"प्रयोग:कविता बघेल 1": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 228: | पंक्ति 228: | ||
{प्रथम तमिल संगम की स्थापना किसके द्वारा की थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-879 | {'''प्रथम तमिल संगम''' की स्थापना किसके द्वारा की गयी थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-879 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[तिरुवल्लुवर]] | -[[तिरुवल्लुवर]] | ||
पंक्ति 235: | पंक्ति 235: | ||
+[[अगस्त्याश्रम|अगस्त्य]] | +[[अगस्त्याश्रम|अगस्त्य]] | ||
{निम्नलिखित पाल शासकों में | {निम्नलिखित पाल शासकों में किस शासक को [[पाल वंश]] का दूसरा संस्थापक माना जाता है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1183 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[नयपाल]] | -[[नयपाल]] | ||
पंक्ति 242: | पंक्ति 242: | ||
-[[धर्मपाल]] | -[[धर्मपाल]] | ||
{ | {इब्ने खुर्दादब ने पूर्व मध्यकालीन समाज में सात जातियों का उल्लेख किया है, निम्न में कौन उनमें शामिल नहीं है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1269 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -सबूकफ़रिया | ||
-शाण्डिल्य | -शाण्डिल्य | ||
-[[ब्रह्मा]] | -[[ब्रह्मा]] | ||
+सुनार | +सुनार | ||
{वारियम-व्यवस्था [[विजयनगर साम्राज्य]] | {वारियम-व्यवस्था [[विजयनगर साम्राज्य]] का अभिन्न अंग थी, सामान्यत: इसका क्या उद्देश्य था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-195 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-किसानों को पट्टे पर दी जाने वाली भूमि | -किसानों को पट्टे पर दी जाने वाली भूमि | ||
-मंदिरों का रख-रखाव करने वाली भूमि | -मंदिरों का रख-रखाव करने वाली भूमि | ||
+भूमि स्वामी एवं पट्टेदार के मध्य उपज के हिस्सेदारी | +भूमि स्वामी एवं पट्टेदार के मध्य उपज के हिस्सेदारी | ||
- | -वृद्धजनों की साप्ताहिक बैठक | ||
{निम्नलिखित में से व्यक्तियों और घटनाओं का कौन-सा युग्म ही सही सुमेलित है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-258 | {निम्नलिखित में से व्यक्तियों और घटनाओं का कौन-सा युग्म ही सही सुमेलित है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-258 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[बुक्का प्रथम]]- [[मदुरै]] की विजय | +[[बुक्का प्रथम]] - [[मदुरै]] की विजय | ||
-[[रामराय]]- रायचूर की लड़ाई | -[[रामराय]] - रायचूर की लड़ाई | ||
-[[कृष्णदेव राय|कृष्णदेव राय]]- राक्षस तंगड़ी की लड़ाई | -[[कृष्णदेव राय|कृष्णदेव राय]] - राक्षस तंगड़ी की लड़ाई | ||
-तिरुमलराय- वेलोर में राजधानी का स्थानांतरण | -तिरुमलराय - वेलोर में राजधानी का स्थानांतरण | ||
{1853 के उपरांत [[ब्रिटेन]] को होने वाले भारतीय धन के बहिर्गमन का एक सबसे बड़ा स्त्रोत क्या था?(यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-126 | {1853 के उपरांत [[ब्रिटेन]] को होने वाले भारतीय धन के बहिर्गमन का एक सबसे बड़ा स्त्रोत क्या था?(यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-126 | ||
पंक्ति 280: | पंक्ति 280: | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+रायचूर दोआब को हस्तगत करने में वह असफल रहा। | +रायचूर दोआब को हस्तगत करने में वह असफल रहा। | ||
-1513 ई. में उसने [[उड़ीसा]] के राजा गजपति | -1513 ई. में उसने [[उड़ीसा]] के [[प्रतापरुद्र गजपति|राजा गजपति प्रतापरुद्र]] को परास्त किया | ||
-गजपति रुद्र ने अपनी पुत्री का [[विवाह]] [[कृष्णदेव राय]] के साथ कर दिया। | -गजपति रुद्र ने अपनी [[पुत्री]] का [[विवाह]] [[कृष्णदेव राय]] के साथ कर दिया। | ||
-उसने कोडबिंदु एवं कोउपल्ली पर अधिकार कर लिया। | -उसने कोडबिंदु एवं कोउपल्ली पर अधिकार कर लिया। | ||
{सैन्य | {सैन्य प्रशासन की दृष्टि से [[विजयनगर साम्राज्य]] को निम्नलिखित में से कितनी जागीरों में विभक्त किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-380 प्रश्न-221 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+200 | +200 | ||
पंक्ति 291: | पंक्ति 291: | ||
-400 | -400 | ||
{[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] में वसलपानम क्या था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-284 | {[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] में '''वसलपानम''' क्या था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-284 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-चराई कर | -चराई कर | ||
पंक्ति 312: | पंक्ति 312: | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-आदाब-उल-मलूक | -आदाब-उल-मलूक | ||
- | -क़िफ़ायत-उल-ममलूक़ | ||
+उपर्युक्त दोनों | +उपर्युक्त दोनों | ||
-कोई नहीं | -कोई नहीं | ||
{[[चोल साम्राज्य|चोल प्रशासन]] के अंतर्गत [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को दान में | {[[चोल साम्राज्य|चोल प्रशासन]] के अंतर्गत [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को दान में दिये गए [[ग्राम|ग्रामों]] का प्रबंध सभा करती थी। इन्हें क्या कहा जाता था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1270 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-पुरुगर्रि | -पुरुगर्रि | ||
पंक्ति 337: | पंक्ति 337: | ||
+[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] | +[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] | ||
{[[भारत]] में सर्वाधिक ब्रिटिश पूँजी निवेश | {[[भारत]] में सर्वाधिक ब्रिटिश पूँजी निवेश किन क्षेत्रों में हुआ? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-127 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[चाय]], [[कॉफी]], नील उत्पादन | -[[चाय]], [[कॉफी]], नील उत्पादन | ||
पंक्ति 351: | पंक्ति 351: | ||
-लोकतांत्रिक युग | -लोकतांत्रिक युग | ||
{1565 में [[तालीकोटा का युद्ध|तालीकोटा के युद्ध | {1565 में [[तालीकोटा का युद्ध|तालीकोटा के युद्ध]] के पश्चात [[रामराय]] के [[भाई]] तिरुमाल ने [[अरविडु वंश|आरवीडु वंश]] की स्थापना की थी। निम्नलिखित में से उसने अपनी [[राजधानी]] किसे बनाया? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-179 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-अनगोंडी | -अनगोंडी | ||
+बेनुगोंडा | +बेनुगोंडा | ||
-[[रायचूर]] | -[[रायचूर]] | ||
- | -[[हम्पी]] | ||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] में सामान्यतया [[विवाह]] का कौन-सा रूप प्रचलित था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-380 प्रश्न-222 | {[[विजयनगर साम्राज्य]] में सामान्यतया [[विवाह]] का कौन-सा रूप प्रचलित था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-380 प्रश्न-222 | ||
पंक्ति 363: | पंक्ति 363: | ||
-आर्ष | -आर्ष | ||
+ब्रह्म | +ब्रह्म | ||
- | -प्रजापत्य | ||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] के अंतर्गत नकद भुगतान वाले कर क्या कहलाते थे? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-285 | {[[विजयनगर साम्राज्य]] के अंतर्गत नकद भुगतान वाले कर क्या कहलाते थे? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-285 | ||
पंक्ति 376: | पंक्ति 376: | ||
{प्राचीन पत्तन एवं उनकी अवस्थित के युग्मों में से कौन एक सही | {प्राचीन पत्तन एवं उनकी अवस्थित के युग्मों में से कौन एक सही सुमेलित है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-881 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-अरिक्कमेडु-कोरोमंडल | -अरिक्कमेडु - कोरोमंडल | ||
-नेलसिंद-मालाबार | -नेलसिंद - मालाबार | ||
-मसलिअ-[[कोंकण]] | -मसलिअ - [[कोंकण]] | ||
+कोल्ची (कोरकै)-[[पांड़्य देश |पांड्य देश]] | +कोल्ची (कोरकै) - [[पांड़्य देश |पांड्य देश]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सी रचना [[भोज परमार]] की है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1185 | {निम्नलिखित में से कौन-सी रचना [[भोज परमार]] की है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1185 | ||
पंक्ति 407: | पंक्ति 407: | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-रायचूर दोआब | -रायचूर दोआब | ||
-[[कृष्णदेव राय|कृष्ण]]- कावेरी घाटी | -[[कृष्णदेव राय|कृष्ण]] - कावेरी घाटी | ||
+[[गोदावरी नदी|गोदावरी]]- कावेरी घाटी | +[[गोदावरी नदी|गोदावरी]] - कावेरी घाटी | ||
-पश्चिमी घाट तथा [[समुद्र]] के बीच का | -[[पश्चिमी घाट पर्वत|पश्चिमी घाट]] तथा [[समुद्र]] के बीच का मराठवाडा क्षेत्र | ||
{उन्नीसवी सदी के अंत में भारतीय पूँजीपतियों के हाथों में एकमात्र प्रमुख उद्योग क्या था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-128 | {उन्नीसवी सदी के अंत में भारतीय पूँजीपतियों के हाथों में एकमात्र प्रमुख उद्योग क्या था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-128 | ||
पंक्ति 420: | पंक्ति 420: | ||
{सबसे पहला महान पिरामिड किसने बनवाया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-263 | {सबसे पहला महान पिरामिड किसने बनवाया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-263 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+सम्राट | +सम्राट ख़ुफ़ु ने गिजेह नगर में | ||
-सम्राट | -सम्राट ख़फ़रे ने गिजेह नगर में | ||
-हेतसप्तसुत ने गिजेह नगर में | -हेतसप्तसुत ने गिजेह नगर में | ||
-चिफ्रेन ने गिजेह नगर में | -चिफ्रेन ने गिजेह नगर में | ||
पंक्ति 432: | पंक्ति 432: | ||
-[[कृष्णदेव राय]] | -[[कृष्णदेव राय]] | ||
{1570 ई. के आस-पास निम्नलिखित में से किसने [[सदाशिव राय|सदाशिवराय]] को हटाकर | {1570 ई. के आस-पास निम्नलिखित में से किसने [[सदाशिव राय|सदाशिवराय]] को हटाकर [[अराविडु वंश|अरीवीडु वंश]] की स्थापना की? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-380 प्रश्न-223 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[वीर नरसिंह]] | -[[वीर नरसिंह]] | ||
पंक्ति 439: | पंक्ति 439: | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] के अंतर्गत पलायकर क्या था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-286 | {[[विजयनगर साम्राज्य]] के अंतर्गत '''पलायकर''' क्या था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-286 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+जागीरधारी सैनिक | +जागीरधारी सैनिक | ||
पंक्ति 451: | पंक्ति 451: | ||
{संगम ग्रंथों में उल्लिखित | {संगम ग्रंथों में उल्लिखित गुरूगण किस [[देवता]] से साम्य रखते हैं? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-882 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[शिव]] | -[[शिव]] | ||
पंक्ति 458: | पंक्ति 458: | ||
-[[कृष्ण]] | -[[कृष्ण]] | ||
{[[कश्मीर]] | {[[कश्मीर]] के [[उत्पल वंश]] के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1186 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-इस वंश की स्थापना [[अवंतिवर्मन]] ने की थी। | -इस वंश की स्थापना [[अवंतिवर्मन]] ने की थी। | ||
पंक्ति 468: | पंक्ति 468: | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-प्राचीन हिंदू जनश्रुति के [[देवता|देवताओं]] और [[राक्षस|राक्षसों]] के बीच संघर्ष के बारे में | -प्राचीन हिंदू जनश्रुति के [[देवता|देवताओं]] और [[राक्षस|राक्षसों]] के बीच संघर्ष के बारे में | ||
-एक [[आर्य]] | -एक [[आर्य]] राजकुमार और एक कबीली महिला की प्रेम कथा के बारे में | ||
-दो आर्य कबीलों के बीच सत्ता के संघर्ष की कथा के बारे में | -दो आर्य कबीलों के बीच सत्ता के संघर्ष की कथा के बारे में | ||
+[[चंद्रगुप्त मौर्य]] के समय में राजदरबार की दुरभि संधियों के बारे में | +[[चंद्रगुप्त मौर्य]] के समय में राजदरबार की दुरभि संधियों के बारे में | ||
{निम्नलिखित में से किस शासक ने यवनराज स्थापनाचार्य की उपाधि धारण की थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-198 | {निम्नलिखित में से किस शासक ने '''यवनराज स्थापनाचार्य''' की उपाधि धारण की थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-198 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[देवराय प्रथम]] | -[[देवराय प्रथम]] | ||
पंक्ति 479: | पंक्ति 479: | ||
+[[कृष्णदेव राय]] | +[[कृष्णदेव राय]] | ||
{[[तालीकोटा का युद्ध]] दक्षिणी राज्यों के एक '[[मराठा संघ]]' ने मिलकर [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] के ख़िलाफ़ लड़ा। निम्नलिखित में से यह किसके | {[[तालीकोटा का युद्ध]] दक्षिणी राज्यों के एक '[[मराठा संघ]]' ने मिलकर [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] के ख़िलाफ़ लड़ा। निम्नलिखित में से यह किसके दिमाग़ की उपज थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-261 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[फ़िरोज़शाह बहमनी]] | -[[फ़िरोज़शाह बहमनी]] | ||
पंक्ति 514: | पंक्ति 514: | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{[[कृष्णदेव राय]] की तीन साहित्यिक | {[[कृष्णदेव राय]] की तीन साहित्यिक रचनाओं में से कौन-सी रचना [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] में है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-287 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+जाम्बवती कल्याण | +जाम्बवती कल्याण | ||
पंक्ति 531: | पंक्ति 531: | ||
-गुणभद्र | -गुणभद्र | ||
+हेमचंद्र | +हेमचंद्र | ||
- | -नागार्जुन | ||
{[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] में वाणिज्य की स्थिति के विषय में निम्नलिखित कथनों में कौन एक सही नहीं है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-290 | {[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] में वाणिज्य की स्थिति के विषय में निम्नलिखित कथनों में कौन एक सही नहीं है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-290 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-चेट्टी व्यापार के लिए मलाया द्वीपसमूह जाते थे। | -चेट्टी व्यापार के लिए मलाया द्वीपसमूह जाते थे। | ||
- | -मलवारी सौदागर दासों का भी व्यापार करते थे और [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] से पोत भर-भर का दास ले जाते थे। | ||
-समुद्र पार व्यापार अधिकांशत: विदेशियों के हाथ में था। | -समुद्र पार व्यापार अधिकांशत: विदेशियों के हाथ में था। | ||
+[[मुस्लिम]] सौदागरों को अपेक्षाकृत अधिक कर देना पड़ता था | +[[मुस्लिम]] सौदागरों को अपेक्षाकृत अधिक कर देना पड़ता था | ||
पंक्ति 549: | पंक्ति 549: | ||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] में कसायिगुत्त नामक कर किस वर्ग पर लगाया गया? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-293 | {[[विजयनगर साम्राज्य]] में कसायिगुत्त नामक कर किस वर्ग पर लगाया गया? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-293 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -व्याघ्र | ||
+[[बढ़ई]] | +[[बढ़ई]] | ||
-सन्यासी | -सन्यासी | ||
पंक्ति 561: | पंक्ति 561: | ||
+महानायकाचार्य - सेनापति | +महानायकाचार्य - सेनापति | ||
{निम्नलिखित में से किस शासक ने उदयगिरि पर अधिकार करके [[सालुव नरसिंह]] को | {निम्नलिखित में से किस शासक ने उदयगिरि पर अधिकार करके [[सालुव नरसिंह]] को बन्दी बना लिया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-262 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[फ़िरोज़शाह बहमनी]] | -[[फ़िरोज़शाह बहमनी]] | ||
पंक्ति 578: | पंक्ति 578: | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+'मृतकों की पुस्तक' पिरामिड़ों पर अंकित | +'मृतकों की पुस्तक' पिरामिड़ों पर अंकित | ||
- | -इख़ानातन के भजन | ||
-मिट्टी की | -मिट्टी की स्लेट पर अंकित तीन सौ पात्र | ||
-पिरामिड़ों से प्राप्त मंत्र, तंत्र एवं नीति के उपदेश | -पिरामिड़ों से प्राप्त [[मंत्र]], [[तंत्र]] एवं नीति के उपदेश | ||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] में रत्तकोड़गै भूमि से क्या आशय था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-183 | {[[विजयनगर साम्राज्य]] में रत्तकोड़गै भूमि से क्या आशय था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-183 | ||
पंक्ति 630: | पंक्ति 630: | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{निम्नलिखित में से किस [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] के शासक की [[मृत्यु]] गजपतियों के हाथों | {निम्नलिखित में से किस [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] के शासक की [[मृत्यु]] गजपतियों के हाथों अपमानजनक पराजय के पश्चात हुई? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-263 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[विरूपाक्ष प्रथम]] | -[[विरूपाक्ष प्रथम]] | ||
+[[मल्लिकार्जुन]] | +[[मल्लिकार्जुन]] | ||
-विरूपाक्ष द्वितीय | -[[विरुपाक्ष द्वितीय|विरूपाक्ष द्वितीय]] | ||
-[[देवराय प्रथम]] | -[[देवराय प्रथम]] | ||
{किसने कहा था कि "स्थाई बंदोबस्त" एक दुखद भूल थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-131 | {किसने कहा था कि "स्थाई बंदोबस्त" एक दुखद भूल थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-131 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -जॉन शोर | ||
-मार्शमैन | -मार्शमैन | ||
+होम्स | +होम्स | ||
पंक्ति 656: | पंक्ति 656: | ||
-मंदिरों में देव पूजा के लिए देवदासियाँ रखी जाती थीं। | -मंदिरों में देव पूजा के लिए देवदासियाँ रखी जाती थीं। | ||
+विधवाओं का जीवन अत्यंत ही सुखमय था। | +विधवाओं का जीवन अत्यंत ही सुखमय था। | ||
-[[कुलीन]] [[परिवार|परिवारों]] में | -[[कुलीन]] [[परिवार|परिवारों]] में कन्याओं का [[विवाह]] अल्पायु में कर दिया जाता था। | ||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] का सैन्य विभाग कंदाचार कहलाता था, इसका प्रमुख कौन होता था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-226 | {[[विजयनगर साम्राज्य]] का सैन्य विभाग कंदाचार कहलाता था, इसका प्रमुख कौन होता था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-226 | ||
पंक्ति 692: | पंक्ति 692: | ||
+100 बी.सी.- 100 ए.डी. | +100 बी.सी.- 100 ए.डी. | ||
{निम्नलिखित में से किस [[ग्रंथ]] में पति को यह अधिकार दिया गया है कि गलती करने पर अपनी पत्नी को वह पीट सके? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1188 | {निम्नलिखित में से किस [[ग्रंथ]] में [[पति]] को यह अधिकार दिया गया है कि गलती करने पर अपनी पत्नी को वह पीट सके? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1188 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[विष्णु पुराण]] | -[[विष्णु पुराण]] | ||
पंक्ति 720: | पंक्ति 720: | ||
-[[विरूपाक्ष]] | -[[विरूपाक्ष]] | ||
{अकाल के कारण एवं उपाय पर विचार हेतु 1880 ई. में लिटन सरकार ने किसकी अध्यक्षता में आयोग गठित किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-132 | {[[अकाल]] के कारण एवं उपाय पर विचार हेतु 1880 ई. में लिटन सरकार ने किसकी अध्यक्षता में आयोग गठित किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-132 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -कर्नल स्मिथ | ||
- | -जॉर्ज कैम्बेल | ||
+सर रिचर्ड स्ट्रेची | +सर रिचर्ड स्ट्रेची | ||
-सर एंटरी मैकडोनल | -सर एंटरी मैकडोनल |
11:08, 16 मई 2017 का अवतरण
|