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*[http://pawanchamling.org/about/biography/  Pawan Kumar Chamling's Biography]
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पवन कुमार चामलिंग
पवन कुमार चामलिंग
पवन कुमार चामलिंग
पूरा नाम पवन कुमार चामलिंग
जन्म 22 सितम्बर, 1950
जन्म भूमि गांव- यंगयंग, सिक्किम
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि लगातार पाँचवीं बार सिक्किम के मुख्यमंत्री बने।
पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट
पद सिक्किम के पाँचवें मुख्यमंत्री
कार्य काल 12 दिसम्बर, 1994 - अब तक
शिक्षा मैट्रिक
भाषा नेपाली भाषा
रचनाएँ 'बीर को परिचय', 'प्ररमविक कविता हारू', 'सिक्किम रा प्रजातंत्र' आदि।
अन्य जानकारी पवन कुमार चामलिंग नेपाली भाषा के एक सम्माननीय लेखक हैं। इनका साहित्यिक नाम पवन कुमार चामलिंग ‘किरण’ है।
अद्यतन‎

पवन कुमार चामलिंग (अंग्रेज़ी: Pawan Kumar Chamling, जन्म: 22 सितम्बर, 1950) भारत के सिक्किम राज्य के मुख्यमंत्री हैं। पवन चामलिंग राजनीतिक दल 'सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट' के संस्थापक अध्यक्ष है, जो 1994 से लगातार सिक्किम में शासन में है। पवन चामलिंग ने 21 मई, 2014 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही एक नया रिकॉर्ड रच दिया। पवन चामलिंग देश के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जो किसी राज्य में लगातार पांच बार मुख्यमंत्री चुने गए हैं।

जीवन परिचय

सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट जैसी क्षेत्रीय राजनैतिक पार्टी के संस्थापक और सिक्किम के पांचवें मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग का जन्म 22 सितंबर, 1950 को सिक्किम के एक छोटे और बेहद पिछ्ड़े गांव यंगयंग में हुआ था। पवन कुमार चामलिंग ने केवल मैट्रिक तक ही पढ़ाई की है। वर्ष 1972 में राजनीति में आने से पहले वह किसान और प्रथम श्रेणी के ठेकेदार रह चुके हैं। पवन कुमार चामलिंग नेपाली भाषा के एक सम्माननीय लेखक हैं। इनका साहित्यिक नाम पवन कुमार चामलिंग ‘किरण’ है। टिका माया चामलिंग इनकी दूसरी पत्नी हैं। पवन कुमार चामलिंग राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छे लेखक भी हैं। लंबे अरसे से राजनीति से जुड़े होने के कारण पवन कुमार चामलिंग को राजनीति की अच्छी समझ है।[1]

राजनीतिक परिचय

पवन कुमार चामलिंग वर्ष 1973 में सक्रिय राजनीति से जुड़ गए थे। अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत में वह सिक्किम प्रजातंत्र पार्टी के सदस्य बने। वर्ष 1982 में वह यंगयंग ग्राम पंचायत के अध्यक्ष बनाए गए। वर्ष 1985 में पवन कुमार चामलिंग ने पहली बार सिक्किम विधान सभा चुनावों में जीत दर्ज की। वर्ष 1989 में दमथांग निर्वाचन क्षेत्र से जीतने के बाद वह दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री नर बहादुर भंडारी की कैबिनेट में उद्योग मंत्रालय और सूचना एवं जन-संपर्क मंत्रालय प्रदान किया गया। सिक्किम की राजनीति में कई अच्छे-बुरे दौर से गुजरने के बाद पवन कुमार चामलिंग ने वर्ष 1993 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट की स्थापना की। 1994 के चुनावों में जीतने के बाद सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पहली बार सत्ता में आया था। वर्ष 1994 के चुनावों से लेकर 2014 के चुनावों तक पवन कुमार चामलिंग लगातार पाँच विधानसभा चुनावों में विजयी होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए हैं।[1]

लगातार पाँचवीं बार मुख्यमंत्री

पवन कुमार चामलिंग ने 21 मई, 2014 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही एक नया रिकॉर्ड बनाया। ये देश के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी राज्य में लगातार पांच बार मुख्यमंत्री चुने गए हैं। सिक्किम के राज्यपाल श्रीनिवास पाटिल ने राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पवन चामलिंग व अन्य 11 मंत्रियों को शपथ दिलाई। गौरतलब हो कि वर्ष 2014 में सिक्किम में हुए विधानसभा चुनाव में चामलिंग की अगुवाई वाली सिक्किम डेमोक्रेटिक पार्टी (एसडीएफ) को 32 सदस्यीय विधानसभा में 22 सीटों पर जीत हासिल हुई है और पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिला है। वह लगभग पिछले 20 सालों से सिक्किम का शासन संभाल रहे हैं। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब वह चामलिंग कम्युनिस्ट नेता दिवंगत ज्योति बसु का रिकार्ड तोड़ने जा रहे हैं जो इससे पहले तक देश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता थे। ज्योति बसु 1977 से लेकर 2000 तक लगातार 23 सालों तक पश्चिम बंगाल के पद पर आसीन रहे।[2]

सम्मान और पुरस्कार

  • 2010 में पवन कुमार चामलिंग को पंग ल्हाब्सल समिति द्वारा थिकोंग अम्बेसडर ऑफ पीस का सम्मान प्रदान किया गया।
  • सिक्किम साहित्य परिषद द्वारा वर्ष 2010 में पवन कुमार को भानु पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • 2009 में यूनिवर्सल पीस फेडरेशन द्वारा चामलिंग को लीडरशिप एंड गुड गवर्नेंस अवार्ड प्रदान किया गया।
  • 2003 में सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय द्वारा इन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।
  • कोलकाता की पोएट फाउंडेशन ने चामलिंग को वर्ष 2002 में पुरस्कार से नवाजा।
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ इकोनॉमिक स्टडीज द्वारा पवन कुमार चामलिंग को वर्ष 1999 में मानव सेवा पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • 1996 में पवन कुमार चामलिंग को भारत के उपराष्ट्रपति ने भारत शिरोमणि की उपाधि से सम्मानित किया।
  • 1987 में चामलिंग को सिक्किम साहित्य परिषद द्वारा चिंतन पुरस्कार प्रदान किया गया।[1]

उपलब्धियां और योगदान

  • पवन कुमार चामलिंग ने सिक्किम राज्य के भीतर परिवार नियोजन को बढ़ावा देने और महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए कई प्रभावकारी प्रयास किए हैं।
  • राज्य स्तर पर उन्होंने नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में महिलाओं के 50% आरक्षण की व्यवस्था लागू की है।
  • इसके अलावा विकलांगों को भी 3 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
  • शिक्षा के प्रति नागरिकों में रुझान उत्पन्न करने के लिए पवन कुमार चामलिंग ने कॉलेज स्तर तक मुफ़्त शिक्षा और पांचवी कक्षा तक के विद्यार्थियों को मुफ़्त किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म भी प्रदान की जाती हैं।

साहित्यिक रचनाएँ

  • बीर को परिचय – पहली प्रकाशित कविता (1967)
  • प्ररमविक कविता हारू – 1970 से 1978 तक की कविताओं का संकलन
  • अंतहीन सपना: मेरो बिपना – 1979 से 1985 तक का काव्य संकलन
  • मो को हुन – 1986-1992 तक का काव्य संकलन
  • पेरेनियल ड्रीम्स एंड माइ रियलटी
  • क्रुसिफाइड प्रश्न और अन्य कविताएं
  • प्रतिबाद
  • सिक्किम रा प्रजातंत्र
  • सिक्किम रा नरिको मर्यादा

इसके अलावा पवन कुमार चामलिंग निर्माण जो कि एक साहित्यिक पत्रिका है, उसके संपादन और प्रकाशन का काम भी देखते हैं। जल्द ही निर्माण पब्लिकेशन ने निर्माण के प्रकाशन का काम अपने हाथ में ले लिया। पिछ्ले उन्नीस वर्षों से यह प्रकाशन संस्थान नए लेखकों के अलावा कई प्रसिद्ध और लोकप्रिय लेखकों की 100 से अधिक किताबों का प्रकाशन कर चुकी है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग (हिंदी) जागरण जंक्शन। अभिगमन तिथि: 22 मई, 2014।
  2. गातार पांचवी बार सिक्किम के मुख्यमंत्री बन पवन चामलिंग ने रचा इतिहास (हिंदी) पर्दा फाश। अभिगमन तिथि: 22 मई, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

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