोयल  
ड़ाल पे बैठी गाती कोयल  
डाल पे बैठी गाती कोयल  
मीठा मीठा राग सुनाती  
मीठा मीठा राग सुनाती  
जीने का वो डंग सिखाती  
जीने का वो डंग सिखाती  


           जो कुछ बोलो सोंच के बोलो  
           जो कुछ बोलो सोच के बोलो  
           जो कुछ बोलो मीठा बोलो  
           जो कुछ बोलो मीठा बोलो  
           मीठी वाणी सब सुनते है
           मीठी वाणी सब सुनते हैं
           कागा देख उड़ा देते है
           कागा देख उड़ा देते हैं


काली कितनी वो उपर से  
काली कितनी वो उपर से  
कितना म्रदु मन अंदर से  
कितना मृदु मन अंदर से  
कितना गोरा उपर तन हो  
कितना गोरा ऊपर तन हो  
किस काम जो काला मन हो  
किस काम जो काला मन हो  



08:52, 20 जुलाई 2014 का अवतरण

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कू कू करती काली कोयल
डाल पे बैठी गाती कोयल
मीठा मीठा राग सुनाती
जीने का वो डंग सिखाती

          जो कुछ बोलो सोच के बोलो
          जो कुछ बोलो मीठा बोलो
          मीठी वाणी सब सुनते हैं
          कागा देख उड़ा देते हैं

काली कितनी वो उपर से
कितना मृदु मन अंदर से
कितना गोरा ऊपर तन हो
किस काम जो काला मन हो

          चाहे कितना भेद हो मत का
          मत करना तुम भेद मन का
          मत का भेद तो फिर मिल जावे
          मन का भेद नहीं मिट पावे

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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