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+सुनीतिकुमार चटर्जी एवं सुकुमार सेन
+सुनीतिकुमार चटर्जी एवं सुकुमार सेन
-उदयनारायण तिवारी
-उदयनारायण तिवारी
{अर्द्धमागधी अपभ्रंश से इनमें से किस बोली का विकास हुआ है?
|type="[]"}
- पश्चिमी
- [[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]]
- [[बांग्ला भाषा|बंगाली]]
+ [[बांग्ला भाषा|बंगाली]]
{कामताप्रसाद गुरु का हिन्दी व्याकरण विषयक ग्रंथ, जो नागरी प्रचारिणी सभा, काशी से प्रकाशित हुआ था, उसका नाम था?
|type="[]"}
- [[हिन्दी]] का सरल व्याकरण
- हिन्दी का प्रामाणिक व्याकरण
+ हिन्दी व्याकरण
- हिन्दी का व्यावहारिक व्याकरण
{[[देवनागरी लिपि]] है?
|type="[]"}
- वर्णात्मक
- वर्णात्मक और अक्षरात्मक दोनों
+ अक्षरात्मक
-इनमें से कोई नहीं
{विद्यापति की उस प्रमुख रचना का नाम बताइए, जिसमें 'अवहट्ठ' भाषा का बहुतायत से प्रयोग हुआ है?
|type="[]"}
- कीर्तिपताका
+ कीर्तिलता
- विद्यापति पदावली
-पुरुष परीक्षा
{जॉर्ज ग्रियर्सन ने पश्चिमोत्तर समुदाय की भाषा को आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की किस उपशाखा में रखा है?
|type="[]"}
- भीतरी उपशाखा
+ बाहरी उपशाखा
- मध्यवर्गीय उपशाखा
-इनमें से कोई नहीं
{सुनीति कुमार चटर्जी ने आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं के अंतर्गत पूर्वी हिन्दी को किस शाखा के भीतर रखा है?
|type="[]"}
- उदीच्य
- प्रतीच्य
+ प्राच्य
-दाक्षिणात्य
===== [[उर्दू भाषा|उर्दू]] किस भाषा का मूल शब्द है?=====
{{Opt|विकल्प 1=तुर्की भाषा|विकल्प 2=ईरानी भाषा|विकल्प 3=अरबी भाषा|विकल्प 4=फ़ारसी भाषा}}{{Ans|विकल्प 1='''तुर्की भाषा'''{{Check}}|विकल्प 2=ईरानी भाषा|विकल्प 3=[[अरबी भाषा]]|विकल्प 4=[[फ़ारसी भाषा]]|विवरण=}}
====='साहित्य का इतिहास दर्शन' ग्रंथ के लेखक का नाम है?=====
{{Opt|विकल्प 1=डॉ. श्यामसुन्दर दास|विकल्प 2=आचार्य रामचन्द्र शुक्ल|विकल्प 3=डॉ. नलिन विलोचन शर्मा|विकल्प 4=डॉ. गुलाब राय}}{{Ans|विकल्प 1=डॉ. श्यामसुन्दर दास|विकल्प 2=आचार्य रामचन्द्र शुक्ल|विकल्प 3='''डॉ. नलिन विलोचन शर्मा'''{{Check}}|विकल्प 4=डॉ. गुलाब राय|विवरण=}}
=====आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कृत 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' की अधिकांश सामग्री पुस्तकाकार प्रकाशन के पूर्व 'हिन्दी शब्द- सागर की भूमिका में छपी थी। इस भूमिका में उसका शीर्षक था?=====
{{Opt|विकल्प 1=हिन्दी साहित्य का उद्भव और विकास|विकल्प 2=हिन्दी साहित्य का विकास|विकल्प 3=हिन्दी साहित्य का विकासात्मक इतिहास|विकल्प 4=हिन्दी साहित्य की विकास यात्रा}}{{Ans|विकल्प 1=[[हिन्दी]] साहित्य का उद्भव और विकास|विकल्प 2='''हिन्दी साहित्य का विकास'''{{Check}}|विकल्प 3=हिन्दी साहित्य का विकासात्मक इतिहास|विकल्प 4=हिन्दी साहित्य की विकास यात्रा|विवरण=}}
=====जॉर्ज ग्रियर्सन का इतिहास ग्रन्थ 'मॉडर्न वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ़ नॉदर्न हिन्दुस्तान' का प्रकाशन हुआ था?=====
{{Opt|विकल्प 1=(1887)|विकल्प 2=(1888)|विकल्प 3=(1889)|विकल्प 4=(1890)}}{{Ans|विकल्प 1=([[1887]])|विकल्प 2='''([[1888]])'''{{Check}}|विकल्प 3=([[1889]])|विकल्प 4=([[1890]])|विवरण=}}
===== "जिस कालखण्ड के भीतर किसी विशेष ढंग की रचनाओं की प्रचुरता दिखाई पड़ी है, वह एक अलग काल माना गया है और उसका नामकरण उन्हीं रचनाओं के अनुसार किया गया है" यह मान्यता किस इतिहासकार की है?===== 
{{Opt|विकल्प 1=डॉ. श्यामसुन्दर दास|विकल्प 2=आचार्य रामचन्द्र शुक्ल|विकल्प 3= डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी|विकल्प 4=डॉ. रामविलास शर्मा}}{{Ans|विकल्प 1=डॉ. श्यामसुन्दर दास|विकल्प 2='''आचार्य रामचन्द्र शुक्ल'''{{Check}}|विकल्प 3= डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी|विकल्प 4=डॉ. रामविलास शर्मा|विवरण=}}
===== आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के उस इतिहास ग्रंथ का नाम बतलाइए जिसमें मात्र आदिकालीन हिन्दी साहित्य सम्बन्धी सामग्री संग्रहीत है?=====
{{Opt|विकल्प 1=हिन्दी साहित्य की भूमिका|विकल्प 2=हिन्दी साहित्य: उद्भव और विकास|विकल्प 3=मध्यकालीन धर्मसाधना|विकल्प 4=हिन्दी साहित्य का आदिकाल}}{{Ans|विकल्प 1=[[हिन्दी]] साहित्य की भूमिका|विकल्प 2=हिन्दी साहित्य: उद्भव और विकास|विकल्प 3=मध्यकालीन धर्मसाधना|विकल्प 4='''हिन्दी साहित्य का आदिकाल'''{{Check}}|विवरण=}}
===== आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किन दो प्रमुख तथ्यों को ध्यान में रखकर 'हिन्दी साहित्य के इतिहास' के काल खण्डों का नामकरण किया है?=====
{{Opt|विकल्प 1=ग्रंथों की प्रसिद्धि|विकल्प 2=ग्रंथों की प्रचुरता एवं ग्रंथों की प्रसिद्धि|विकल्प 3=ग्रंथों की उपलब्धता|विकल्प 4=रचनाकारों की संख्या}}{{Ans|विकल्प 1=ग्रंथों की प्रसिद्धि|विकल्प 2='''ग्रंथों की प्रचुरता एवं ग्रंथों की प्रसिद्धि'''{{Check}}|विकल्प 3=ग्रंथों की उपलब्धता|विकल्प 4=रचनाकारों की संख्या|विवरण=}}
===== इनमें किस इतिहासकार ने सर्वप्रथम रीतिकालीन कवियों के सर्वाधिक परिचयात्मक विवरण दिए है?=====
{{Opt|विकल्प 1=डॉ. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र|विकल्प 2=डॉ. नगेन्द्र|विकल्प 3=डॉ.रामशंकर शुक्ल 'रसाल'|विकल्प 4=मिश्रबन्धु}}{{Ans|विकल्प 1=डॉ. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र|विकल्प 2=डॉ. नगेन्द्र|विकल्प 3=डॉ.रामशंकर शुक्ल 'रसाल'|विकल्प 4='''मिश्रबन्धु'''{{Check}}|विवरण=}}
===== 'हिन्दी साहित्य का अतीत: भाग- एक' के लेखक का नाम है?=====
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===== प्रेम लक्षणा भक्ति को किस भक्ति शाखा ने अपनी साधना का मुख्य आधार बनाया है?=====
{{Opt|विकल्प 1=रामभक्ति शाखा|विकल्प 2=ज्ञानाश्रयी शाखा|विकल्प 3=कृष्णभक्ति शाखा|विकल्प 4=प्रेममार्गी शाखा}}{{Ans|विकल्प 1=रामभक्ति शाखा|विकल्प 2=ज्ञानाश्रयी शाखा|विकल्प 3='''कृष्णभक्ति शाखा'''{{Check}}|विकल्प 4=प्रेममार्गी शाखा|विवरण=}}
=====मनुष्यत्व की सामान्य भावना को आगे करके निम्न श्रेणी की जनता में आत्म- गौरव का भाव जगाने वाले सर्वश्रेष्ठ कवि थे?===== 
{{Opt|विकल्प 1=तुलसीदास|विकल्प 2=कबीर|विकल्प 3=जायसी|विकल्प 4=सूरदास}}{{Ans|विकल्प 1=[[तुलसीदास]]|विकल्प 2='''[[कबीर]]'''{{Check}}|विकल्प 3=[[जायसी]]|विकल्प 4=[[सूरदास]]|विवरण=महात्मा कबीरदास के जन्म के समय में [[भारत]] की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक दशा शोचनीय थी। एक तरफ मुसलमान शासकों की धर्मांन्धता से जनता परेशान थी और दूसरी तरफ हिन्दू धर्म के कर्मकांड, विधान और पाखंड से धर्म का ह्रास हो रहा था। जनता में भक्ति- भावनाओं का सर्वथा अभाव था। पंडितों के पाखंडपूर्ण वचन समाज में फैले थे। ऐसे संघर्ष के समय में, कबीरदास का प्रार्दुभाव हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सूरदास]]}}
===== 'हंस जवाहिर' रचना किस सूफी कवि द्वारा रची गई थी?===== 
{{Opt|विकल्प 1=मंझन|विकल्प 2=कुतुबन|विकल्प 3=उसमान|विकल्प 4=क़ासिमशाह}}{{Ans|विकल्प 1=मंझन|विकल्प 2=कुतुबन|विकल्प 3=उसमान|विकल्प 4='''क़ासिमशाह'''{{Check}}|विवरण=}}
===== 'देखन जौ पाऊँ तौ पठाऊँ जमलोक हाथ, दूजौ न लगाऊँ, वार करौ एक कर को।' ये पंक्तियाँ किस कवि द्वारा सृजित हैं?===== 
{{Opt|विकल्प 1=ह्रदयराम|विकल्प 2=अग्रदास|विकल्प 3=तुलसीदास|विकल्प 4=नाभादास}}{{Ans|विकल्प 1=ह्रदयराम|विकल्प 2=अग्रदास|विकल्प 3=[[तुलसीदास]]|विकल्प 4='''नाभादास'''{{Check}}|विवरण=}}
===== '[[भक्तमाल]]' भक्तिकाल के कवियों की प्राथमिक जानकारी देता है, इसके रचयिता थे? =====
{{Opt|विकल्प 1=वल्लभाचार्य|विकल्प 2=नाभादास|विकल्प 3=रामानन्द|विकल्प 4=नन्ददास}}{{Ans|विकल्प 1=[[वल्लभाचार्य]]|विकल्प 2='''नाभादास'''{{Check}}|विकल्प 3=रामानन्द|विकल्प 4=नन्ददास|विवरण=}}
===== आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने रीतिकाल को 'श्रृंगारकाल' नाम दिया, लेकिन उन्होंने इस पर जो ग्रंथ लिखा, उसका नाम 'हिन्दी का श्रृंगारकाल' नहीं है, बल्कि उसका नाम है?===== 
{{Opt|विकल्प 1=रीतिकाव्य की भूमिका|विकल्प 2=रीतिकाव्य की पृष्ठभूमि|विकल्प 3=रीतिकाव्य की प्रस्तावना|विकल्प 4=हिन्दी साहित्य का अतीत, भाग -2}}{{Ans|विकल्प 1=रीतिकाव्य की भूमिका|विकल्प 2=रीतिकाव्य की पृष्ठभूमि|विकल्प 3=रीतिकाव्य की प्रस्तावना|विकल्प 4='''हिन्दी साहित्य का अतीत, भाग -2'''{{Check}}|विवरण=}}

12:24, 22 दिसम्बर 2010 का अवतरण

<quiz display=simple> {खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप है?

type="[]"}

- फ़ारसी भाषा - अरबी भाषा + उर्दू भाषा - अदालती भाषा

उर्दू भाषा भारतीय-आर्य भाषा है, जो भारतीय संघ की 18 राष्ट्रीय भाषाओं में से एक व पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। हालाँकि यह फ़ारसी और अरबी से प्रभावित है, लेकिन यह हिन्दी के निकट है और इसकी उत्पत्ति और विकास भारतीय उपमहाद्वीप में ही हुआ। दोनों भाषाएँ एक ही भारतीय आधार से उत्पन्न हुई हैं। हिन्दी के लिए देवनागरी का उपयोग होता है और उर्दू के लिए फ़ारसी-अरबी लिपि प्रयुक्त होती है, जिसे आवश्यकतानुसार स्थानीय रूप में परिवर्तित कर लिया गया है। {{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- उर्दू भाषा}}

{हिन्दी भाषा का पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्ताण्ड' किस सन् में प्रकाशित हुआ था?

type="[]"}

- (1821) + (1826) - (1828) - (1830)

{हिन्दी के किस समाचार-पत्र में 'खड़ीबोली' को 'मध्यदेशीय भाषा' कहा गया है?

type="[]"}

+ बनारस अखबार - सुधाकर - बुद्धिप्रकाश - उदंत मार्तण्ड

{'गाथा' (गाहा) कहने से किस लोक प्रचलित काव्यभाषा का बोध होता है?

type="[]"}

- पालि + 'प्राकृत - अपभ्रंश - संस्कृत

प्राकृत भाषा भारतीय आर्यभाषा का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई.पू. से 1000 ई. सन तक माना जाता है। धार्मिक कारणों से जब संस्कृत का महत्व कम होने लगा तो प्राकृत भाषा अधिक व्यवहार में आने लगी। इसके चार रूप विशेषत: उल्लेखनीय हैं।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- प्राकृत भाषा}}


{सिद्धों की उद्धृत रचनाओं की काव्य भाषा है?

type="[]"}

+ देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी हिन्दी - प्राकृत भाषा - अवहट्ठ भाषा - पालि भाषा

{अपभ्रंश भाषा के प्रथम व्याकरणाचार्य थे?

type="[]"}

- पाणिनि - कात्यायन + हेमचन्द्र - पतंजलि

{'जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सार। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥' इस दोहे के रचनाकार का नाम है?

type="[]"}

- स्वयभू + देवसेन - पुष्यदन्त - कनकामर

{प्रादेशिक बोलियाँ के साथ ब्रज या मध्य देश की भाषा का आश्रय लेकर एक सामान्य साहित्यिक भाषा स्वीकृत हुई, जिसे चारणों ने नाम दिया?

type="[]"}

- डिंगल भाषा - मेवाड़ी भाषा - मारवाड़ी भाषा + पिंगल भाषा


{अपभ्रंश के योग से राजस्थानी भाषा का जो साहित्यिक रुप बना, उसे कहा जाता है?

type="[]"}

- पिंगल भाषा + डिंगल भाषा - मेवाड़ी भाषा - बाँगरु भाषा

{अमीर ख़ुसरो ने जिन मुकरियों, पहेलियों और दो सुखनों की रचना की है, उसकी मुख्य भाषा है?

type="[]"}

- दक्खिनी + खड़ीबोली - बुन्देली - बघेली

{'एक नगर पिया को भानी। तन वाको सगरा ज्यों पानी।' यह पंक्ति किस भाषा की है?

type="[]"}

+ ब्रजभाषा - खड़ीबोली भाषा - अपभ्रंश भाषा - कन्नौजी भाषा ब्रजभाषा मूलत: ब्रजक्षेत्र की बोली है। विक्रम की 13वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक भारत में साहित्यिक भाषा रहने के कारण ब्रज की इस जनपदीय बोली ने अपने विकास के साथ भाषा नाम प्राप्त किया और ब्रजभाषा नाम से जानी जाने लगी। शुद्ध रूप में यह आज भी मथुरा, आगरा, धौलपुर और अलीगढ़ जिलों में बोली जाती है। इसे हम केंद्रीय ब्रजभाषा भी कह सकते हैं। आधुनिक ब्रजभाषा 1 करोड़ 23 लाख जनता के द्वारा बोली जाती है और लगभग 38,000 वर्गमील के क्षेत्र में फैली हुई है। {{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- ब्रजभाषा}}

{किस भाषा को वैज्ञानिक ने बिहारी और मैथिली मागधी से निकली होने के कारण हिन्दी से पृथक् माना है?

type="[]"}

- हार्नले + सुनीति कुमार चटर्जी - जॉर्ज ग्रियर्सन - धीरेन्द्र वर्मा

{देवनागरी लिपि को राष्ट्रलिपि के रूप में कब स्वीकार किया गया था??

type="[]"}

+(14 सितम्बर, 1949) - (21 सितम्बर, 1949) - (23 सितम्बर, 1949) - (25 सितम्बर, 1949)

{'रानी केतकी की कहानी' की भाषा को कहा जाता है?

type="[]"}

- हिन्दुस्तानी + खड़ीबोली - उर्दू - अपभ्रंश

{देवनागरी लिपि का विकास किस लिपि से हुआ है?

type="[]"}

- खरोष्ठी लिपि - कुटिल लिपि + ब्राह्मी लिपि - गुप्तकाल की लिपि

अशोक की ब्राह्मी लिपि के अक्षर
प्राचीन ब्राह्मी लिपि के उत्कृष्ट उदाहरण सम्राट अशोक (असोक) द्वारा ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में बनवाये गये शिलालेखों के रूप में अनेक स्थानों पर मिलते है । नये अनुसंधानों के आधार 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के लेख भी मिले है। ब्राह्मी भी खरोष्ठी की तरह ही पूरे एशिया में फैली हुई थी।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- ब्राह्मी लिपि

{'बाँगरू' बोली का किस बोली से निकट सम्बन्ध है?

type="[]"}

- कन्नौजी - बुन्देली - ब्रजभाषा +खड़ीबोली

{मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाओं का स्थिति काल रहा है?

type="[]"}

- (1500 ई.पू. से 500 ई.पू.) - (1000 ई.पू. से 500 ई.पू.) - (500 ई.पू. से 600 ई.पू.)] + (500 ई.पू. से 1000 ई.पू.)

{'प्राचीन देशभाषा' (पूर्व अपभ्रंश) को 'अपभ्रंश' तथा परवर्ती अर्थात् अग्रसरीभूत अपभ्रंश को 'अवहट्ठ' किस भाषा वैज्ञानिक ने कहा है?

type="[]"}

- ग्रियर्सन - भोलानाथ तिवारी +सुनीतिकुमार चटर्जी एवं सुकुमार सेन -उदयनारायण तिवारी

{अर्द्धमागधी अपभ्रंश से इनमें से किस बोली का विकास हुआ है?

type="[]"}

- पश्चिमी - बिहारी - बंगाली + बंगाली

{कामताप्रसाद गुरु का हिन्दी व्याकरण विषयक ग्रंथ, जो नागरी प्रचारिणी सभा, काशी से प्रकाशित हुआ था, उसका नाम था?

type="[]"}

- हिन्दी का सरल व्याकरण - हिन्दी का प्रामाणिक व्याकरण + हिन्दी व्याकरण - हिन्दी का व्यावहारिक व्याकरण

{देवनागरी लिपि है?

type="[]"}

- वर्णात्मक - वर्णात्मक और अक्षरात्मक दोनों + अक्षरात्मक -इनमें से कोई नहीं

{विद्यापति की उस प्रमुख रचना का नाम बताइए, जिसमें 'अवहट्ठ' भाषा का बहुतायत से प्रयोग हुआ है?

type="[]"}

- कीर्तिपताका + कीर्तिलता - विद्यापति पदावली -पुरुष परीक्षा

{जॉर्ज ग्रियर्सन ने पश्चिमोत्तर समुदाय की भाषा को आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की किस उपशाखा में रखा है?

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- भीतरी उपशाखा + बाहरी उपशाखा - मध्यवर्गीय उपशाखा -इनमें से कोई नहीं

{सुनीति कुमार चटर्जी ने आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं के अंतर्गत पूर्वी हिन्दी को किस शाखा के भीतर रखा है?

type="[]"}

- उदीच्य - प्रतीच्य + प्राच्य -दाक्षिणात्य


उर्दू किस भाषा का मूल शब्द है?

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'साहित्य का इतिहास दर्शन' ग्रंथ के लेखक का नाम है?

साँचा:Optसाँचा:Ans

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कृत 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' की अधिकांश सामग्री पुस्तकाकार प्रकाशन के पूर्व 'हिन्दी शब्द- सागर की भूमिका में छपी थी। इस भूमिका में उसका शीर्षक था?

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जॉर्ज ग्रियर्सन का इतिहास ग्रन्थ 'मॉडर्न वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ़ नॉदर्न हिन्दुस्तान' का प्रकाशन हुआ था?

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"जिस कालखण्ड के भीतर किसी विशेष ढंग की रचनाओं की प्रचुरता दिखाई पड़ी है, वह एक अलग काल माना गया है और उसका नामकरण उन्हीं रचनाओं के अनुसार किया गया है" यह मान्यता किस इतिहासकार की है?

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आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के उस इतिहास ग्रंथ का नाम बतलाइए जिसमें मात्र आदिकालीन हिन्दी साहित्य सम्बन्धी सामग्री संग्रहीत है?

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आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किन दो प्रमुख तथ्यों को ध्यान में रखकर 'हिन्दी साहित्य के इतिहास' के काल खण्डों का नामकरण किया है?

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इनमें किस इतिहासकार ने सर्वप्रथम रीतिकालीन कवियों के सर्वाधिक परिचयात्मक विवरण दिए है?

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'हिन्दी साहित्य का अतीत: भाग- एक' के लेखक का नाम है?

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प्रेम लक्षणा भक्ति को किस भक्ति शाखा ने अपनी साधना का मुख्य आधार बनाया है?

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मनुष्यत्व की सामान्य भावना को आगे करके निम्न श्रेणी की जनता में आत्म- गौरव का भाव जगाने वाले सर्वश्रेष्ठ कवि थे?

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'हंस जवाहिर' रचना किस सूफी कवि द्वारा रची गई थी?

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'देखन जौ पाऊँ तौ पठाऊँ जमलोक हाथ, दूजौ न लगाऊँ, वार करौ एक कर को।' ये पंक्तियाँ किस कवि द्वारा सृजित हैं?

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'भक्तमाल' भक्तिकाल के कवियों की प्राथमिक जानकारी देता है, इसके रचयिता थे?

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आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने रीतिकाल को 'श्रृंगारकाल' नाम दिया, लेकिन उन्होंने इस पर जो ग्रंथ लिखा, उसका नाम 'हिन्दी का श्रृंगारकाल' नहीं है, बल्कि उसका नाम है?

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