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*पौराणिक कथाओं के अनुसार उत्तरकाशी में ही राजा [[भागीरथ]] ने तपस्या की थी और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर [[ब्रह्मा]] जी ने उन्हें वरदान दिया था कि भगवान शिव धरती पर आ रही गंगा को धारण कर लेंगे। तब से यह नगरी विश्वनाथ की नगरी कही जाने लगी और कालांतर में इसे उत्तरकाशी कहा जाने लगा। | *पौराणिक कथाओं के अनुसार उत्तरकाशी में ही राजा [[भागीरथ]] ने तपस्या की थी और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर [[ब्रह्मा]] जी ने उन्हें वरदान दिया था कि भगवान शिव धरती पर आ रही गंगा को धारण कर लेंगे। तब से यह नगरी विश्वनाथ की नगरी कही जाने लगी और कालांतर में इसे उत्तरकाशी कहा जाने लगा। | ||
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*इस त्रिशूल का ऊपरी भाग लोहे का है तथा निचला भाग ताँबे का है। | *इस त्रिशूल का ऊपरी भाग लोहे का है तथा निचला भाग ताँबे का है। |
11:35, 22 फ़रवरी 2011 का अवतरण
उत्तरकाशी | उत्तरकाशी पर्यटन | उत्तरकाशी ज़िला |
उत्तरकाशी ऋषिकेश से 155किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह शहर भागीरथी नदी के तट पर बसा हुआ है। उत्तरकाशी धार्मिक दृष्िट से भी महत्वपूर्ण शहर है। यहां भगवान विश्वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। उत्तरकाशी पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थल है, यहाँ कई तीर्थस्थल भी है और कई मनोहर प्राकृतिक दृश्य भी। यहीं गंगा औऱ यमुना जैसे नदियों का उद्गम स्थल है।
चन्द्रपुर पर्यटन
- विश्वनाथ मंदिर
मुख्य लेख : विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी
- प्राचीन विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
- पौराणिक कथाओं के अनुसार उत्तरकाशी में ही राजा भागीरथ ने तपस्या की थी और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उन्हें वरदान दिया था कि भगवान शिव धरती पर आ रही गंगा को धारण कर लेंगे। तब से यह नगरी विश्वनाथ की नगरी कही जाने लगी और कालांतर में इसे उत्तरकाशी कहा जाने लगा।
- शक्ति मंदिर
मुख्य लेख : शक्ति मंदिर उत्तरकाशी
- इस मंदिर में 6 मीटर ऊँचा तथा 90 सेंटीमीटर परिधि वाला एक बड़ा त्रिशूल स्थापित है।
- इस त्रिशूल का ऊपरी भाग लोहे का है तथा निचला भाग ताँबे का है।
- मनीरी
मुख्य लेख : मनीरी उत्तरकाशी
- मनीरी उत्तरकाशी से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यहाँ पर एक बाँध बनाया गया है।
- गंगनी
मुख्य लेख : गंगनी उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी में यह स्थान मनीरी से गंगोत्री जाने के रास्ते पर स्थित है।
- यहाँ एक गर्म पानी का झरना है।
- दोदीताल
मुख्य लेख : दोदीताल उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी में यह ताल समुद्र तल से 3307 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- यह ताल चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ है।
- दायरा बुग्याल
मुख्य लेख : दायरा बुग्याल उत्तरकाशी
- यहाँ से हिमालय का बहुत ही सुंदर नजारा दिखता है।
- यहाँ एक छोटी सी झील भी है।
- सत ताल
मुख्य लेख : सत ताल उत्तरकाशी
- सत ताल का अर्थ है सात झीलें।
- यह धाराली से 2 किलोमीटर ऊपर हरसिल के पास स्थित है।
- केदार ताल
मुख्य लेख : केदार ताल उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी का यह ताल समुद्र तल से 15000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।
- थाल्यासागर चोटी का इसमें स्पष्ट प्रतिबिंब नज़र आता है।
- नचिकेता ताल
मुख्य लेख : नचिकेता ताल उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी के इस ताल के चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है।
- ताल के तट पर एक छोटा सा मंदिर भी है।
- यह उत्तरकाशी से 32 किमी दूर स्थित है।
- गोमुख
मुख्य लेख : गोमुख उत्तरकाशी
- गोमुख हिमनदी ही भागीरथी (गंगा) नदी के जल का स्रोत है।
- उत्तरकाशी में यह हिंदुओं के लिए बहुत ही पवित्र स्थान है।
- यह गंगोत्री से 18 किलोमीटर की दूरी पर है।
- नंदन वन तपोवन
मुख्य लेख : नंदन वन तपोवन उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी में यह स्थान गंगोत्री हिमनद से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- नेहरु पर्वतारोही संस्थान
मुख्य लेख : नेहरु पर्वतारोही संस्थान उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी में एक संस्था है जिसका नाम है नेहरु पर्वतारोही संस्थान।
- इस संस्थान की स्थापना 1965 ई.में हुई।
- इस संस्थान में पर्वतारोहण सिखाया जाता है।
- पर्वतारोहण
मुख्य लेख : पर्वतारोहण उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी का एक अन्य आकर्षण पर्वतारोहण है।
- यहाँ आप पर्वतारोहण का मजा ले सकते हैं।
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