"रबिया दुर्रानी": अवतरणों में अंतर
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'''रबिया दुर्रानी''' [[मुग़ल]] [[औरंगज़ेब|बादशाह औरंगज़ेब]] की बेगम थी। औरंगज़ेब ने 1637 ई. में रबिया से [[विवाह]] किया था। रबिया दुर्रानी की याद में बनवाया गया '[[बीबी का मक़बरा]]' [[महाराष्ट्र|महाराष्ट्र राज्य]] के [[औरंगाबाद महाराष्ट्र|औरंगाबाद]] में स्थित है। | '''रबिया दुर्रानी''' ( 'रबिया-उल-दौरानी' उर्फ 'दिलरास बानो बेगम') [[मुग़ल]] [[औरंगज़ेब|बादशाह औरंगज़ेब]] की बेगम थी। औरंगज़ेब ने 1637 ई. में रबिया से [[विवाह]] किया था। रबिया दुर्रानी की याद में बनवाया गया '[[बीबी का मक़बरा]]' [[महाराष्ट्र|महाराष्ट्र राज्य]] के [[औरंगाबाद महाराष्ट्र|औरंगाबाद]] में स्थित है। | ||
*'बीबी के मक़बरे' को औरंगज़ेब के पुत्र [[आजमशाह]] ने अपनी माँ रबिया दुर्रानी की स्मृति में सन 1651 से 1661 के दौरान बनवाया था, जो कम उम्र में गुजर गई थी। यह मक़बरा एकबारगी '[[ताजमहल]]' का अहसास कराता है, हालांकि यह उस जैसा भव्य व विशाल नहीं है। | *'बीबी के मक़बरे' को औरंगज़ेब के पुत्र [[आजमशाह]] ने अपनी माँ रबिया दुर्रानी की स्मृति में सन 1651 से 1661 के दौरान बनवाया था, जो कम उम्र में गुजर गई थी। यह मक़बरा एकबारगी '[[ताजमहल]]' का अहसास कराता है, हालांकि यह उस जैसा भव्य व विशाल नहीं है। |
12:14, 19 मार्च 2014 का अवतरण
रबिया दुर्रानी ( 'रबिया-उल-दौरानी' उर्फ 'दिलरास बानो बेगम') मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की बेगम थी। औरंगज़ेब ने 1637 ई. में रबिया से विवाह किया था। रबिया दुर्रानी की याद में बनवाया गया 'बीबी का मक़बरा' महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद में स्थित है।
- 'बीबी के मक़बरे' को औरंगज़ेब के पुत्र आजमशाह ने अपनी माँ रबिया दुर्रानी की स्मृति में सन 1651 से 1661 के दौरान बनवाया था, जो कम उम्र में गुजर गई थी। यह मक़बरा एकबारगी 'ताजमहल' का अहसास कराता है, हालांकि यह उस जैसा भव्य व विशाल नहीं है।
- मक़बरे के मुख्य प्रवेश द्वार पर पाए गए एक अभिलेख में यह उल्लेख है कि यह मक़बरा अताउल्ला नामक एक वास्तुकार और हंसपत राय नामक एक अभियंता द्वारा अभिकल्पित और निर्मित किया गया था। मक़बरे का प्रेरणा स्रोत आगरा का विश्व प्रसिद्ध 'ताजमहल' था। यही कारण है कि इसे "दक्कन के ताज" के नाम से जाना जाता है।
इन्हें भी देखें: बीबी का मक़बरा एवं औरंगज़ेब
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