"कपिष्ठल": अवतरणों में अंतर

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*[[महाभारत]] में [[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]] के अंतर्गत उल्लिखित [[तीर्थ स्थान|तीर्थों]] में इसकी गणना की गई है।  
*[[महाभारत]] में [[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]] के अंतर्गत उल्लिखित [[तीर्थ स्थान|तीर्थों]] में इसकी गणना की गई है।  
*[[उद्योग पर्व महाभारत]]<ref>[[उद्योग पर्व महाभारत]] 31, 19</ref> के एक पाठ के अनुसार '''कपिस्थल''' उन पांचों [[ग्राम|ग्रामों]] में था जिन्हें [[पांडव|पांडवों]] ने [[कौरव|कौरवों]] से युद्ध रोकने का प्रस्ताव करते हुए मांगा था-  
*[[उद्योग पर्व महाभारत]]<ref>[[उद्योग पर्व महाभारत]] 31, 19</ref> के एक पाठ के अनुसार '''कपिस्थल''' उन पांचों [[ग्राम|ग्रामों]] में था जिन्हें [[पांडव|पांडवों]] ने [[कौरव|कौरवों]] से युद्ध रोकने का प्रस्ताव करते हुए मांगा था-  
<poem>:'कपिस्थलं वृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्, अवसानं भवत्यत्र किंचिदेकं च पंचमम्'।</poem>  
 
<poem>:'कपिस्थलं वृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्,  
अवसानं भवत्यत्र किंचिदेकं च पंचमम्'।</poem>  
 
*अन्य पाठ में '''कपिलस्थल''' के स्थान पर '''अविस्थल''' है जिसका अभिज्ञान अनिश्चित है।  
*अन्य पाठ में '''कपिलस्थल''' के स्थान पर '''अविस्थल''' है जिसका अभिज्ञान अनिश्चित है।  
*[[अलबेरूनी]] ने कपिस्थल को '''कवितल''' लिखा है।<ref>[[अलबेरूनी]] 1,206</ref>  
*[[अलबेरूनी]] ने कपिस्थल को '''कवितल''' लिखा है।<ref>[[अलबेरूनी]] 1,206</ref>  

12:38, 24 मई 2018 के समय का अवतरण

'कपिस्थलं वृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्,
अवसानं भवत्यत्र किंचिदेकं च पंचमम्'।

  • अन्य पाठ में कपिलस्थल के स्थान पर अविस्थल है जिसका अभिज्ञान अनिश्चित है।
  • अलबेरूनी ने कपिस्थल को कवितल लिखा है।[3]
  • एरियन ने इसे कंबिस्थलोई कहा है।




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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 136| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


बाहरी कड़ियाँ

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