"मनुष्यता -मैथिलीशरण गुप्त": अवतरणों में अंतर
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"मनुष्य मात्र बन्धु है" यही बड़ा विवेक है¸ | "मनुष्य मात्र बन्धु है" यही बड़ा विवेक है¸ | ||
पुराणपुरुष स्वयंभू पिता प्रसिद्ध एक है। | |||
फलानुसार कर्म के अवश्य बाह्य भेद है¸ | फलानुसार कर्म के अवश्य बाह्य भेद है¸ | ||
परंतु अंतरैक्य में प्रमाणभूत वेद हैं। | परंतु अंतरैक्य में प्रमाणभूत वेद हैं। |
07:40, 3 जनवरी 2016 के समय का अवतरण
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विचार लो कि मत्र्य हो न मृत्यु से डरो कभी¸ |
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