"तेलंगाना के मुख्यमंत्री": अवतरणों में अंतर
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'''तेलंगाना''' [[भारत]] के [[आन्ध्र प्रदेश|आन्ध्र प्रदेश राज्य]] से अलग होकर बनने वाला 29वाँ नवगठित राज्य है। [[हैदराबाद]] को दस साल के लिए तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया गया है। यह परतन्त्र भारत के [[हैदराबाद]] नामक राजवाडे के तेलुगू भाषी क्षेत्रों से मिलकर बना है। 'तेलंगाना' शब्द का अर्थ है - 'तेलुगूभाषियों की भूमि'। गौरतलब है कि 1,14,800 वर्ग किलोमीटर में फैले तेलंगाना में [[आंध्र प्रदेश]] के 23 ज़िलों में से 10 ज़िले [[हैदराबाद ज़िला|हैदराबाद]], [[रंगारेड्डी ज़िला|रंगारेड्डी]], [[मेदक ज़िला|मेदक]], [[नलगोंडा ज़िला|नलगोंडा]], [[महबूबनगर ज़िला|महबूबनगर]], [[वारंगल ज़िला|वारंगल]], [[करीमनगर ज़िला|करीमनगर]], [[निज़ामाबाद ज़िला|निज़ामाबाद ]], [[आदिलाबाद ज़िला|आदिलाबाद]] और [[खम्मम ज़िला|खम्मम]] आते हैं।<br /> | '''तेलंगाना''' [[भारत]] के [[आन्ध्र प्रदेश|आन्ध्र प्रदेश राज्य]] से अलग होकर बनने वाला 29वाँ नवगठित राज्य है। [[हैदराबाद]] को दस साल के लिए तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया गया है। यह परतन्त्र भारत के [[हैदराबाद]] नामक राजवाडे के तेलुगू भाषी क्षेत्रों से मिलकर बना है। 'तेलंगाना' शब्द का अर्थ है - 'तेलुगूभाषियों की भूमि'। गौरतलब है कि 1,14,800 वर्ग किलोमीटर में फैले तेलंगाना में [[आंध्र प्रदेश]] के 23 ज़िलों में से 10 ज़िले [[हैदराबाद ज़िला|हैदराबाद]], [[रंगारेड्डी ज़िला|रंगारेड्डी]], [[मेदक ज़िला|मेदक]], [[नलगोंडा ज़िला|नलगोंडा]], [[महबूबनगर ज़िला|महबूबनगर]], [[वारंगल ज़िला|वारंगल]], [[करीमनगर ज़िला|करीमनगर]], [[निज़ामाबाद ज़िला|निज़ामाबाद ]], [[आदिलाबाद ज़िला|आदिलाबाद]] और [[खम्मम ज़िला|खम्मम]] आते हैं।<br /> | ||
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[[7 फ़रवरी]], [[2014]] को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक पास करके और [[हैदराबाद]] को [[केंद्र शासित प्रदेश]] बनाने की सीमांध्र नेताओं की मांग खारिज कर दी थी। इसके बाद [[सीमांध्र]] और तेलंगाना सांसदों के बीच हंगामे और झड़प के बीच विधेयक [[लोकसभा]] में पेश किया गया। [[18 फ़रवरी]], [[2014]] को लोकसभा ने तेलंगाना विधेयक पास कर दिया और फिर अगले ही दिन किरण रेड्डी ने [[मुख्यमंत्री]] पद से इस्तीफा दे दिया। [[20 फ़रवरी]], [[2014]] को [[राज्य सभा]] ने विधेयक पास किया। तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[मनमोहन सिंह]] ने सीमांध्र के लिए पैकेज की घोषणा कर दी।<br /> | [[7 फ़रवरी]], [[2014]] को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक पास करके और [[हैदराबाद]] को [[केंद्र शासित प्रदेश]] बनाने की सीमांध्र नेताओं की मांग खारिज कर दी थी। इसके बाद [[सीमांध्र]] और तेलंगाना सांसदों के बीच हंगामे और झड़प के बीच विधेयक [[लोकसभा]] में पेश किया गया। [[18 फ़रवरी]], [[2014]] को लोकसभा ने तेलंगाना विधेयक पास कर दिया और फिर अगले ही दिन किरण रेड्डी ने [[मुख्यमंत्री]] पद से इस्तीफा दे दिया। [[20 फ़रवरी]], [[2014]] को [[राज्य सभा]] ने विधेयक पास किया। तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[मनमोहन सिंह]] ने सीमांध्र के लिए पैकेज की घोषणा कर दी।<br /> | ||
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[[1 मार्च]], 2014 को [[प्रणब मुखर्जी|राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी]] ने तेलंगाना विधेयक पर अपनी सहमति दे दी और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। इसके बाद [[30 अप्रैल]], 2014 को 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा और 17 लोकसभा सीटों पर एक साथ चुनाव हुए। [[2 जून]], 2014 को नए राज्य के रूप में [[तेलंगाना]] का जन्म हुआ और [[के. चन्द्रशेखर राव]] ने राज्य के पहले [[मुख्यमंत्री]] के रूप में शपथ ली। | [[1 मार्च]], 2014 को [[प्रणब मुखर्जी|राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी]] ने तेलंगाना विधेयक पर अपनी सहमति दे दी और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। इसके बाद [[30 अप्रैल]], 2014 को 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा और 17 लोकसभा सीटों पर एक साथ चुनाव हुए। [[2 जून]], 2014 को नए राज्य के रूप में [[तेलंगाना]] का जन्म हुआ और [[के. चन्द्रशेखर राव]] ने राज्य के पहले [[मुख्यमंत्री]] के रूप में शपथ ली। वर्तमान में [[अनुमुला रेवंत रेड्डी]] राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं, जिन्होंने [[7 दिसंबर]], [[2023]] से कार्यभार ग्रहण किया है। | ||
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06:00, 4 जनवरी 2024 के समय का अवतरण
तेलंगाना भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य से अलग होकर बनने वाला 29वाँ नवगठित राज्य है। हैदराबाद को दस साल के लिए तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया गया है। यह परतन्त्र भारत के हैदराबाद नामक राजवाडे के तेलुगू भाषी क्षेत्रों से मिलकर बना है। 'तेलंगाना' शब्द का अर्थ है - 'तेलुगूभाषियों की भूमि'। गौरतलब है कि 1,14,800 वर्ग किलोमीटर में फैले तेलंगाना में आंध्र प्रदेश के 23 ज़िलों में से 10 ज़िले हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेदक, नलगोंडा, महबूबनगर, वारंगल, करीमनगर, निज़ामाबाद , आदिलाबाद और खम्मम आते हैं।
7 फ़रवरी, 2014 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक पास करके और हैदराबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की सीमांध्र नेताओं की मांग खारिज कर दी थी। इसके बाद सीमांध्र और तेलंगाना सांसदों के बीच हंगामे और झड़प के बीच विधेयक लोकसभा में पेश किया गया। 18 फ़रवरी, 2014 को लोकसभा ने तेलंगाना विधेयक पास कर दिया और फिर अगले ही दिन किरण रेड्डी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 20 फ़रवरी, 2014 को राज्य सभा ने विधेयक पास किया। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीमांध्र के लिए पैकेज की घोषणा कर दी।
1 मार्च, 2014 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तेलंगाना विधेयक पर अपनी सहमति दे दी और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। इसके बाद 30 अप्रैल, 2014 को 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा और 17 लोकसभा सीटों पर एक साथ चुनाव हुए। 2 जून, 2014 को नए राज्य के रूप में तेलंगाना का जन्म हुआ और के. चन्द्रशेखर राव ने राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वर्तमान में अनुमुला रेवंत रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं, जिन्होंने 7 दिसंबर, 2023 से कार्यभार ग्रहण किया है।
क्रमांक | नाम | चित्र | कार्यकाल | दल / पार्टी |
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1. | के. चन्द्रशेखर राव | 2 जून, 2014 से 13 दिसंबर, 2018 | तेलंगाना राष्ट्र समिति | |
(1.) | के. चन्द्रशेखर राव | 13 दिसंबर, 2018 से पदस्थ | तेलंगाना राष्ट्र समिति | |
2. | अनुमुला रेवंत रेड्डी | 7 दिसंबर, 2023 | भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |