|
|
पंक्ति 1: |
पंक्ति 1: |
| 'कोल' शिकारी वर्ग की जनजाति है, जो हकवा करके जानवरों का अथवा गोटी-गुलेल से उड़ती चिड़ियों का शिकार करती थी। इस [[नृत्य]] में कोलों के जीवन की झांकी देखी जा सकती है।<br />
| | #REDIRECT [[कोलदहकी नृत्य]] |
| <br />
| |
| *गोला या अर्ध गोला बनाकर, [[ढोल]] बजाकर, बैठकर अथवा खड़े होकर, दिन भर के परिश्रम के बाद, चौपाल लगाकर यह नृत्य किया जाता है।
| |
| *इस नृत्य में औरतें और बच्चे तमाशबीन होते हैं।
| |
| | |
| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
| |
| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
| |
| <references/>
| |
| ==संबंधित लेख==
| |
| {{नृत्य कला}}{{आदिवासी संस्कृति}}
| |
| [[Category:लोक नृत्य]][[Category:नृत्य कला]][[Category:संस्कृति कोश]][[Category:कला कोश]]
| |
| __INDEX__
| |