"पण्याध्यक्ष": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''पण्याध्यक्ष''' मौर्य साम्राज्य की शासन व्यवस्था म...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''पण्याध्यक्ष''' मौर्य साम्राज्य की शासन व्यवस्था में एक अधिकारी का पद था।
'''पण्याध्यक्ष''' [[मौर्य साम्राज्य]] की शासन व्यवस्था में एक अधिकारी का पद था।


*मौर्य काल में जंगलों पर मौर्य प्रशासन का अधिकार था। इन वनों की उपज राज्य के कोष्ठागारों में पहुँचाई जाती थी और वहाँ से कारखानों में, जहाँ लकड़ी, [[मिट्टी]] तथा [[धातु]] की अनेक उपयोगी वस्तुएँ तथा युद्ध के लिए [[अस्त्र शस्त्र]] बनाए जाते थे। कारखानों में बनी वस्तुएँ '''पण्याध्यक्ष''' के नियंत्रण में बाज़ारों में बेची जाती थीं।
*मौर्य काल में जंगलों पर मौर्य प्रशासन का अधिकार था। इन वनों की उपज राज्य के कोष्ठागारों में पहुँचाई जाती थी और वहाँ से कारखानों में, जहाँ लकड़ी, [[मिट्टी]] तथा [[धातु]] की अनेक उपयोगी वस्तुएँ तथा युद्ध के लिए [[अस्त्र शस्त्र]] बनाए जाते थे। कारखानों में बनी वस्तुएँ '''पण्याध्यक्ष''' के नियंत्रण में बाज़ारों में बेची जाती थीं।

06:34, 19 अप्रैल 2018 का अवतरण

पण्याध्यक्ष मौर्य साम्राज्य की शासन व्यवस्था में एक अधिकारी का पद था।

  • मौर्य काल में जंगलों पर मौर्य प्रशासन का अधिकार था। इन वनों की उपज राज्य के कोष्ठागारों में पहुँचाई जाती थी और वहाँ से कारखानों में, जहाँ लकड़ी, मिट्टी तथा धातु की अनेक उपयोगी वस्तुएँ तथा युद्ध के लिए अस्त्र शस्त्र बनाए जाते थे। कारखानों में बनी वस्तुएँ पण्याध्यक्ष के नियंत्रण में बाज़ारों में बेची जाती थीं।


इन्हें भी देखें: मौर्यकालीन भारत, मौर्य काल का शासन प्रबंध, मौर्ययुगीन पुरातात्विक संस्कृति एवं मौर्यकालीन कला


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख