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==परिचय==
==परिचय==
चौधरी रहमत अली का जन्म 16 नवम्बर सन 1897 में [[पंजाब]] में होशियारपुर ज़िले के बलचौर नामक शहर में हुआ था। वे गोर्शी कबीले के गुर्जर परिवार से सम्बंधित थे। रहमत अली पाकिस्तानी मुस्लिम राष्ट्रवादी थे। उन्हें दक्षिण एशिया में एक अलग मुस्लिम देश पाकिस्तान के नामकरण के लिए जाना जाता है और आमतौर पर इसके निर्माण के लिये आंदोलन के संस्थापक के रूप में जाना जाता है।
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====पुस्तक 'Now Or Never'====
====पुस्तक 'Now Or Never'====
चौधरी रहमत अली और उनके दोस्तों ने [[28 जनवरी]], [[1933]] को "Now Or Never" शीर्षक से एक बुकलेट निकाली। बुकलेट चार पन्नों की थी, जिसमें कहा गया था- 'भारत की आज जो स्थिति है, उसमें वह न किसी एक देश का नाम है, न ही कोई एक राष्ट्र है, वह [[ब्रिटेन]] द्वारा पहली बार बना एक स्टेट है। पांच उत्तरी प्रांतों की लगभग चार करोड़ कुल जनसंख्या में हम मुसलमानों की जनसंख्या लगभग तीन करोड़ है। हमारा मजहब और तहजीब, हमारा इतिहास और परंपरा, हमारा सोशल बिहैवियर और इकनॉमिक सिस्टम, लेन-देन, उत्तराधिकार और शादी-विवाह के हमारे कानून बाकी [[भारत]] के ज्यादातर बाशिंदों से बिल्कुल अलग हैं। ये अंतर मामूली नहीं हैं। हमारा रहन-सहन हिन्दुओं से काफी जुदा है। हमारे बीच न खानपान है, न शादी-विवाह के संबंध। हमारे रीति रिवाज, यहां तक कि हमारा खाना-पीना और वेशभूषा भी अलग है।'
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==पाकिस्तान शब्द की परिभाषा==
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07:59, 5 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

चौधरी रहमत अली
चौधरी रहमत अली
चौधरी रहमत अली
पूरा नाम चौधरी रहमत अली
जन्म 16 नवम्बर, 1897
जन्म भूमि बलचौर, ज़िला होशियारपुर, पंजाब
मृत्यु 3 फ़रवरी, 1951
मृत्यु स्थान कैम्ब्रिज, इंग्लैण्ड
धर्म इस्लाम
अन्य जानकारी 'पाकिस्तान' शब्द चौधरी रहमत अली द्वारा दिया गया है। रहमत अली ने ही 1933 में 'पाकिस्तान नेशनल मूवमेंट' की शुरुआत की थी।

चौधरी रहमत अली (अंग्रेज़ी: Choudhry Rahmat Ali, जन्म- 16 नवम्बर, 1897; मृत्यु- 3 फ़रवरी, 1951) पाकिस्तान की माँग करने वाले सबसे पहले समर्थकों में से एक थे। 28 जनवरी, 1933 को पाकिस्तान शब्द दुनिया के सामने आया और ये शब्द चौधरी रहमत अली द्वारा दिया गया था। रहमत अली पाकिस्तानी मुस्लिम राष्ट्रवादी थे।

परिचय

चौधरी रहमत अली का जन्म 16 नवम्बर सन 1897 में पंजाब में होशियारपुर ज़िले के बलचौर नामक शहर में हुआ था। वे गोर्शी कबीले के गुर्जर परिवार से सम्बंधित थे। रहमत अली पाकिस्तानी मुस्लिम राष्ट्रवादी थे। उन्हें दक्षिण एशिया में एक अलग मुस्लिम देश पाकिस्तान के नामकरण के लिए जाना जाता है और आमतौर पर इसके निर्माण के लिये आंदोलन के संस्थापक के रूप में जाना जाता है।

पुस्तक 'Now Or Never'

चौधरी रहमत अली और उनके दोस्तों ने 28 जनवरी, 1933 को "Now Or Never" शीर्षक से एक बुकलेट निकाली। बुकलेट चार पन्नों की थी, जिसमें कहा गया था- 'भारत की आज जो स्थिति है, उसमें वह न किसी एक देश का नाम है, न ही कोई एक राष्ट्र है, वह ब्रिटेन द्वारा पहली बार बना एक स्टेट है। पांच उत्तरी प्रांतों की लगभग चार करोड़ कुल जनसंख्या में हम मुसलमानों की जनसंख्या लगभग तीन करोड़ है। हमारा मजहब और तहजीब, हमारा इतिहास और परंपरा, हमारा सोशल बिहैवियर और इकनॉमिक सिस्टम, लेन-देन, उत्तराधिकार और शादी-विवाह के हमारे कानून बाकी भारत के ज्यादातर बाशिंदों से बिल्कुल अलग हैं। ये अंतर मामूली नहीं हैं। हमारा रहन-सहन हिन्दुओं से काफी जुदा है। हमारे बीच न खानपान है, न शादी-विवाह के संबंध। हमारे रीति रिवाज, यहां तक कि हमारा खाना-पीना और वेशभूषा भी अलग है।'[1]

पाकिस्तान शब्द की परिभाषा

रहमत अली की इसी किताब में सबसे पहले पाकिस्तान नाम के एक मुस्लिम मुल्क का जिक्र किया गया था। रहमत अली ने ही 1933 में 'पाकिस्तान नेशनल मूवमेंट' की शुरुआत की और आगे चलकर उन्होंने 1 अगस्त, 1933 से पाकिस्तान नाम की साप्ताहिक मैगजीन भी शुरू की। चौधरी रहमत अली ने पाकिस्तान को परिभाषित भी किया। उन्होंने पाकिस्तान शब्द की परिभाषा इस प्रकार दी-

P - Punjab

A - Afghania (North-West Frontier Province)

K - Kashmir

S - Sindh

Tan - BalochisTan


चौधरी रहमत अली ने पाकिस्तान का नक्शा भी छपवाया था। इस किताब में भारत के अंदर तीन मुस्लिम देशों को दिखाया गया था। ये देश थे- पाकिस्तान, बंगिस्तान (पूर्वी बंगाल, आज का बांग्लादेश) और दक्खिनी उस्मानिस्तान (हैदराबाद, निजाम की रियासत)। सबसे खास बात यह थी कि रहमत अली के पाकिस्तान और अल्लामा इकबाल के अलग मुस्लिम राज्य में कहीं भी बंगाल का जिक्र नहीं था। जबकि पाकिस्तान एक मुल्क बना तो पूर्वी बंगाल को भी पूर्वी पाकिस्तान के तौर पर उसमें शामिल किया गया था, जो बाद में जाकर स्वतंत्र राष्ट्र बांग्लादेश बना।


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