"अन्तर्दशाह": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ")
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''अन्तर्दशाह''' [[हिन्दू]] धर्म ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार किसी मृतक की [[आत्मा]] की शांति के लिए किये जाने कर्म को कहा जाता है। हिन्दू शास्त्रानुसार मृत्यु के पश्चात दस दिनों तक मृतक की आत्मा प्रेत रूप में रहती है। इन दस दिनों में उसकी शान्ति के लिए जो कर्म किये जाते हैं, उन्हें ही 'अन्तर्दशाह' कहते हैं।<ref>,कृत्यकल्पतरू-श्राद्धखण्ड</ref>
'''अन्तर्दशाह''' [[हिन्दू]] धर्म ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार किसी मृतक की [[आत्मा]] की शांति के लिए किये जाने कर्म को कहा जाता है। हिन्दू शास्त्रानुसार मृत्यु के पश्चात् दस दिनों तक मृतक की आत्मा प्रेत रूप में रहती है। इन दस दिनों में उसकी शान्ति के लिए जो कर्म किये जाते हैं, उन्हें ही 'अन्तर्दशाह' कहते हैं।<ref>,कृत्यकल्पतरू-श्राद्धखण्ड</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

07:48, 23 जून 2017 के समय का अवतरण

अन्तर्दशाह हिन्दू धर्म ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार किसी मृतक की आत्मा की शांति के लिए किये जाने कर्म को कहा जाता है। हिन्दू शास्त्रानुसार मृत्यु के पश्चात् दस दिनों तक मृतक की आत्मा प्रेत रूप में रहती है। इन दस दिनों में उसकी शान्ति के लिए जो कर्म किये जाते हैं, उन्हें ही 'अन्तर्दशाह' कहते हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ,कृत्यकल्पतरू-श्राद्धखण्ड

संबंधित लेख