"जो सुमिरत सिधि होइ": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) ('{{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg |चित्र का नाम=रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 30: | पंक्ति 30: | ||
}} | }} | ||
{{poemopen}} | {{poemopen}} | ||
;सोरठा | ;सोरठा | ||
जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन। | जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन। | ||
करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन।।1।। | करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन।।1।। | ||
{{poemclose}} | {{poemclose}} | ||
पंक्ति 40: | पंक्ति 38: | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
09:47, 14 मई 2016 का अवतरण
जो सुमिरत सिधि होइ
| |
कवि | गोस्वामी तुलसीदास |
मूल शीर्षक | रामचरितमानस |
मुख्य पात्र | राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि |
प्रकाशक | गीता प्रेस गोरखपुर |
भाषा | अवधी भाषा |
शैली | चौपाई और दोहा |
संबंधित लेख | दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा |
काण्ड | बालकाण्ड |
जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन। करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन।।1।। |
जो सुमिरत सिधि होइ |
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख