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'''चाहा पक्षी''' [[समुद्र]] तटीय पक्षियों के कुल 'स्कोलोपेसाइडी'<ref>गण कैरैड्रीफ़ॉर्मीज़</ref> की लगभग 20 प्रजातियों में से एक। विश्व भर के शीतोष्ण और गर्म इलाक़े के नम चरागाहों और दलदल में चाहा पक्षी पाए जाते हैं। ये छोटे पैर, लंबी चोंच वाले गठीले पक्षी होते हैं, जिन पर [[भूरा रंग|भूरी]], [[काला रंग|काली]] व [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] धारियां और लकीरें होती हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=153|url=}}</ref>
'''चाहा पक्षी''' [[समुद्र]] तटीय पक्षियों के कुल 'स्कोलोपेसाइडी'<ref>गण कैरैड्रीफ़ॉर्मीज़</ref> की लगभग 20 प्रजातियों में से एक। विश्व भर के शीतोष्ण और गर्म इलाक़े के नम चरागाहों और दलदल में चाहा पक्षी पाए जाते हैं। ये छोटे पैर, लंबी चोंच वाले गठीले पक्षी होते हैं, जिन पर [[भूरा रंग|भूरी]], [[काला रंग|काली]] व [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] धारियां और लकीरें होती हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=153|url=}}</ref>


*इन पक्षियों के पंख नुकीले और इकहरे तथा आंखें पीछे की तरफ़ होती हैं। इनकी चोंच लचीली होती है, जो कीचड़ में कीड़े ढूंढ़ने के काम आती है।
*इन पक्षियों के पंख नुकीले और इकहरे तथा आँखेंं पीछे की तरफ़ होती हैं। इनकी चोंच लचीली होती है, जो कीचड़ में कीड़े ढूंढ़ने के काम आती है।
*चाहा प्रजनन के समय एकांत पसंद करते हैं, लेकिन प्रवास करते समय पंक मैदानों में अन्य तटीय पक्षियों के साथ समूह में दिखाई देते हैं।
*चाहा प्रजनन के समय एकांत पसंद करते हैं, लेकिन प्रवास करते समय पंक मैदानों में अन्य तटीय पक्षियों के साथ समूह में दिखाई देते हैं।
*अधिकतम जातियों में प्रणय निवेदन करने वाला नर गोल-गोल घूमता हुआ ऊंचा उड़ता है और फिर अपनी पूंछ के पंखों को हवा में फड़फड़ाते हुए ज़मीन पर स्थित मादा की तरफ़ तेज़ी से आता है। प्रणय निवेदन सामान्यत: शाम के धुंधलके, चांदनी रात या बदली भरे दिनों में होता है।
*अधिकतम जातियों में प्रणय निवेदन करने वाला नर गोल-गोल घूमता हुआ ऊंचा उड़ता है और फिर अपनी पूंछ के पंखों को हवा में फड़फड़ाते हुए ज़मीन पर स्थित मादा की तरफ़ तेज़ी से आता है। प्रणय निवेदन सामान्यत: शाम के धुंधलके, चांदनी रात या बदली भरे दिनों में होता है।

05:29, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

चाहा पक्षी समुद्र तटीय पक्षियों के कुल 'स्कोलोपेसाइडी'[1] की लगभग 20 प्रजातियों में से एक। विश्व भर के शीतोष्ण और गर्म इलाक़े के नम चरागाहों और दलदल में चाहा पक्षी पाए जाते हैं। ये छोटे पैर, लंबी चोंच वाले गठीले पक्षी होते हैं, जिन पर भूरी, कालीसफ़ेद धारियां और लकीरें होती हैं।[2]

  • इन पक्षियों के पंख नुकीले और इकहरे तथा आँखेंं पीछे की तरफ़ होती हैं। इनकी चोंच लचीली होती है, जो कीचड़ में कीड़े ढूंढ़ने के काम आती है।
  • चाहा प्रजनन के समय एकांत पसंद करते हैं, लेकिन प्रवास करते समय पंक मैदानों में अन्य तटीय पक्षियों के साथ समूह में दिखाई देते हैं।
  • अधिकतम जातियों में प्रणय निवेदन करने वाला नर गोल-गोल घूमता हुआ ऊंचा उड़ता है और फिर अपनी पूंछ के पंखों को हवा में फड़फड़ाते हुए ज़मीन पर स्थित मादा की तरफ़ तेज़ी से आता है। प्रणय निवेदन सामान्यत: शाम के धुंधलके, चांदनी रात या बदली भरे दिनों में होता है।
  • सामान्य रूप से पाया जाने वाला चाहा गेलाइनेगो[3] अपनी प्रजाति के एक पक्षी वुडकॉक से मिलता-जुलता है और चोंच सहित लगभग 30 से.मी. लंबा होता है। यह एक आखेट पक्षी है, जो दहलाने वाली चीख़ मारते हुए अचानक प्रकट होता है, घुमावदार उड़ान भरते हुए छिपने के लिए अचानक तेज़ी से उतरता है।
  • शीतोष्ण इलाक़ों में रहने वाली प्रजातियों में उत्तरी अमेरिका की विल्संस चाहा, यूरेशियाई चाहा और दक्षिण अमेरिकी चाहा शामिल हैं।
  • उत्तरी यूरोप का बड़ा चाहा[4] भारी बदन का होता है और इसके अंदरूनी हिस्सों में धारियां होती हैं।
  • अन्य जातियों में भारत का तीखी पूंछ चाहा[5] और यूरेशिया का जैक चाहा[6] शामिल हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गण कैरैड्रीफ़ॉर्मीज़
  2. भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 153 |
  3. कभी-कभी केपेला
  4. जी. मेडिया
  5. जी. स्टेनुरा
  6. लिम्नोक्रीप्टीज़ मिनिमा

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