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*मुहर सबसे ज़्यादा प्रचलित सिक्का था। इसका मूल्य 1 रुपया था। [[अबुल फ़ज़ल]] के अनुसार सोने के सिक्के ढालने के लिए 4 टकसालें, [[चाँदी]] के 14 तथा तांबे के सिक्के के लिए 42 टकसालें थीं। | |||
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09:25, 8 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
मुहर मुग़ल काल में प्रचलित एक प्रकार का सिक्का था।
- अपने शासन काल के प्रारंभ में अकबर ने ‘मुहर’ नामक सिक्का चलाया। सोने के सिक्कों में शहंशाह, आत्मा बिसात, चुगुल और जलाली महत्त्वपूर्ण थे।
- मुहर सबसे ज़्यादा प्रचलित सिक्का था। इसका मूल्य 1 रुपया था। अबुल फ़ज़ल के अनुसार सोने के सिक्के ढालने के लिए 4 टकसालें, चाँदी के 14 तथा तांबे के सिक्के के लिए 42 टकसालें थीं।
इन्हें भी देखें: टकसाल, मुग़लकालीन राजस्व प्रणाली एवं मुग़लकालीन शासन व्यवस्था
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