"कराईकुडी": अवतरणों में अंतर
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'''कराईकुडी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Karaikudi'') [[भारत]] के [[तमिल नाडु]] राज्य के शिवगंगा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह नगर रामेश्वरम-तिरुचिरापल्ली मार्ग पर स्थित है। कराईकुडी का नाम इस क्षेत्र में चूना पत्थर से बनाये जाने वाले विशेष प्रकार के घरों, जिन्हें "कारै वीडू" कहा जाता है से और "कारै" नामक पौधा जो कि यहाँ अधिक मात्रा में पाया जाता है, के कारण पड़ा है। | '''कराईकुडी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Karaikudi'') [[भारत]] के [[तमिल नाडु]] राज्य के शिवगंगा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह नगर रामेश्वरम-तिरुचिरापल्ली मार्ग पर स्थित है। कराईकुडी का नाम इस क्षेत्र में चूना पत्थर से बनाये जाने वाले विशेष प्रकार के घरों, जिन्हें "कारै वीडू" कहा जाता है से और "कारै" नामक पौधा जो कि यहाँ अधिक मात्रा में पाया जाता है, के कारण पड़ा है। | ||
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प्रसिद्ध पिलियारपट्टी मंदिर कराईकुडी से मात्र 12 किलोमीटर दूर है। कराईकुडी को मीनाक्षी-सुन्दरेश्वर मंदिर के लिए भी जाना जता है, जिसे शिव मंदिर भी कहते हैं। इसमें [[गणेश]] की 108 मूर्तियाँ हैं। कराईकुडी के उत्तर-पूर्व में स्थित सेक्काले को जैन कुंड पुरम के नाम से भी जाना जाता था। इसी दिशा में स्थित स्थान मुत्तु पटनम, मुत्तु मारियम्मन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कराईकुडी के मध्य में कल्लुकट्टी है, जहां कोप्पडैयम्मन मंदिर स्थित है। थेन्नार नदी कराईकुडी के दक्षिण दिशा से बहती है। | प्रसिद्ध पिलियारपट्टी मंदिर कराईकुडी से मात्र 12 किलोमीटर दूर है। कराईकुडी को मीनाक्षी-सुन्दरेश्वर मंदिर के लिए भी जाना जता है, जिसे शिव मंदिर भी कहते हैं। इसमें [[गणेश]] की 108 मूर्तियाँ हैं। कराईकुडी के उत्तर-पूर्व में स्थित सेक्काले को जैन कुंड पुरम के नाम से भी जाना जाता था। इसी दिशा में स्थित स्थान मुत्तु पटनम, मुत्तु मारियम्मन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कराईकुडी के मध्य में कल्लुकट्टी है, जहां कोप्पडैयम्मन मंदिर स्थित है। थेन्नार नदी कराईकुडी के दक्षिण दिशा से बहती है।<ref name="aa">{{cite web |url=https://www.cecri.res.in/hi/AboutUs/AboutKaraikudi.aspx |title=कराईकुडी|accessmonthday=22 मार्च|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=cecri.res.in |language=हिंदी}}</ref> | ||
==पर्यटन स्थल== | ==पर्यटन स्थल== | ||
तमिल ताय मंदिर, कम्बन मणिमंडपम, वल्लल अलगप्पा चेट्टियार की मूर्ति तथा मेमोरियल, कविरासर कन्नदासन मणिमंडपम आदि कराईकुडी के प्रमुख स्थल हैं। | तमिल ताय मंदिर, कम्बन मणिमंडपम, वल्लल अलगप्पा चेट्टियार की मूर्ति तथा मेमोरियल, कविरासर कन्नदासन मणिमंडपम आदि कराईकुडी के प्रमुख स्थल हैं। | ||
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'''पिलियारपट्टी''' - यह कराईकुडी से पश्चिम दिशा में 12 किलोमीटर पर, तिरुपत्तूर से पूर्व में 8 किलोमीटर पर तथा [[मदुरै]] से पूर्व दिशा की और 68 किलोमीटर पर स्थित है। इस स्थान का नाम इस मंदिर से पिलियार ग्राम पड़ा। इस मंदिर में "करपग पिलियार"(गणपति) की 6 फुट ऊंची तथा 5 फुट चौड़ी प्रतिमा है। विश्व भर से पर्यटक यहाँ आते हैं तथा त्यौहार आदि के समय यहाँ बहुत अधिक संख्या में दर्शनार्थी आते हैं। यहाँ प्रत्येक वर्ष [[अगस्त]]-[[सितंबर]] के दौरान [[गणेश चतुर्थी]] बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। | '''पिलियारपट्टी''' - यह कराईकुडी से पश्चिम दिशा में 12 किलोमीटर पर, तिरुपत्तूर से पूर्व में 8 किलोमीटर पर तथा [[मदुरै]] से पूर्व दिशा की और 68 किलोमीटर पर स्थित है। इस स्थान का नाम इस मंदिर से पिलियार ग्राम पड़ा। इस मंदिर में "करपग पिलियार"(गणपति) की 6 फुट ऊंची तथा 5 फुट चौड़ी प्रतिमा है। विश्व भर से पर्यटक यहाँ आते हैं तथा त्यौहार आदि के समय यहाँ बहुत अधिक संख्या में दर्शनार्थी आते हैं। यहाँ प्रत्येक वर्ष [[अगस्त]]-[[सितंबर]] के दौरान [[गणेश चतुर्थी]] बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। | ||
'''कुंडरकुड़ी''' - यह कराईकुडी से पश्चिम दिशा में 10 किलोमीटर तथा तिरुपत्तूर से पूर्व में 11 किलोमीटर की दूरे पर स्थित है। [[तमिल भाषा]] के कुंडरम का अर्थ है पर्वत तथा कुडी का अर्थ है ग्राम। यहाँ पर्वत पर भगवान सुब्रमणय, जिन्हें शन्मुगनादन के नाम से भी जाना जाता है, का मंदिर है तथा इसमें उनकी पूर्वमुखी छ: मुख वाली मूर्ती लगी हुई है। यहाँ [[वैशाख]]-[[मई]], [[कार्तिक]]-[[जुलाई]], संकष्टी - [[ | '''कुंडरकुड़ी''' - यह कराईकुडी से पश्चिम दिशा में 10 किलोमीटर तथा तिरुपत्तूर से पूर्व में 11 किलोमीटर की दूरे पर स्थित है। [[तमिल भाषा]] के कुंडरम का अर्थ है पर्वत तथा कुडी का अर्थ है ग्राम। यहाँ पर्वत पर भगवान सुब्रमणय, जिन्हें शन्मुगनादन के नाम से भी जाना जाता है, का मंदिर है तथा इसमें उनकी पूर्वमुखी छ: मुख वाली मूर्ती लगी हुई है। यहाँ [[वैशाख]]-[[मई]], [[कार्तिक]]-[[जुलाई]], संकष्टी - [[नवंबर]] पूस - [[फ़रवरी]] तथा तथा उत्तरायण [[अप्रैल]] में मेला लगता है।<ref name="aa"/> | ||
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07:08, 22 मार्च 2020 का अवतरण
कराईकुडी (अंग्रेज़ी: Karaikudi) भारत के तमिल नाडु राज्य के शिवगंगा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह नगर रामेश्वरम-तिरुचिरापल्ली मार्ग पर स्थित है। कराईकुडी का नाम इस क्षेत्र में चूना पत्थर से बनाये जाने वाले विशेष प्रकार के घरों, जिन्हें "कारै वीडू" कहा जाता है से और "कारै" नामक पौधा जो कि यहाँ अधिक मात्रा में पाया जाता है, के कारण पड़ा है।
प्रसिद्धि
प्रसिद्ध पिलियारपट्टी मंदिर कराईकुडी से मात्र 12 किलोमीटर दूर है। कराईकुडी को मीनाक्षी-सुन्दरेश्वर मंदिर के लिए भी जाना जता है, जिसे शिव मंदिर भी कहते हैं। इसमें गणेश की 108 मूर्तियाँ हैं। कराईकुडी के उत्तर-पूर्व में स्थित सेक्काले को जैन कुंड पुरम के नाम से भी जाना जाता था। इसी दिशा में स्थित स्थान मुत्तु पटनम, मुत्तु मारियम्मन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कराईकुडी के मध्य में कल्लुकट्टी है, जहां कोप्पडैयम्मन मंदिर स्थित है। थेन्नार नदी कराईकुडी के दक्षिण दिशा से बहती है।[1]
पर्यटन स्थल
तमिल ताय मंदिर, कम्बन मणिमंडपम, वल्लल अलगप्पा चेट्टियार की मूर्ति तथा मेमोरियल, कविरासर कन्नदासन मणिमंडपम आदि कराईकुडी के प्रमुख स्थल हैं।
आसपास के दर्शनीय स्थल
पिलियारपट्टी - यह कराईकुडी से पश्चिम दिशा में 12 किलोमीटर पर, तिरुपत्तूर से पूर्व में 8 किलोमीटर पर तथा मदुरै से पूर्व दिशा की और 68 किलोमीटर पर स्थित है। इस स्थान का नाम इस मंदिर से पिलियार ग्राम पड़ा। इस मंदिर में "करपग पिलियार"(गणपति) की 6 फुट ऊंची तथा 5 फुट चौड़ी प्रतिमा है। विश्व भर से पर्यटक यहाँ आते हैं तथा त्यौहार आदि के समय यहाँ बहुत अधिक संख्या में दर्शनार्थी आते हैं। यहाँ प्रत्येक वर्ष अगस्त-सितंबर के दौरान गणेश चतुर्थी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।
कुंडरकुड़ी - यह कराईकुडी से पश्चिम दिशा में 10 किलोमीटर तथा तिरुपत्तूर से पूर्व में 11 किलोमीटर की दूरे पर स्थित है। तमिल भाषा के कुंडरम का अर्थ है पर्वत तथा कुडी का अर्थ है ग्राम। यहाँ पर्वत पर भगवान सुब्रमणय, जिन्हें शन्मुगनादन के नाम से भी जाना जाता है, का मंदिर है तथा इसमें उनकी पूर्वमुखी छ: मुख वाली मूर्ती लगी हुई है। यहाँ वैशाख-मई, कार्तिक-जुलाई, संकष्टी - नवंबर पूस - फ़रवरी तथा तथा उत्तरायण अप्रैल में मेला लगता है।[1]
जनगणना
2011 की जनगणना के अनुसार कराईकुडी की जनसंख्या 1,06,793 (पुरुष : 53,425 तथा महिलाएं : 53,368) थी तथा यहाँ की औसत साक्षरता दर 91 प्रतिशत थी।
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