"गणेश जी की आरती": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Ganesha.jpg|thumb|250|गणेश<br />Ganesha]]
[[चित्र:Ganesha.jpg|thumb|250|गणेश<br />Ganesha]]


<blockquote><span style="color: saffron"><poem>जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
माता जा की पार्वती, पिता महादेवा ॥
माता जा की पार्वती, पिता महादेवा ॥


पंक्ति 12: पंक्ति 12:
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥
 
{{गणेश}}
'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥</poem></span></blockquote>  
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥</poem></span></blockquote>  

15:02, 3 जनवरी 2011 का अवतरण

गणेश
Ganesha

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
माता जा की पार्वती, पिता महादेवा ॥

एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी ।|

अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया|
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।|

पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥

अन्य सम्बंधित लेख



'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥

दोहा

श्री गणेश यह चालीसा पाठ करें धर ध्यान।
नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥
सम्वत् अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥

संबंधित लेख