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! संवाद
! फ़िल्म
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| "ये कैड़ा क़ानून हम गरीबों को इंसाफ़ दिलाने के लिए नहीं,
बल्कि अमीरों की सहूलियत के लिए है"
| 'नसीब'
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| "इंसान पैसों से नहीं,
परवरिश से बड़ा होता है"
| 'राजा की आयेगी बारात'
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| "आजकल मार से नहीं,
माल से काम चलता है।"
| 'हीरो हीरा लाल'
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| "बाज़ारू चीजों से घर सजाया जाता है...
बसाया नहीं"
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<poem>"ये कैड़ा क़ानून...
<poem>"ये कैड़ा क़ानून...

10:42, 30 जून 2017 का अवतरण

सईद जाफ़री विषय सूची
सईद जाफ़री के संवाद
जन्म 8 जनवरी, 1929
जन्म भूमि पंजाब, व्रिटिश भारत
मृत्यु 15 नवंबर, 2015
मृत्यु स्थान लंदन, यूनाइटेड किंगडम
अभिभावक पिता- हामिद हुसैन जाफ़री
पति/पत्नी मधुर जाफ़री, जेनीफर सोरेल
संतान पुत्रियां- जिआ, मीरा और सकीना जाफ़री
कर्म-क्षेत्र अभिनय
मुख्य फ़िल्में 'गांधी' (1982) 'शतरंज के खिलाड़ी' (1978), ‘हिना’ (1991), ‘राम तेरी गंगा मेली’ (1985), 'दिल', 'घर हो तो ऐसा', 'राजा की आएगी बारात'।
शिक्षा स्नातकोत्तर
विद्यालय मिंटो सर्किल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, कैथोलिक विश्वविद्यालय, अमेरिका
पुरस्कार-उपाधि पद्मश्री (2016)
प्रसिद्धि अभिनेता
अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म ‘द मैन हू वुड बी किंग’, ‘डेथ ऑन द नील’, ‘स्फिनिक्स’, ‘द ज्वैल इन द क्राउन’, ‘ए पैसेज टू इंडिया’, ‘द डिसीवर्स’, ‘आफ्टर मिडनाइट’, ‘ऑन विंग्स ऑफ़ फायर’।
अद्यतन‎

सईद जाफ़री बॉलीवुड के ऐसे अभिनेता हैं, जो फ़िल्म की पहचान न होते हुए भी लोगों के लिए एक बड़ी हस्ती हैं। इनकी अदाकारी का लोहा हर कोई मानता है। कई फ़िल्मों के कुछ ऐसे किरदार, जो शायद अहमियत भी न रखते हों, इन्होंने उसे निभा कर दर्शकों के दिल को छू लिया। इनके कुछ संवाद जो दर्शकों के दिल के करीब हैं, उनके ऐसे ही कुछ प्रमुख संवाद यहाँ दिए गये हैं-

सईद जाफ़री के संवाद
संवाद फ़िल्म
"ये कैड़ा क़ानून हम गरीबों को इंसाफ़ दिलाने के लिए नहीं,

बल्कि अमीरों की सहूलियत के लिए है"

'नसीब'
"इंसान पैसों से नहीं,

परवरिश से बड़ा होता है"

'राजा की आयेगी बारात'
"आजकल मार से नहीं,

माल से काम चलता है।"

'हीरो हीरा लाल'
"बाज़ारू चीजों से घर सजाया जाता है...

बसाया नहीं"

'राम तेरी गंगा मैली'

"ये कैड़ा क़ानून...
हम गरीबों को इंसाफ़
दिलाने के लिए नहीं...
बल्कि अमीरों की
सहूलियत के लिए है" - 'नसीब'

"इंसान पैसों से
नहीं, परवरिश
से बड़ा होता है" - 'राजा की आयेगी बारात'

"आजकल मार से
नहीं, माल से काम
चलता है।" - 'हीरो हीरा लाल'

"बाज़ारू चीजों से घर
सजाया जाता है...
बसाया नहीं" - 'राम तेरी गंगा मैली'


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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