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अनिरूद जुगनॉथ का विवाह सरोजिनी बल्लाह से [[18 दिसम्बर]] [[1957]] में हुआ और इनकी दो संतान हैं: परावीन्द और शालिनी। परावीन्द देश के पूर्व वित्त मंत्री हैं और वर्तमान में मोका और क्वार्टर-मिलितैरे निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य हैं। परावीन्द मिलिटेंट समाजवादी आंदोलन (Militant Socialist Movement) के नेता हैं और उनका विवाह कविता रामदानी से हुआ है। अनिरूद जुगनॉथ की पुत्री शालिनी भी विवाहित हैं।  
अनिरूद जुगनॉथ का विवाह सरोजिनी बल्लाह से [[18 दिसम्बर]] [[1957]] में हुआ और इनकी दो संतान हैं: परावीन्द और शालिनी। परावीन्द देश के पूर्व वित्त मंत्री हैं और वर्तमान में मोका और क्वार्टर-मिलितैरे निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य हैं। परावीन्द मिलिटेंट समाजवादी आंदोलन (Militant Socialist Movement) के नेता हैं और उनका विवाह कविता रामदानी से हुआ है। अनिरूद जुगनॉथ की पुत्री शालिनी भी विवाहित हैं।  
===राजनैतिक जीवन===
===राजनैतिक जीवन===
अनिरूद जुगनॉथ को प्रथम प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाज़ा गया था। यह [[मॉरिशस]] में मूवमेंट सोशलिस्ट मिलिटेंट पार्टी के नेता हैं। वह बतौर आईएफ़बी प्रत्याशी पहली बार [[1963]] में संसद के लिए चुने गए। इसके बाद वह [[1965]] में ऑल मॉरिशस हिंदू कांग्रेस के सदस्य बने। सन् 1965-66 में शिवसागर रामगुलाम की सरकार में उन्हें विकास राज्य मंत्री बनाया गया और [[नवम्बर]] [[1966]] में वे श्रम मंत्री बने। अनिरूद जुगनॉथ [[1970]] में मूवमेंट मिलिटेंट मॉरिसिएन में शामिल हो गए और उसके पश्चात उसी दल के नेता बने। वह [[1976]] में हुए चुनाव में जीते और विपक्ष के नेता चुने गए। वर्ष [[1982]] में वह भारी जीत के साथ प्रधानमंत्री चुने गए। उनकी सरकार ने देश के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक ढाँचे में परिवर्तन लाने के लिए कार्य आरम्भ किया लेकिन नौ माह में ही सरकार गिर गई। इसके बाद [[20 अगस्त]] [[1983]] को देश में पुनः चुनाव हुआ जिसमें उन्होनें पुनः सफलता प्राप्त की। इस बार उन्होंने देश को औद्यौगीकरण की ओर अग्रसर किया। [[1985]] में नशीली दवाओं की तस्करी में सांसदों के पकड़े जाने के कारण अनिरूद जुगनॉथ ने विधानसभा भंग कर दी। फलस्वरूप [[30 अगस्त]] [[1987]] को देश में पुनः आम चुनाव करवाये गये। इन चुनाओं में भी उन्होंने ने भारी सफलता प्राप्त की।
अनिरूद जुगनॉथ को प्रथम प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाज़ा गया था। यह [[मॉरिशस]] में मूवमेंट सोशलिस्ट मिलिटेंट पार्टी के नेता हैं। वह बतौर आईएफ़बी प्रत्याशी पहली बार [[1963]] में संसद के लिए चुने गए। इसके बाद वह [[1965]] में ऑल मॉरिशस हिंदू कांग्रेस के सदस्य बने। सन् 1965-66 में शिवसागर रामगुलाम की सरकार में उन्हें विकास राज्य मंत्री बनाया गया और [[नवम्बर]] [[1966]] में वे श्रम मंत्री बने। अनिरूद जुगनॉथ [[1970]] में मूवमेंट मिलिटेंट मॉरिसिएन में शामिल हो गए और उसके पश्चात् उसी दल के नेता बने। वह [[1976]] में हुए चुनाव में जीते और विपक्ष के नेता चुने गए। वर्ष [[1982]] में वह भारी जीत के साथ प्रधानमंत्री चुने गए। उनकी सरकार ने देश के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक ढाँचे में परिवर्तन लाने के लिए कार्य आरम्भ किया लेकिन नौ माह में ही सरकार गिर गई। इसके बाद [[20 अगस्त]] [[1983]] को देश में पुनः चुनाव हुआ जिसमें उन्होनें पुनः सफलता प्राप्त की। इस बार उन्होंने देश को औद्यौगीकरण की ओर अग्रसर किया। [[1985]] में नशीली दवाओं की तस्करी में सांसदों के पकड़े जाने के कारण अनिरूद जुगनॉथ ने विधानसभा भंग कर दी। फलस्वरूप [[30 अगस्त]] [[1987]] को देश में पुनः आम चुनाव करवाये गये। इन चुनाओं में भी उन्होंने ने भारी सफलता प्राप्त की।





07:52, 23 जून 2017 के समय का अवतरण

अनिरूद जुगनॉथ
पूरा नाम अनिरूद जुगनॉथ
जन्म 29 दिसम्बर, 1937
पति/पत्नी सरोजिनी बल्लाह
संतान परावीन्द और शालिनी
पद मॉरिशस के प्रधानमंत्री
अद्यतन‎

अनिरूद जुगनॉथ (अंग्रेज़ी: Anerood Jugnauth, जन्म: 29 मार्च, 1930) मॉरिशस राजनीतिज्ञ हैं जो इस समय मॉरिशस के प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले भी वो देश के प्रधानमन्त्री भी रह चुके हैं। यह वर्ष 2003 से 2012 तक राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित रहें।

परिचय

अनिरूद जुगनॉथ का विवाह सरोजिनी बल्लाह से 18 दिसम्बर 1957 में हुआ और इनकी दो संतान हैं: परावीन्द और शालिनी। परावीन्द देश के पूर्व वित्त मंत्री हैं और वर्तमान में मोका और क्वार्टर-मिलितैरे निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य हैं। परावीन्द मिलिटेंट समाजवादी आंदोलन (Militant Socialist Movement) के नेता हैं और उनका विवाह कविता रामदानी से हुआ है। अनिरूद जुगनॉथ की पुत्री शालिनी भी विवाहित हैं।

राजनैतिक जीवन

अनिरूद जुगनॉथ को प्रथम प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाज़ा गया था। यह मॉरिशस में मूवमेंट सोशलिस्ट मिलिटेंट पार्टी के नेता हैं। वह बतौर आईएफ़बी प्रत्याशी पहली बार 1963 में संसद के लिए चुने गए। इसके बाद वह 1965 में ऑल मॉरिशस हिंदू कांग्रेस के सदस्य बने। सन् 1965-66 में शिवसागर रामगुलाम की सरकार में उन्हें विकास राज्य मंत्री बनाया गया और नवम्बर 1966 में वे श्रम मंत्री बने। अनिरूद जुगनॉथ 1970 में मूवमेंट मिलिटेंट मॉरिसिएन में शामिल हो गए और उसके पश्चात् उसी दल के नेता बने। वह 1976 में हुए चुनाव में जीते और विपक्ष के नेता चुने गए। वर्ष 1982 में वह भारी जीत के साथ प्रधानमंत्री चुने गए। उनकी सरकार ने देश के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक ढाँचे में परिवर्तन लाने के लिए कार्य आरम्भ किया लेकिन नौ माह में ही सरकार गिर गई। इसके बाद 20 अगस्त 1983 को देश में पुनः चुनाव हुआ जिसमें उन्होनें पुनः सफलता प्राप्त की। इस बार उन्होंने देश को औद्यौगीकरण की ओर अग्रसर किया। 1985 में नशीली दवाओं की तस्करी में सांसदों के पकड़े जाने के कारण अनिरूद जुगनॉथ ने विधानसभा भंग कर दी। फलस्वरूप 30 अगस्त 1987 को देश में पुनः आम चुनाव करवाये गये। इन चुनाओं में भी उन्होंने ने भारी सफलता प्राप्त की।


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