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||[[ग्रैण्ड ट्रंक रोड]]- यह मार्ग पुराने समय में 'सड़क-ए-आज़म' कहलाता था, आजकल इस सड़क को 'The Grand Trunk Road / ग्रैंड ट्रंक रोड / जी. टी. रोड' के नाम से जाना जाता है। इस सड़क को 'सड़के-ए-आज़म' या 'बादशाही सड़क' के नाम से भी जाना जाता है। सोलहवीं शताब्दी में [[दिल्ली]] के सुल्तान [[शेरशाह सूरी]] ने इसे पक्का करवाया। शेरशाह सूरी पहला बादशाह था, जिसने [[बंगाल]] के सोनागाँव से [[सिंध प्रांत]] तक दो हज़ार मील लम्बी पक्की सड़क बनवाई थी। इस सड़क पर घुड़सवारों द्वारा डाक लाने ले जाने की व्यवस्था थी। यह मार्ग उस समय 'सड़क-ए-आज़म' कहलाता था। [[बंगाल]] से पेशावर तक की यह सड़क 500 कोस<ref>शुद्ध= क्रोश</ref> या 2500 किलोमीटर लम्बी थी। शेरशाह ने 1542 ई. में इसका निर्माण कराया था। दूरी नापने के लिए जगह-जगह पत्थर लगवाए, छायादार वृक्ष लगवाए, राहगीरों के लिए सरायें बनवाईं और चुंगी की व्यवस्था की। ग्रैण्ड ट्रंक रोड [[कोलकाता]] से [[पेशावर]]<ref> पाकिस्तान</ref> तक लंबी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[ग्रैण्ड ट्रंक रोड]], [[शेरशाह सूरी]]
||[[ग्रैण्ड ट्रंक रोड]]- यह मार्ग पुराने समय में 'सड़क-ए-आज़म' कहलाता था, आजकल इस सड़क को 'The Grand Trunk Road / ग्रैंड ट्रंक रोड / जी. टी. रोड' के नाम से जाना जाता है। इस सड़क को 'सड़के-ए-आज़म' या 'बादशाही सड़क' के नाम से भी जाना जाता है। सोलहवीं शताब्दी में [[दिल्ली]] के सुल्तान [[शेरशाह सूरी]] ने इसे पक्का करवाया। शेरशाह सूरी पहला बादशाह था, जिसने [[बंगाल]] के सोनागाँव से [[सिंध प्रांत]] तक दो हज़ार मील लम्बी पक्की सड़क बनवाई थी। इस सड़क पर घुड़सवारों द्वारा डाक लाने ले जाने की व्यवस्था थी। यह मार्ग उस समय 'सड़क-ए-आज़म' कहलाता था। [[बंगाल]] से पेशावर तक की यह सड़क 500 कोस या 2500 किलोमीटर लम्बी थी। शेरशाह ने 1542 ई. में इसका निर्माण कराया था। दूरी नापने के लिए जगह-जगह पत्थर लगवाए, छायादार वृक्ष लगवाए, राहगीरों के लिए सरायें बनवाईं और चुंगी की व्यवस्था की। ग्रैण्ड ट्रंक रोड [[कोलकाता]] से [[पेशावर]] ([[पाकिस्तान]]) तक लंबी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[ग्रैण्ड ट्रंक रोड]], [[शेरशाह सूरी]]


{[[शेरशाह]] की महानता का द्योतक क्या है? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-54,प्रश्न-19
{[[शेरशाह]] की महानता का द्योतक क्या है? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-54,प्रश्न-19

11:45, 8 दिसम्बर 2017 का अवतरण

1 'काकोरी ट्रेन डकैती कांड' के नायक कौन थे? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-102,प्रश्न-20

राम प्रसाद बिस्मिल
भगत सिंह
बटुकेश्वर दत्त
बरकतुल्ला

2 गांधीजी की मृत्यु पर किसने कहा, कि "हमारे जीवन से प्रकाश चला गया"? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-105,प्रश्न-98

लॉर्ड माउंटबेटन
राजेन्द्र प्रसाद
एस. राधाकृष्णन
जवाहरलाल नेहरू

3 बारीन्द्र कुमार घोष के क्रियाकलापों ने एक गुप्त क्रांतिकारी संगठन को बंगाल में जन्म दिया, उसका क्या नाम था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-100,प्रश्न-54

अनुशीलन समिति
स्वदेशी बांधव समिति
व्रती समिति
साधना समाज

4 भारतीय इतिहास में 1912 का ऐतिहासिक महत्त्व क्या है?

महात्मा गाँधी की मृत्यु
बंगाल विभाजन
राजधानी का कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरण
इनमें से कोई नहीं

5 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ इंडियन एसोसिएशन का विलय कब हुआ था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-97,प्रश्न-49

1885 ई.
1886 ई.
1892 ई.
1895 ई.

6 निम्न में से कौन आज़ाद हिन्द फ़ौज (आई. एन. ए.) से संबंधित नहीं है? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-103,प्रश्न-50

गुरदयाल सिंह ढिल्‍लों
शाहनवाज ख़ाँ
जनरल मोहन सिंह
आर. सी. दत्त

7 भारत में 'ग्रांड ट्रक रोड' किसने बनबाया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-54,प्रश्न-5

अशोक
शेरशाह
अकबर
हुमायूँ

8 शेरशाह की महानता का द्योतक क्या है? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-54,प्रश्न-19

हुमायूँ के विरुद्ध उसका विजय अभियान
श्रेष्ट सैन्य नेतृत्व
प्रशासनिक सुधार
धार्मिक सहिष्णुता

9 अकबर के समय मुग़ल सूबों (प्रांतों) की संख्या 15 थी। वह औरंगज़ेब के समय बढ़कर कितनी हो गई? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-60,प्रश्न-188

16
18
21
24

10 1908 में बाल गंगाधर तिलक को जेल की सज़ा दिए जाने पर कहाँ के मजदूरों ने भारत की पहली राजनीतिक हड़ताल की? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-91,प्रश्न-94

बंबई
दिल्ली
कलकत्ता
इनमें से कोई नहीं